मामला भूमि विवाद में कागजात के साथ छेड़छाड़ व जालसाजी का

सम्मन जारी कर 7 फरवरी को कोर्ट में हाजिर होने को दिया गया निर्देश

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) से ब्रजेश भारती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट :-

नगर पंचायत सिमरी बख्तियारपुर भट्ठा टोला निवासी मो नुरूल्लाह के द्वारा मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी सहरसा के न्यायालय में दायर भूमि विवाद से संबंधित दायर एक परिवाद पत्र में कोर्ट ने सभी आरोपी जिनमें पूर्व डीसीएलआर दो वकील सहित करीब एक दर्जन लोगों पर संज्ञान लिया है।

इन सभी लोगों पर भादवि की धारा 420,467,468,474,417,120 बी,34 के तहत संज्ञान लिया गया है।

सभी आरोपी को अगामी 7 फरवरी को कोर्ट में उपस्थित होने का सम्मान जारी कर दी गई हैं। सभी लोगों को सहायक जिला सत्र न्यायाधीश तृतीय की अदालत में उपस्थित होना हैं। चुकि इस मामले की सुनवाई को लेकर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी ने उन्हें अधिकृत किया है।

सभी एक दर्जन लोगों में सिमरी बख्तियारपुर के तत्कालीन डीसीएलआर रासीद हुसैन जो वर्तमान में हज कमेटी पटना में कार्यरत है के अलावे अधिवक्ता उमाशंकर प्रसाद व मनोरंजन सिंह के अलावे मो नुरूलहोदा,मो समसुल होदा,मो जियाउल होदा,मो रियाजुल होदा,मो नजमुल होदा,मो बदरूददोजा,मो इकबाल,मो अशफाक अहमद,मो अंजर आलम शामिल है।


क्या हैं पुरा मामला –

यह मामला सबसे पहले भूमि सुधार उपसमाहर्ता सिमरी बख्तियारपुर के न्यायालय दर्ज भूमि विवाद का है।उस वक्त यहां के डीसीएलआर मो रासीद हुसैन थे।उक्त वाद में उपरोक्त सभी लोगों को नामजद आभियुक्त बनाया गया था।


क्या हैं वादी का आरोप – 

वादी मो नुरूल्लाह का आरोप था कि उक्त भूमि विवाद में जालीव फर्जी कागजातों के आधार पर मुदालय के पक्ष में फैसला दे दिया गया।

योगदान से पूर्व हस्ताक्षर – 

वादी का कहना था कि जब सभी कागजातों की जांच की गई तो अजीबो गरीब मामला सामने आया। आरोप है कि डीसीएलआर रासीद हुसैन के योदान तिथि के पूर्व 6 जुलाई 13 है लेकिन संचिका में उनका हस्ताक्षर 27 मई 13 को भी है। उपरोक्त आरोप के अलावे भी कई बिन्दु पर आरोप लगाया गया है।