अल्लाह का बनाया कानून कयामत तक के लिये है।इसमें छेड़छाड़ बर्वाद नही

स्टेट जामा मस्जिद में हुई बैठक में लिया गया कई निर्णय

सिमरी बख्तियारपुर(सहरसा) से ब्रजेश भारती की रिपोर्ट :-

केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा तीन तलाक पर लाये गये नये कानून का विरोध सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल क्षेत्र की मुस्लिम महिलाओं के द्वारा किया जायेगा। इसके विरोध में यहां की महिलायें अगामी 22 फरवरी को सड़क पर उतर विरोध करेगी।

विरोध प्रदर्शन जूलुस स्टेट प्रांगण से लेकर अनुमंडल मुख्यालय तक जा वहां एसडीओे के माध्यम से देश के वरीय नेताओं के नाम ज्ञापन सौंपा जायेगा।

उपरोक्त बातों को लेकर रविवार को स्टेट स्थित जामा मस्जिद में अनुमंडल के तीनों प्रखंड के मुस्लिम बुद्धिजीवीयों की एक बैठक आयोजित की गई। मौलाना सैयद साजिद अशरफ की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि अगामी 22 फरवरी को केंद्र सरकार के द्वारा तीन तलाक बिल के विरोध में महिलाओं की जुलूस निकाली जायेगी। इसकी सफलता को लेकर विचार विमर्श भी किया गया।

बैठक में केंद्र सरकार द्वारा तीन तलाक पर नये कानून बनाने का प्रयास का विरोध करते हुए उसे असंवैधानिक बताया। इस अवसर पर मौलाना आफाक असरफ अहमदी, एवं कारी अब्दुल गफ्फार नक्शबंदी ने सभी भेदभाव समाप्त कर एक जुट होकर केंद्र के इस प्रयास का विरोध करने पर जोर दिया।
इमारत शरिया पटना के मुफ्ती सईद उर्रहमान कासमी ने कहा कि अल्लाह का कानून कयामत तक के लिये है। उसमें कोई बदलाव नही हो सकता। तीन तलाक का जो भारतीय संविधान द्वारा जो धार्मिक स्वतंत्रता दी गयी है इसके भी विरुद्ध है।

मस्जिद के अध्यक्ष हाफिज मुमताज रहमानी ने बताया कि सिमरी बख़्तियारपुर में मुश्लिम महिलाओ का एक जुलुश 22 फरवरी को बख़्तियारपुर स्टेट से अनुमंडल पहुचकर अनुमंडल पदाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन दिया जायेगा।

बैठक में हाफिज मुमताज रहमानी, मुप्ति फैयाज कासमी, मौलाना रिजवान कादरी, मौलाना जियाउद्दीन नदवी, मौलाना काजिम अशरफी, सैयद रजा अशरफ, सैयद अमीन अशरफ, हाफिज फिरोज आलम, मौलाना मंजूर आलम, मौलाना अकबर अशरफी, जावेद अख्तर अशरफी, गुलाम फखरुद्दीन, शमीम अनवर, मौलाना ताज उद्दीन कासमी, मौलाना अयूब कासमी, हाफिज शकील, मौलाना फिरोज, हाफिज नईम, सोहेल अहमद, कारी रिजवान उपस्थित थे।