बनमा-ईटहरी में जड़ जौरू जमीन जोर का नही तो किसी ओर का 

सिमरी बख्तियारपुर(सहरसा) ब्रजेश भारती की रिपोर्ट :-

सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल क्षेत्र में भू-माफियाओं व दलालों ने कागजी कानुन में फंसी पेंच को हथियार बना यहां कानुन को ठेंगा दिखा जब और जहां मन होता है जमीन पर कब्जा करने की नियत से कुछ भी करने पर आमदा हो रहें हैं।

पुलिस प्रशासन इन सब के बीच मुकदर्शक बन मात्र तमासबीन बन रह गई हैं। यहां की जमीन में एक कहावत सटीक बैठ रही हैं जड़ जौरू जमीन जोर का नही तो किसी ओर का।

ताजा मामला जिले के बनमा-ईटहरी प्रखण्ड अन्तगर्त परसाहा गांव का हैं।

यहां शनिवार की रात हथियार के बल पर दस बीघा जमीन में लगी गेहूं की लहलहाती फसल को ट्रेक्टर से जोत नेस्त नाबुत कर दिया है।

मामले को लेकर जमीन मालिक के पट्टेदार परसाहा गांव निवासी जनार्दन यादव ने बनमा ओपी में लिखित आवेदन देकर आधे दर्जन से अधिक लोगों पर जमीन जोतने का आरोप लगाया है। दिये गये आवेदन में कहा है कि परसाहा गांव में चन्द्रशेखर प्रसाद सिंह एवं शलेन्द्र कुमार सिंह का खेत मेरे गांव परसाहा में है। जिसके दस बीघा जमीन में गेहूं की फसल लगी है। शनिवार रात्रि में करीब बारह बजे से एक बजे के बीच गांव के ही शिवनारायण यादव, अमरेन्द्र यादव, विजय यादव, सुदर्शन यादव, रोशन यादव, एवं सलखुआ थाना क्षेत्र के कोपरिया निवासी उमेश यादव, धर्मेन्द्र यादव,रोशन यादव ने हरवें हथियार से लैस होकर ट्रेक्टर लेकर आए और खेत में लगी गेहूं की फसल को जोतने लगे। पट्टेदार होने के नाते मैंने उसे मना किया तो विजय यादव ने बंन्दुक के कुंदे से मारपीट किया, और धमकी दी गोली मार देंगे। खेत जोतने के बाद हवाई फायरिंग करते हुए चले गए। इस बावत ओपी अध्यक्ष प्रभाष कुमार ने बताया कि आवेदन मिला है छानवीन कर प्राथमिकी दर्ज किया जाएगा।

अब यहां पर सबसे बड़ा सबाल यह खड़ा होता है कि जमीन कागजी तौर पर जिसकी भी हो लेकिन लहलहाती फसल ने क्या किस बिगारा था। आखिर जब फसल बौया जा रहा था तो कौन कहां था। आखिर उसमें लगाये गये किसी किसान का लागत का क्या होगा।