अमौसी नरसंहार व रामानंद पहलवान हत्याकांड के बाद सुर्खियों में आया था मनोज सदा 

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) कोशी दियारा सहित खगड़िया जिले का चर्चित नक्सली मनोज सदा को एसटीएफ व जिला पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार कर लिया है। मनोज सदा खगड़िया जिला का पचास हजार रुपए का घोषित इनामी बदमाश है। रामानंद पहलवान हत्याकांड का फरारी था।

मनोज सदा अलौली पुलिस गिरफ्त में (फाइल फोटो)

प्राप्त जानकारी के अनुसार सहरसा एसपी हिमांशु के निर्देशन में एसडीपीओ मुकेश कुमार ठाकुर के नेतृत्व में एसटीएफ के सहयोग से गठित टीम द्वारा बुधवार की सुबह फनगो स्टेशन के समीप सलखुआ चिड़ैया थाना क्षेत्र में कुख्यात मनोज सादा को धड़ दबोचा गया। गिरफ्तार मनोज सदा के विरुद्ध खगड़िया, दरभंगा, मधेपुरा, सहरसा जिले में हत्या, लूट, रंगदारी आदि के कांडों का आपराधिक इतिहास रहा है।

ये भी पढ़ें : सहरसा : कोशी दियारा का पहलवान रामानंद यादव की गोली मार हत्या

वहीं चर्चित बाहुबली रामानंद यादव हत्याकांड में वांछित भी है। मालूम हो कि मनोज सादा पर सहरसा, खगड़िया, दरभंगा के विभिन्न थानों में एक दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही थी। वर्ष नवंबर 2020 में मनोज सदा को खगड़िया जिले के अलौली थाना क्षेत्र में एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था।

ये भी पढ़ें : रामानंद पहलवान हत्याकांड का मुख्य आरोपी नक्सली मनोज सादा चढ़ा पुलिस के हत्थे

जानकारी हो कि अलौली थाना क्षेत्र के पिपरपांती वार्ड नंबर 3 निवासी लेलो सदा का पुत्र मनोज सदा पर बहुचर्चित अमौसी नरसंहार का आरोप बाद वह अपराध जगत में चर्चा में आया। अमौसी नरसंहार में 16 किसानों की सामुहिक हत्या तत्कालीन शासक में बड़ी घटनाओं में शामिल थी। मनोज सदा का चरित्र रहा है कि वह बड़े अपराधिक घटनाएं के बाद हरियाणा राज्य की ओर रूख कर जाता है। जब सबकुछ शांत हो जाता है तो वह क्षेत्र वापसी कर लेता था। हाल के दिनों में ही मनोज के दियारा लौटने की बात कहीं जा रही है।

ये भी पढ़ें : रामानंद पहलवान के पूर्व मुखिया भाई को बदमाशों ने गोली मार कर दी हत्या

खैर, वर्तमान में मनोज सदा की गिरफ्तारी में सिमरी बख्तियारपुर एसडीपीओ मुकेश कुमार ठाकुर के अलावे गठित विशेष टीम‌ में शामिल पुलिस सर्किल इंस्पेक्टर मो शुजाउद्दीन, एसटीएफ के पदाधिकारी, चिड़ैया थानाध्यक्ष कर्मवीर सिंह, एसआई कुंदन कुमार सहनी सहित अन्य पुलिस बल शामिल रहे।

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो मनोज सदा पर हत्या मामले में अलौली थाना कांड संख्या 187-08, मोरकाही थाना कांड संख्या 127-12 में जानलेवा हमला व विस्फोटक पदार्थ अधिनियम में उस पर चार्ज सीट दायर है। इसी तरह अलौली थाना कांड संख्या 76-2009 में जानलेवा हमला, उसी थाना के कांड संख्या 86-10 जानलेवा हमला।

ये भी पढ़ें : रामानंद यादव की हत्या बाद दियारा में एक युग का हुआ अंत, नक्सल राज की होगी शुरुआत

वहीं चर्चित अमौसी नरसंहार के मोरकाही थाना कांड संख्या 55-2009, मोरकाही थाना कांड संख्या 46-15 रंगदारी व यूएपीए एक्ट, मोरकाही थाना कांड संख्या 158-17 रंगदारी व शस्त्र अधिनियम में उसके खिलाफ आरोप पत्र समर्पित है।

इसके साथ सहरसा जिले के महिषी थाना कांड संख्या 07-10 जो रंगदारी व जानलेवा हमला, बख्तियारपुर थाना कांड संख्या 248-12 चोरी व शस्त्र अधिनियम, सहरसा के सलखुआ थाना कांड संख्या 41-13 अपहरण व शस्त्र अधिनियम, दरभंगा के कुशेश्वर स्थान थाना कांड संख्या 167-13 हत्या व सीएलए एक्ट में उसपर आरोप पत्र समर्पित किया गया था। इसके अलावे तरह लॉकडाउन के दौरान चिड़ैया ओपी क्षेत्र में चर्चित बाहुबली रामानंद यादव हत्याकांड में मनोज सदा की तलाश पुलिस को थी।

वर्ष 2008 के बाद सुर्खियों में आया मनोज सदा अपराध की दुनिया में कदम रखने के बाद फिर मुड़कर पीछे नहीं देखा। 2008 में हत्या की घटना को अंजाम देकर कोशी दियारा के फरकिया के लोगों के बीच खलबली मचा दी थी। वर्ष 2009 में अहिंसा दिवस की रात पहले अलौली के अमौसी के बधार बहियार में इचरूआ के 16 किसानों की गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गई थी। और उसमें भी मनोज सदा का नाम आया था। तब से लेकर रामानंद पहलवान हत्याकांड तक हमेशा अपराध की दुनिया में चर्चित रहा है।

चलते चलते पढ़ें अलौली थाना में वर्ष 2020 में गिरफ्तार हुआ मनोज सदा की रिपोर्ट….!