जानिए अपने खगड़िया लोकसभा क्षेत्र के माकपा (एम) प्रत्याशी संजय सिंह को

खगड़िया : लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंक चुका है। देश में चुनावी बयार में चल रहा है। बिहार के खगड़िया लोकसभा क्षेत्र से महागठबंधन व एनडीए गठबंधन का प्रत्याशी घोषित किया जा चुका है। एनडीए के लोजपा रामविलास से भागलपुर के रहने वाले राजेश वर्मा को टिकट थमाया है तो वहीं महागठबंधन समर्पित माकपा एम ने संजय सिंह पर विश्वास जताया है।

आईए जानते हैं कि महागठबंधन समर्पित माकपा एम प्रत्याशी संजय सिंह को। खगड़िया जिले के माड़र गांव निवासी 58 वर्षीय संजय सिंह स्वतंत्रता सेनानी परिवार से आते हैं। इनकी दादी सन 1942 में स्वतंत्रता आन्दोलन में जेल में रहीं और चाचा शहीद प्रभुनारायन सिंह अंग्रेजी हुकूमत के ज़ुल्म का शिकार हुई। अंग्रेजों ने प्रभु नारायण सिंह को गोली मारकर मौत के घाट शुला दी। उन्होंने देश की आजादी में अपना सर्वोच्च बलिदान देकर देश को आजाद कराने में अहम भूमिका निभाई।

पिता कामरेड योगेन्द्र सिंह खगड़िया जिला के किसान मजदूरों के हक एवं अधिकार की लड़ाई में छात्र जीवन से संघर्षशील रहे और खगड़िया विधान सभा क्षेत्र वर्ष 2000 से 2005 तक प्रतिनिधित्व किया। शिक्षा के क्षेत्र में भी संजय सिंह के परिवार का योगदान रहा है। इनके गाँव माड़र स्थित चमरू शीतल उच्च विद्यालय इनके परिवार का ही योगदान है जहाँ से कामरेड संजय कुमार ने प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की एवं मेट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की।

इंटरमीडिएट के छात्र रहते संजय सिंह छात्र आन्दोलन में भाग लेना आरम्भ कर दिया। वर्ष 1979 में इन्होने स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया ( एसएफआई ) की सदस्यता ग्रहण कर ली। 1979 से इन्होने छात्र आन्दोलन से राजनितिक संघर्ष आरम्भ किया। 1980 में एसएफआई राज्य कमिटी के सदस्य के रूप में इन्होने बिहार के अन्य जिलों में छात्र को संगठित करना आरम्भ किया।

1981 में छात्र आंदोलन के दौरान समस्तीपुर और दरभंगा जिला में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के महाविद्यालयों में नामांकन और फीस बढ़ोतरी के खिलाफ ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के समक्ष आंदोलन का नेतृत्व किया, प्रदर्शन के दौरान अपने 52 साथियों के साथ गिरफ्तार हुए और दरभंगा जेल में एक महीने रहे।

1987 से 2012 तक भारत का जनवादी नौजवान सभा (डी.वाई.एफ.आई) के खगड़िया जिला का सचिव/जिलाध्यक्ष और राज्य के संयुक्त सचिव चुने गए और इस अवधि में लगातार खगड़िया जिला में युवा आंदोलन का नेतृत्व किया। 1984 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया मार्क्सवादी (सीपीआई,एम की सदस्यता ग्रहण किया और 1987 में खगड़िया जिला कमिटी सदस्य के रूप में आन्दोलन का नेतृत्व किया।

संजय सिंह, प्रत्याशी खगड़िया लोकसभा

किसानों के मुद्दे पर जिला में किसान आंदोलन का नेतृत्व कर खगड़िया में मक्के की सर्वाधिक उपज के आधार पर जिला में स्टार्च फैक्ट्री लगाने के सवाल पर लगातार आंदोलन चलाया। सन 2011 में अपने साथियों के साथ तीन दिनों का भूख हड़ताल भी जिला समाहर्ता के समक्ष किया। आन्दोलन के फलस्वरूप राज्य सरकार को वियाडा के माध्यम से स्टार्च फैक्ट्री लगाने का निर्णय लेना पड़ा।

2013 में बिहार के विद्यालयों में प्रधान मंत्री पोषण योजना के तहत कार्यरत रसोइयों के संगठन मीड-डे-मील वर्कर्स (रसोइया) यूनियन (सीटू) से जुड़े और रसोईया की मानदेय बढ़ोत्तरी सहित अन्य सुविधाओं को लेकर प्रखंड स्तर से लेकर राज्य स्तर के उनके स्वतंत्र एवं संयुक्त मोर्चा के आंदोलनों का लगातार नेतृत्व कर रहे हैं।

वर्ष 2015 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया मार्क्सवादी (सीपीआई एम) के खगड़िया जिला के जिला सचिव के रूप में निर्वाचित किये गए। 2022 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया मार्क्सवादी (सीपीआई एम) के बिहार राज्य सचिव मंडल सदस्य और 2023 में बिहार राज्य किसान सभा के संयुक्त सचिव के लिए निर्वाचित किये गए हैं l वर्तमान में पार्टी ने संजय सिंह को खगड़िया लोकसभा क्षेत्र से महागठबंधन समर्पित उम्मीदवार के रूप में जनता के बीच शक्ति परीक्षण के लिए उतार दिया हैं अब देखने वाली बात होगी कि जनता संजय सिंह को गले लगा नई दिल्ली भेजती हैं।

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