सर्टिफिकेट जांच में गड़बड़ झाला साबित होने के बाद भी नही हटाये गये फर्जी शिक्षक
सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल क्षेत्र में है एक दर्जन से अधिक फर्जी शिक्षक पदस्थापित
सिमरी बख्तियारपुर(सहरसा) से ब्रजेश भारती की सुपर एक्सक्लूसिव रिपोर्ट :-
इसे शिक्षा विभाग की लाहपरवाही कहें या कारगुजारी या फिर सेटिंग-गेटिंग दो वर्ष से सर्टिफिकेट जांच में दोषी पाये गये दर्जनों फर्जी शिक्षकों पर अबतक कोई कार्यवाही नही की जा सकी है।
ऐसे सभी शिक्षक बड़े मजे से विद्यालयों में नौकरी कर वेतन का लाभ ले रहें हैं वही कई शिक्षक दुसरे विद्यालय ट्रान्सफर हो मजे में है कुछ तो प्रधान का पद भी सुशोभित कर रहें हैं।
ये सभी वैसे शिक्षक है जिनकी बहाली कोर्ट के निर्देश के आलोक में किया गया था जिनकी संख्या करीब 34540 के करीब है। सहरसा जिले में ऐसे बहाल शिक्षको की संख्या 582 है जिनमें 407 शिक्षकों के प्रमाणपत्र जांच करायी गई। जिनमें करीब 75 शिक्षकों के प्रमाणपत्र जांच में कुछ लोगों में तो आंशिक त्रूटि पाई गई तो कुछ में त्रूटि नही बल्कि नाम में ही अंतर पाया गया वो अंतर यह था कि राम के नाम में रहीम था तो रहीम के नाम पर राम पाया गया।
ऐसे शिक्षकों की संख्या सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल क्षेत्र में करीब एक दर्जन से अधिक है। ऐसे अधिकांश शिक्षकों के प्रमाणपत्र के संबंध में जानकारों का कहना है ये सभी प्रमाणपत्र कथाकथित सिमरी बख्तियारपुर के बहुचर्चित महारस विश्वविद्यालय से निर्गत है।
अनुमंडल क्षेत्र के इन विद्यालय के शिक्षकों में पायी गई थी गड़बड़ी –
सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के मध्य विद्यालय हरियो, मध्य विद्यालय महखड़, मध्य विद्यालय हसुलिया,मध्य विद्यालय चकभारो,मध्य विद्यालय बलवाहाट, हरिवंश मध्य विद्यालय सिमरी बख्तियारपुर,मध्य विद्यालय टेंगराहा,मध्य विद्यालय सिमरी सहित कुछ अन्य विद्यालयों में पदस्थापित शिक्षक है।
वही सलखुआ प्रखंड के मध्य विद्यालय साम्हर है वही बनमा-ईटहरी प्रखण्ड के मध्य विद्यालय मुरली सहित अन्य कई विधालय शामिल है जहां ऐसे शिक्षक पदस्थापित है। इन विद्यालय में से कई शिक्षकों का हस्तान्तरण दुसरे विद्यालय भी हो चुकी है।
क्या कहते प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी –
अशोक कुमार से इस संबंध में पुछे जाने पर बताया कि हमें इस संबंध में जानकारी नही है वे खुद छुट्टी पर है चुकिं यह मामला उनके कार्यकाल से पहले की है इसलिये कार्यालय पहुंचते ही मामले पर संज्ञान लिया जायेगा।