एसडीपीओ दबंग तिवारी व उत्पाद अधीक्षक जमाल अशरफ के बाद अब श्वान दस्ता बरपाएंगे कहर

सिल्वर मेडल प्राप्त इन दोनों से बचना मुमकिन ही नहीं नामुमकिन

सहरसा से V & N की विशेष रिपोर्ट :- सहरसा जिले में शराब व उससे जुड़े कारोबारी की अब खैर नहीं। पहले ही सहरसा में दो अधिकारी सदर एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी व उत्पाद अधीक्षक जमाल अशरफ शराब व उससे जुड़े कारोबारी उसके खौफ का नाम बन गया है।

इन दोनों के बाद अब एक ओर नाम खौफ का जुड़ गया है रॉकी व जेबी का।ये दोनों ऐसे हैं कि तीन फीट मिट्टी के अन्दर जमीन में गाड़ कर रखे शराब को भी ढुंढ पकड़ लेता है। इतना ही नहीं शराब का सेवन करने वाले को दुर से ही पहचान जाता है।

ये भी पढ़ें :- प्रसिद्ध व्यवसायी प्रदीप मोदी एण्ड सन्स व्यापार की आड़ में करता था शराब का कारोबार, हुआ गिरफ्तार

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये दोनों कौन है जी हां आपने सही पकड़ा ये प्रशिक्षित श्वान यानि कुत्ता। आठ माह के कड़ी ट्रेनिंग उपरांत अपनी सेवा देने के लिए सहरसा पहुंच चुका है और अपना काम शुरू कर दिया है।

पुलिस व उत्पाद विभाग शराब के ऐसे धंधेबाजों और शराबियों पर कारवाई कर रही है..लेकिन अब सरकार शराबी और शराब कारोबारियों को ढ़ूंढ बाहर निकालने के लिए श्वान दस्ता यानी प्रशिक्षित कुत्तों की मदद ले रही है।

ये भी पढ़ें :- आखिर कब तक बाढ़ एवं विकास की दंश झेलते रहेंगे कोशीवासी

मतलब साफ है कि बिहार में अब अवैध शराब के अवैध कारोबारियों की खैर नहीं. पुलिस या उत्पाद विभाग से ऐसे कारोबारी छिप सकते हैं, लेकिन इन प्रशिक्षित श्वान से नहीं. इसी क्रम में कोसी प्रमंडल में शराब के कारोबार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए सहरसा में भी जेबी और रॉकी नाम के दो प्रशिक्षित श्वान आये हैं।

हैदराबाद से आठ महीने तक प्रशिक्षण प्राप्त डॉग स्कायड मिट्टी के नीचे तीन फीट तक गड़ी शराब हो या लगेज में छिपा कर रखी हो या फिर तस्करी के लिए गाड़ी में छिपाकर ही क्यों न रखी हो, यह पता लगा लेता हैं कि शराब कहां है। शराब की सुगंध लगते ही ये श्वान वहीं रूक उस जगह को पकड़ लेते हैं।

यदि इनके आसपास से कोई शराबी गुजरे तो ये छलांग लगाकर उसके पैर को पकड़ लेता हैं. मतलब साफ है कि अब इन दोनों श्वान से कोई शराबी या शराब कारोबी बच नहीं सकता है. अपनी इस विशिष्ट प्रतिभा के लिए जेबी और रॉकी को सिल्वर मेडल से सम्मानित भी किया जा चुका है।