कोसी में एम्स निर्माण को सासंद ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री व मुख्यमंत्री बिहार के नाम लिखे पत्र


सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) ब्रजेश भारती की रिपोर्ट :-


बिहार के दरभंगा डीएमसीएच अस्पताल को ही एम्स अस्पताल में अपग्रेड करने की राज्य सरकार की पहल की खबर मीडिया में आने के बाद कोशी क्षेत्र के नेताओं (खासकर के विपक्षी दलों) में इसको लेकर जागरूकता देखी जा रही है। वही युवाओं में भी इस मामले को लेकर काफी जोश देखा जा रहा है।

लोजद नेता प्रवीण अानंद, रितेश रंजन सहित कुछ अन्य नेता पहले से ही एम्स सहरसा में हो इसके लिए हमेशा तत्पर देखें गए हैं। हालांकि इस बीच जाप संरक्षक सह मधेपुरा सांसद पप्पू यादव ने भी इस मुद्दे को लेकर अपनी रणनीति स्पष्ट करते हुए हर हाल में एम्स अस्पताल कोशी क्षेत्र में ही हो इसके लिए आन्दोलन का रूप की घोषणा कर दी।


इस बीच एनडीए घटक दल के एक सहयोगी लोजपा के खगड़िया सांसद चौधरी महबूब अली कैसर भी कोशी क्षेत्र में ही एम्स अस्पताल हो इसके लिए अपनी रणनीति स्पष्ट करते हुए इसके लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री एवं राज्य के मुख्यमंत्री के नाम एक पत्र लिखकर अपना समर्थन कर दिया है। 

पत्र में उन्होने कहां कि कोसी मुख्यालय सहरसा में सिर्फ एक प्रमंडल के अलावा कुछ नही है। एक निजी लार्ड बुद्धा मेडिकल कॉलेज खुला भी था, लेकिन मेडिकल कॉउंसिल ऑफ इंडिया के निहित मानक को पूरा नही करने के कारण बंद हो गया। यहां के लोगो को इलाज के लिये पटना एव दिल्ली के अलावा दूसरा कोई रास्ता नही है। ऐसे में एम्स जैसे अस्पताल का निर्माण कोशी क्षेत्र में ही हो इसका समर्थन किया है। 


वही सबसे बड़ा आश्चर्य अबतक सत्तारूढ़ दल के अन्य कुछ नेताओं का रूख इस विषय पर स्पष्ट नजर नहीं आ रहा है। अबतक सुपौल के वरीय नेता सह मंत्री बिजेंद्र यादव, भाजपा नेता नीरज कुमार बबलू, सिमरी बख्तियारपुर विधायक सह मंत्री दिनेश चंद्र यादव सहित अन्य नेता इस विषय पर कुछ भी स्पष्ट करते नजर नहीं आ रहे हैं। 

अगर राजनेतिक गलियारों में हो रही चर्चा में ध्यान दें तो इन लोगों को लगता है कि अगर इन लोगों ने इस ओर पहल कर एम्स अस्पताल कोशी क्षेत्र में करा भी दिया तो क्रेडिट अन्य किसी के पाले में ना चली जाए इसलिए इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। 


ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर क्रेडिट के चक्कर में कहीं एम्स अस्पताल कोशी क्षेत्र से निकल गया तो फिर यह बात अगले चुनाव में बड़ा चुनावी मुद्दा बनने से कोई रोक नहीं सकता है। क्योंकि इस अस्पताल के कोशी क्षेत्र में बनने से ना सिर्फ स्वास्थ्य व्यवस्था में कोशी आत्मनिर्भर बनेगा बल्कि अन्य विकास के मामले में अन्य इलाकों को पीछे छोड़ सकती है। 


ऐसे में क्षेत्र हीत को देखते हुए क्रेडिट का चक्कर छोड़ हर एक नेता चाहे व पक्ष के हो या विपक्ष के इस मुद्दे पर एकजुट होकर एम्स को कोशी में ही निर्माण के लिए सरकार पर दबाव बनाए और हर हाल में यह अस्पताल यहां खोलवाने की पहल करें।