दिल्ली झुग्गी झोपड़ी संघ व बीजेपी से जुड़े हैं सिमरी बख्तियारपुर के बैडी निवासी कैलाश

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) से ब्रजेश भारती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट : एक कहावत है एक बिहारी सौ पर भारी ! यह कहावत सिर्फ नेगेटिव बातें को लेकर नहीं है बल्कि पॉजिटिव बातों को लेकर भी है। उपरोक्त कहावत को चरितार्थ किया है सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड क्षेत्र के एक छोटे से गांव महम्मदपुर पंचायत के बैडी गांव निवासी कैलाश यादव ने।

वर्तमान में राष्ट्रीय पुर्वांचल महासंघ दिल्ली प्रदेश ने उन्हें संगठन में मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी है। दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष बिनोद चौधरी ने एक पत्र जारी कर संगठन में कैलाश यादव सहित 32 लोगों ने विभिन्न पदों की जिम्मेदारी सौंपी है। जिम्मेदारी मिलने पर कैलाश यादव ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि संगठन ने जो जिम्मेदारी सौंपी है उस पर शत प्रतिशत खड़ा उतरूंगा।

बतातें चले कि पिता बुधलाल यादव के तीन संतानों में दुसरे नंबर का सबसे बड़ा बेटा कैलाश आज से करीब दो दशक पहले कुछ करने की तमन्ना लिए घर से निकल देश की राजधानी दिल्ली के लिए रूख कर गए। दिल्ली में दो दशक कठिन परिश्रम करने के बाद आज वह उस मुकाम पर पहुंच चुका है जहां वह किसी परिचय का मोहताज नहीं है।

दिल्ली भाजपा के बिहारी चेहरा मनोज तिवारी एवं विजय भगत के कदमों पर चलते हुए भाजपा का झंडा बुलंद कर रहे हैं। झुग्गी झोपड़ी संघ के महामंत्री पद के साथ पूर्वाचल भाजपा के प्रचार मंत्री पद को सुशोभित कर चुके हैं। यही नहीं राजनीति के साथ समाज सेवा के क्षेत्र में भी देश के नामी गिरामी समाजिक संगठन से जुड़े हैं।

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बतौर कैलाश कहते हैं शुरुआत के दिनों में दिल्ली ने दिल से लगाया लेकिन वह समय मेरे लिए अग्नि परीक्षा का था जिसे हमने माता पिता के आशीर्वाद से पास किया। वह कहते हैं जब आप में कुछ करने की तमन्ना हो तो बाधा तो आएगी लेकिन सफलता मिलना निश्चित रहता है।

संघर्ष के दिनों से निकल कैब व्यवसाय में पांव जमाने के बाद कैलाश ने 2008 में अपनी जीवन संगिनी के रूप में ज्योति शिखा को चुन अपने मिशन को आगे बढ़ाने लगा। इस बीच दो बच्चों के पिता बन चुके कैलाश, पुत्र रक्षित पुत्री जान्हवी की शिक्षा दीक्षा की जिम्मेदारी शिखा को सौंप राजनीति एवं समाज सेवा की ओर रूख कर गए।

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विगत विधानसभा चुनाव में “आप” पार्टी के सुनामी में भी अपनी चुनावी नैया को पार लगा अपनी एक अलग पहचान पूर्वाचल के साथियों के साथ दिल्ली वासियों के दिल में बना लिया।

वर्तमान में मनोज तिवारी एवं विजय भगत सहित बीजेपी कई नेताओं केकरीबियों में अपनी एक अलग पहचान बना चुके कैलाश अब किसी परिचय का मोहताज नहीं रहा है। ऐसा नहीं है कि दिल्ली में पांव जमाने के बाद कैलाश बिहार या अपने पैतृक समाज को भुल गए हैं। जब भी मौका मिलता वह सिमरी बख्तियारपुर का रूख कर गांव की गलियारों में हलचल करते नजर आ जाते हैं।

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इतना ही नहीं अपने क्षेत्र से इलाज कराने एम्स सहित अन्य अस्पतालों में पहुंचने वाले की भरपुर मदद कैलाश की पहचान बनती जा रही है। कैलाश के नजदीकी दोस्त बताते हैं कि ऐसा नहीं है कि कैलाश को यह मुकाम यू ही मिल गई है। उसमें बचपन से ही कुछ करने की मंशा हमेशा थी। आज अपनी ईमानदारी एवं मेहनत के बल पर इस मुकाम पर पहुंचा है।

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