अपने कुंवारों को रखें सुरक्षित नही तो बेमेल बहु को लाना पड़ेगा घर
सिमरी बख्तियारपुर(सहरसा) से ब्रजेश भारती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट :-
सावधान : वैसे व्यक्ति जो कुंवारें है या जिनके घर कुंवारें पुत्र है। शादी विवाह का लग्न(मुर्हत) का दौर शुरू होते ही हथपकड़ुआ विवाह भी शुरू हो गया है।
ताजा उदाहरण इस तरह के मामले का सामने आया है बख़्तियारपुर थाना क्षेत्र के सिमरी पंचायत के ढ़ाव गांव से। यहां के एक मैट्रीक के छात्र को हथियार के बल पर जबरन मारपीट करते हुए एक उम्र दराज लड़की से विवाह रचा दिया गया है।
विवाह बाद जहां वह छात्र परेशान है वही पुरा परिवार एक सदमें में रहने को विवश के साथ सगे संबंधियों को दबाब झैलने को मजबूर है। वही छात्र इस बात से परेशान है कि इस बीच होने वाले प्रायोगिक परीक्षा से वंचित होना पड़ा।
हलांकि पीड़ीत युवक ने पुलिस में मामला दर्ज करवा इंसाफ की गुहार लगाई है लेकिन इंसाफ क्या होगा यह सबको पता है। लड़की के पिता सहित कई लोगों को नामजद अभियुक्त बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
17 वर्षीय मैट्रीक के छात्र रौशन कुमार ने अपने आवेदन में कहा है कि 23 जनवरी को वह मैट्रीक की प्रायोगिक परीक्षा देकर घर आया। संध्या 3 बजे गांव के ही रिस्ते के चाचा शत्रुध्न यादव घर पहुंच पिता को यह कह रौशन को अपने साथ जाने देने की बात कहीं कि वह बहन के यहां संदेश लेकर जाना है। रौशन मोटरसाइकल पर पीछे बैठकर पकड़ कर जाएगा।
इसी विश्वास पर उसके पिता उसे जाने के लिए हां कर दिये। शत्रुध्न यादव मुझे मोटरसाइकल पर बैठाकर खगड़िया जिले के बैला पिलगरा में बसंत पंचमी के अवसर पर लगने वाले सरस्वती पुजा मेला में लेकर गया। वहां से मानसी थाना क्षेत्र के बंगलिया गांव ले गया। जहां सुपारी यादव उर्फ विजय यादव की 23 वर्षीय पुत्री कुना कुमारी से शादी करने के लिए दबाव देने लगा लेकिन जब वह इंकार किया तो परिजनों सहित पांच अज्ञात व्यक्ति मारपीट के साथ अभद्र व्यवहार करने के साथ हथियार का भय दिखा जबर्दस्ती कुना कुमारी से सब मिलकर माथे पर सिंदूर डलवा दिया।
अगले दिन सुबह में उपरोक्त सभी व्यक्ति ने मिलकर मुझे चौथम थाना क्षेत्र के सोहरवा गांव के रहने वाले संजय यादव के यहां पहुंचा कमरे में बंद कर दी । पुरे एक दिन वहा बंद रखने के बाद अगले दिन 4 बजे पुनः बंगलिया लाया। वहां से रात्रि 10 बजे दो मोटरसाइकल के साथ फैनगो हाॅल्ट पहुंचा कर वहां से एक स्कारपियो गाड़ी से उसे गांव ढ़ाव छोड़ वापस चला गया।