बनमा-ईटहरी ओपी क्षेत्र के परसबन्नी गांव का है मामला, मौके से खोखा व जिंदा गोली बरामद
विष्णुदेव पासवान व सूर्य नारायण यादव के पुत्रों के बीच चल रहा है जमीनी विवाद
सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) ब्रजेश भारती : सहरसा जिले बनमा-ईटहरी ओपी क्षेत्र के परसबन्नी गांव में रविवार आधी रात जमीनी विवाद में एक पक्ष के लोगों द्वारा मंगाए गए भाड़े के बदमाशों द्वारा की गई गोलीबारी की तड़तड़ाहट से पुरा गांव थर्रा गया।
वहीं इस गोलीबारी की घटना में एक तीस वर्षीय शख्स को गोली लगने से घटना स्थल पर ही मौत हो गई वहीं दो बच्चे गंभीर रूप से जख्मी हो गया,जिसे इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल सिमरी बख्तियारपुर में भर्ती कराया गया जहां से डाक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए सहरसा रेफर कर दिया है। वही मृतक युवक के शव को पुलिस कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतू सहरसा भेज दिया है। घटना स्थल से पुलिस ने सात खाली खोखा एवं दो जिंदा कारतूस बरामद कर मामले की छानबीन शुरू कर दिया है।
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घटना के संबंध में बताया जाता है कि परसबन्नी गांव निवासी सूर्य नारायण यादव के पुत्र गणेश यादव व दिनेश यादव की लड़ाई छ कट्ठा जमीन में से 15 धूर जमीन को लेकर गांव के ही विष्णु देव पासवान के बीच चल रहा था। विवादित जमीन पर विष्णु देव पासवान ने दो दिन माह पूर्व से मकान निर्माण शुरू कर दिया।
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इस निर्माण कार्य को लेकर दोनों में तनाव बढ़ गया था। सूर्य नारायण यादव पक्ष के लोगों ने इस बात को लेकर ओपी में मामले की जानकारी भी दी थी। जिसमें पुलिस ने दोनों पक्षों पर 107 की कार्रवाई करते हुए 144 की कार्रवाई के लिए अनुमंडल न्यायालय मामला भेज दिया था, बताया जा रहा है मामला चल रहा है।
इस बीच रूक रूक कर निर्माण कार्य पासवान पक्ष के द्वारा किया जा रहा था। कुछ दिनों से निर्माण कार्य तेज कर दिया गया। यह बात दुसरे पक्ष को नागवार लगा। वासना पक्ष का आरोप है कि भाड़े के बदमाशों को मंगा रविवार देर रात विवादित निर्माण स्थल पर गोलीबारी करवाया।
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भाड़े पर आए बदमाशों ने आधी रात को जमकर गोलीबारी करते हुए वहां तांडव मचाया। इस बीच वहां सो रहे निर्माण कार्य में शामिल पड़ोस के गांव के 15 वर्षीय मजदुर गौरव कुमार के पैर में गोली लग गई वहीं उसके बगल में सो रहे 12 वर्षीय दिनकर कुमार के हाथ में गोली लग गई।
गोली से जख्मी गौरव कुमार भाग पड़ोस के ऋषिकेश यादव के घर में छुप गया। इस बीच ऋषिकेश जो अपने घर में सोया हुआ था वह उठ अपने दरवाजे पर बंधी भैंस को देखने निकला की बदमाशों के द्वारा चलाई गई एक गोली पेट में लगी वही दुसरा गोली पीठ को फाड़ते हुए छाती से निकल गई। ऋषिकेश अपने आंगण के गेट पर ही ढ़ेर हो गया।
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अहले सुबह मामले की जानकारी होने पर बख्तियारपुर सर्किल इंस्पेक्टर राजेश्वर सिह ओपीध्यक्ष रूदल कुमार पुलिस बलों के साथ घटना स्थल पहुंच मामले की छानबीन शुरू करते हुए घटना स्थल से खोखा व जिंदा कारतूस बरामद कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेज दिया।
घटना के बाद गांव में दहशत व्याप्त है। विवादित स्थल पर चौकिदार की तैनाती कर दी गई है। वही अभी तक पुलिस इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं कर सकी है। मृतक ऋषिकेश के परिजनों में शौक की लहर है। तीन बच्चों के पिता ऋषिकेश की पत्नी पर दुखों का पहाड़ टुट पड़ा है।
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चुंकि इस पुरे विवाद से ऋषिकेश का कोई लेना देना नहीं था वह दरवाजे के आगे गोलीबारी की बात समझ बंधी भैंस को कहीं गोली ना लग जाए इसलिए वह घर से निकल दरबाजे पर जा रहा था। दबकि बड़ी पुत्री ने बताया कि पिता को बोले दरबाजे पर नहीं जाईए गोली चल रहा है लेकिन वह नहीं माने चले गए।
इस पुरे मामले में स्थानिय पुलिस की सुस्ती व लापरवाही भी सामने आ रही है अगर पुलिस मामले की नजाकत को भांप थोड़ा भी एक्शन लेती तो आज बेगूनाह रिकेश की मौत नहीं होती चुंकि विवादित जमीन पर 107 एवं 144 की कार्रवाई चलने के बावजूद निर्माण कार्य किया जा रहा था।
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वहीं पुलिस पुरे मामले को लेकर दिन भर माथा पच्ची करती नजर आ रही है। पासवान पक्ष के द्वारा पुलिस को फर्दबयान दिया जा रहा था हालांकि अभी तक मृतक का पोस्टमार्टम व घायलों का ईलाज सहरसा में हो रहा है इस ओर से कोई सूचना पुलिस को प्राप्त नहीं हुई है।