कहीं जिला प्रशासन व जदयू के लिये गले ही हड्डी ना बन जाये यह प्रकरण

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दौरे के समय संघर्ष समिति का हैं फुलप्रूफ प्लान

सिमरी बख्तियारपुर(सहरसा) से ब्रजेश भारती की रिपोर्ट :-

पिछले कुछ समय से चर्चा का विषय बन रही सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल अन्तगर्त बलवाहाट स्थित बापू सेवा आश्रम सह बलवाहाट ओपी जमीन खरीद विवाद प्रकरण अगामी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सहरसा दौरे के क्रम में जिला प्रशासन व जदयू के गले की हड्डी बन जाये तो कोई बड़ी बात नही होगी।

शनिवार दोपहर कांग्रेस जिलाध्यक्ष विद्यानंद मिश्र, राजद जिलाध्यक्ष मो जफर आलम, भाजपा नेता रितेश रंजन, भाजपा नेता प्रवीण आनंद, जाप जिलाध्यक्ष अब्दुस सलाम आदि के नेतृत्व में सिमरी बख्तियारपुर +2 उच्च विद्यालय मैदान से सैकड़ो की संख्या में उपस्थित जन – समूह के साथ स्टेशन चौक से मुख्य बाजार होते हुए अनुमंडल मुख्यालय पहुंच उपरोक्त विवादित जमीन मामले को लेकर रोषपूर्ण धरना प्रदर्शन अनुमंडल प्रशासन को अपनी बात रखी।

इससे पहले इस विवाद की शुरूआत 10 दिसंबर को धड़हरा स्थित कारूबाबा स्थान में जदयू को छोड़ सभी दलों के नेताओं की एक बैठक कर उपरोक्त जमीन मामले की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने हेतू बापू सेवा आश्रम संघर्ष समिति का गठन कर विरोध की शुरूआत की गई। पहले दिन यानि 10 दिसंबर को ओपी पर प्रदर्शन व नारेबाजी के बाद पूर्व विधायक अरूण यादव का पुतला दहन फिर,सर्वदलिय धरना दे इस विरोध को नियमत चलाने की तैयारी कर पूर्व विधायक अरूण यादव का पुतला दहन फिर नखबाल कार्यक्रम उसके बाद सम्पींडन भोज का कार्यक्रम कर शनिवार को विरोध मार्च पर पहुंच गया।

इस बीच इस विवाद ने प्रशासन को उक्त जमीन पर धारा 144 लागू करने के अलावा जमीन विवाद की जांच के लिये एक कमेटी का गठन करना पड़ा।

” हलांकि जमीन विवाद को लेकर पूर्व विधायक की ओर से नवनियुक्त जिलाध्यक्ष चन्देश्वरी मुखिया व स्वंय पूर्व विधायक समय समय पर मीडिया में आ अपना पक्ष रख जमीन रैयती बता कुछ लोगों पर बे-बजह राजनेतिक साजिस के तहत बदनाम करने की बात कह रहें हैं “

इन सब के बीच चार जनवरी को प्रस्तावित राज्य के मुखिया नीतीश कुमार के सहरसा दौरे के समय यह जमीन विवाद जिला प्रशासन व जदयू के लिये गले की हड्डी बनने की ओर अग्रसर नजर आ रही हैं। संधर्ष समिति ने साफ तौर पर ऐलान कर दिया है कि इस विवाद को लेकर मुख्यमंत्री से मिल पहल करने की मांग रखी जायेगी।


इस संभावना से नही किया जा सकता है इंकार –

चार जनवरी को मुख्यमंत्री के समक्ष जब यह विवाद उसके समर्थन दल भाजपा के नेताओं के द्वारा रखा जायेगा तो लाजिमी है मुख्यमंत्री इस बात पर नजर देंगे।अगर मुख्यमंत्री ने इस ओर ध्यान दे दिया तो यह संभावना बनती है कि चुकिं यह विवाद जदयू पार्टी का नही होकर जदयू के पूर्व विधायक का निजी जमीन खरीद विवाद है ऐसे में भाजपा के विरोध का असर दिख जाये तो कोई बड़ी बात नही होगी।

क्या हैं मामला – 

बलवाहाट स्थित बलवाहाट ओपी के तीनो ओर वर्षो से खाली जमीन है इस जमीन को पूर्व विधायक अरूण यादव के द्वारा कुछ दिन पूर्व सिमेन्ट का पीलर व तार से घेराबंदी कर पूर्वी भाग में खेती व पश्चिमी भाग में मिट्टी भराई का कार्य शुरू किया जा रहा था कि अचानक जनप्रतिनिधीयों को इस बात की जानकारी मिलने के बाद इस ओर ध्यान गया। चुकिं स्थानिय स्तर पर लोगों का कहना है ओपी बापू सेवा आश्रम के मकान में चल रहा हैं तो आसपास की जमीन बापू सेवा आश्रम की है तो फिर पूर्व विधायक इस पर क्यो दखल कर रहा हैं। इसके बाद पूर्व विधायक ने यह जमीन खरीद करने की बात कह सामने आये और विवाद की शुरूआत हो गया।