एप्रौच पथ राजमार्ग नही होने से राज्य सरकार की अनुमति जरूरी

सिमरी बख्तियारपुर(सहरसा) ब्रजेश भारती की रिपोर्ट :-

कोशी ईलाके के लिये दो बड़ी मांग को लेकर  जनप्रतिनिधी सक्रिय नजर आ रहें हैं। 

                      पूर्व जिप उपाध्यक्ष सह भाजपा नेता रितेश रंजन व अनशन बाबा के नाम से प्रसिद्ध प्रवीण आनंद इनदिनों देश की राजधानी दिल्ली में रह बड़े राजनेताओ से मुलाकात कर कोशी के दर्द से रू-ब-रू कराने का काम कर रहें हैं। 

नितिन गडकड़ी को पत्र सौंपते रितेश व प्रवीण

इसी क्रम में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकड़ी से मुलाकात कर दोनों समस्याओं से अवगत कराते हुये अपनी मांग को लेकर ज्ञपान सौंपा।

दोनों नेताओं ने मुलाकात के संबंध में जानकारी देते हुये कहा कि विस्तृत रूप से डेंगराही पुल और ओवरब्रिज के महत्व से मंत्री को अवगत कराया गया।

रितेश रंजन ने केंद्रीय मंत्री से कहा कि आजादी के बाद से अबतक कोशी दियारा क्षेत्र का फरकियावासी मात्र एक पुल के लिए विकास से कोसो दूर है, यहां कि जनता के नेतृत्व में हमलोगो ने इस पुल के लिए बीते वर्ष बड़े आंदोलन की शुरुआत की और सत्रह दिनों तक अनशन किया गया,आंदोलन के परिणामस्वरूप विधानसभा और लोकसभा में भी यह मुद्दा गूंजा था। परंतु एक साल बीतने के बाद भी पुल निर्माण को लेकर कोई सकारात्मक पहल नही हुआ।

जिस पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गंभीरतापूर्वक इस विषय पर दोनों नेताओं की बात सुनी और कहा कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण मांग है। केंद्रीय मंत्री ने डेंगराही पुल के मुद्दे पर कहा कि इस पुल के निर्माण से बांध के भीतर रह रहे लाखो लोग विकास के मुख्य धारा से जुड़ जायेंगे।केंद्र सरकार भी उन इलाकों में विकास के लिए कृत – संकल्पित है। परंतु मेरे मंत्रालय से इस पुल के निर्माण के लिए एप्रोच पथ एनएच होना चाहिए था जिससे मुझे राज्य सरकार के किसी भी तकनीकी बाधा का सामना नही करना पड़ता। चूंकि एप्रोच पथ एनएच नही है इस वजह से तकनीकी रूप से राज्य सरकार से सहमति लेनी होंगी।इसके लिए इस विषय पर राज्य सरकार को लिखूंगा। केंद्र सरकार के तरफ से जो भी मदद होंगी वह की जायेगी

केंद्रीय मंत्री से मिलने के उपरांत प्रवीण आनंद ने कहा कि दिल्ली से लौटने के उपरांत हमलोग मंत्री प्रेम कुमार और कटिहार विधायक तारकिशोर प्रसाद के साथ मिलकर पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव से मुलाकात कर पुल निर्माण के संबंध में बात करेंगे और कोशिश करेंगे कि जल्द – से – जल्द फरकिया को उसका हक मिले।