सिमरी बख्तियारपुर(सहरसा) से ब्रजेश भारती की रिपोर्ट :-
सरकार द्वारा कुपोषित,गर्भवती एवं धात्री महिलाओं एवं अतिकुपोषित बच्चे के लिये संचालित बाल विकास परियोजना कोशी दियारा क्षेत्र में टाय-टाय फिस हो गया है।
केन्द्रसंचालित होने की बात कौन कहे बगल के पड़ोसी को ये नही पता होता है की पिछली बार केन्द्र खुली थी। अधिकतर सेविका शहरों में रह यहां कागजों पर केन्द्र चला रही हैं।
कोसी तटबन्ध के अंदर धनुपरा पंचायत के केंद्र संख्या 163 आंगनवाड़ी केन्द्र धनुपरा उतरी का हाल ए केन्द्र शनिवार को खगड़िया सांसद चौधरी महबूब अली कैसर के दौरे के दौरान देखने को मिला। सांसद केन्द्र के बगल में जनता से मुखातिब हो रहें थे जब पत्रकारों की नजर एक झोपड़ीनुमा घर में लगे आंगनबाड़ी केन्द्र के बोर्ड पर पड़ी तो उत्सुकताबस हाल जानने पहुंच गये। फोटो सुट के बाद जब सेविका सहायिका की खोज की गई तो बहुत ही आश्चर्य एक से बढकर एक बात सामने आई। कोई पड़ोसी कुछ बोलने को राजी नही। कारण क्या हो सकता है ये आप खुद जान सकते है।
केन्द्र पर लगे बोर्ड से पता चला कि सेविका कुमारी विभा एवं सहायिका रीता देवी है। कुछ लोग अनजान बन बोलती है केन्द्र कभी खुलती ही नही है। सेविका खगड़िया में स्थायी रूप से रहती है। जब केन्द्र निरक्षण कि जिम्मेदारी रखने वाली एल एस (प्रवेक्षिका) के संबंध में जानकारी ली गई तो पता चला जब केन्द्र चलता ही नही तो निरक्षण की बात क्या हो सकती है।ग्रामीणों ने बताया कि एल एस को पहचानते भी नही कौन है।
आंगनबाड़ी केन्द्र के 15 हजार 700 रुपए मिलता है पोषाहार –
प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चे के लिये 15 हजार 700 रुपये पोषाहार मिलता है। उसने 8-8 गर्भवती एवं धात्री महिला, शून्य से 6 साल के बच्चे को पूरक पोषाहार का वितरण करना है। 40 बच्चे को स्कूल पूर्व शिक्षा के तहत खिचड़ी देना है। उनके बाद सबला योजना के तहत संख्या के आधार पर राशि मिलती है।
कार्यालय सूत्रों के अनुसार मिली जानकारी के मुताबिक उक्त सेविका के खिलाफ तीन तीन बार चयनमुक्ति के लिये जिला को लिखा गया है। लेकिन जिला स्तर पर कोई कार्यवाही नही होने पर सेविका का हौसला बुलंद है।
क्या कहती है सीडीपीओ-
बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सुनीता चौधरी ने बताई की हमे भी जानकारी मिली है कि सेविका खगड़िया में रहती है । कभी भी केंद्र नही चलाती है। उस क्षेत्र का जो एलएस है आज तक उनके खिलाफ कार्यवाही के लिये नही लिखी है।पोलियो जैसे महत्वपूर्ण कार्य मे भी कभी भाग नही लिया। सेविका के चयनमुक्ति के लिये जिला को लिखा जायेगा।