सौनवर्षा राज थाना क्षेत्र का मामला, चौकीदार बना मीडिया की सुर्खि
सहरसा से V & N की रिपोर्ट : अपराध की रोकथाम व कानून के नियमों के अनुपालन कराने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है। लेकिन जब पुलिस ही कानून के नियमो की अनदेखी करे तो आमजन से कानून के नियमों के पालन का पाठ कौन पढ़ाएगा।
जी हां मामला सहरसा जिले के सोनवर्षा राज थाने से जुड़ा है, जहां सोनवर्षाराज थाना पुलिस द्वारा शराबबंदी कानून के तहत जप्त वाहनों का उपयोग उनके चौकीदार द्वारा किए जाने का मामला सामने आया है । यह सोनवर्षाराज थानाध्यक्ष की मेहरबानी कहिए या फिर गैर जवाबदेही कहिए कानूनी नियम कायदे कर्मियों पर लागू होते नही दिख रहे हैं।
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दरअसल जो वीडियो सामने आया उसमें थाने में तथाकथित मुंशी का कार्य करने वाले चौकीदार चंद्रकिशोर कुमार शर्मा द्वारा शराब मामले में जब्त मोटरसाइकिल का बेधड़क उपयोग किया जा रहा है। इतना ही नही आश्चर्यजनक यह कि चौकीदार चंद्रकिशोर ने अपने उपयोग में लाए जा रहे जब्ती के मोटरसाइकिल के नंबर प्लेट पर पुलिस की पहचान वाली ब्लू व लाल रंग का स्टीकर तक लगा रखा है। ताकि कानून के रखवाले खुद कानून के आंखों में धूल झोंक बेरोकटोक जब्त वाहन का इस्तेमाल कर सके।
यह जानना बेहद ही जरूरी है कि आखिरकार जब्ती के वाहन की कहानी क्या है। तो हम आपको बताते हैं। बीते 07 दिसंबर को सोनवर्षा राज थाना पुलिस द्वारा गुप्त सूचना के आधार पर देहद पंचायत के मोहनपुर पुल के समीप वाहन जांच के दौरान देशी महुआ शराब ले जा रहे तीन मोटरसाइकिल पर सवार चार युवक को गिरफ्तार किया था।
जिसके बाद पुलिस ने बरामद शराब व मोटरसाइकिल को जब्त किया था। लेकिन जब कानून के नियमों की बात करे तो मामला कानून के नियमों से बिल्कुल विपरीत नजर आया। इन मामलों में जब्त बिना नंबर की एक हीरो स्प्लेंडर प्लस मोटरसाइकिल का उपयोग पुलिस नंबर प्लेट लगा चौकीदार चंद्रकिशोर शर्मा के द्वारा किया जाने लगा।
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इधर मामला सामने आने के बाद सिमरी बख्तियारपुर एसडीपीओ मृदुला कुमारी ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है पूरे मामले की जांच कर दोषी पर कार्रवाई की जाएगी।
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