सिमरी बख्तियारपुर(सहरसा) से ब्रजेश भारती की रिपोर्ट :-
अनुमंडल क्षेत्र के सिमरी बख्तियारपुर प्रखण्ड अन्तगर्त सिमरी पंचायत मुखिया निर्वाचन को अवैधानिक घोषित करने के लिए न्यायालय में दायर एक चुनाव याचिका पर सुनवाई के दौरान जिला निर्वाची पदाधिकारी से मांगी गयी कागजात अबतक उपलब्ध नहीं कराया गया है।
मुंसिफ प्रकाश कुमार सिन्हा ने न्यायालय पत्रांक 104 दिनांक 23 सितम्बर 2017 के द्वारा चुनाव संबंधी कुछ कागजातों की मांग की थी। उपलब्ध नहीं कराए जाने पर पुन: न्यायालय ने अपने पत्रांक 108 दिनांक 07 अक्टूबर 17 द्वारा स्मारपत्र भेजा बावजूद अबतक वांछित कागजात उपलब्ध नहीं कराया गया। न्यायिक आदेश की अवहेलना से खफा न्यायालय ने वांछित कागजात के बिना ही मामले की अग्रिम सुनवाई प्रारंभ कर दिया है।
यहां यह बताते चले कि सिमरी पंचायत के अशरफ चक निवासी मुखिया प्रत्याशी बीबी साहीन खातून ने पटना उच्च न्यायालय में पंचायत के मुखिया पद हुये चुनाव को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट पटना के द्वारा एक निर्धारित समयसीमा के अंदर इस चुनाव याचिका की सुनवाई का आदेश दिया गया है।
जानें क्या है पुरा मामला –
गत वर्ष 2016 में हुये मुखिया चुनाव में एक मत से पराजित राजद प्रखंड अध्यक्ष हैलाल असरफ की पत्नी बीबी साहीन खातून ने यह मामला जिला निर्वाची पदाधिकारी समेत चुनाव में संलग्न अन्य पदाधिकारियों एवं विजयी मुखिया पूनम देवी के विरुद्ध दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि मतगणना के बाद उन्होंने 14 मतों से विजयी घोषित कर दिया गया था। लेकिन पूनम देवी की मांग पर पुनर्मतगणना की गई। इस क्रम में साहीन खातून को एक मत से पराजित करार दिया गया। इस चुनाव परिणाम पर असंतोष व्यक्त करते हुए कुछ बूथों के पीठासीन पदाधिकारी की डायरी, प्रपत्र 20 एवं अन्य कागजात व इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों की मांग जिला निर्वाचन पदाधिकारी से की गई थी।