सिमरी बख्तियारपुर(सहरसा) से ब्रजेश भारती की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट :-
कहा गया है प्रतिभा किसी का मोहताज नही होती है। एक छोटे से कस्बे से देश की राजधानी पहुंच अपने लगन व मेहनत का लोहा मनवा बीए(फारसी) की परीक्षा में गोल्ड मेडल प्राप्त किया है।
गोल्ड मेडल मिलने की खबर मिलते है परिजनों सहित गांव वालों में खुशी की लहर दौड़ अपने लाल पर गर्व महसुस कर रहा हैं।
मो मुदस्सिर इकबाल सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल क्षेत्र के बनमा-ईटहरी प्रखण्ड अन्तगर्त बड़ी घौड़दोर निवासी हाजी मोहम्मद कामिल हुसैन का पुत्र है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति की मौजूदगी में यूजिसी के चेयरमैन के हाथों मो मोदस्सिर को गोल्ड मेडल व प्रस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। जाकिर हुसैन दिल्ली कालेज के छात्र रहे मुदस्सिर इकबाल ने बीए आनर्स फारसी में अच्छे नंबर हासिल करके दिल्ली विश्वविधालय का गोल्ड मेडिल्सट बना। उनकी इस कामयाबी की वजह से यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर वेद प्रकाश ने भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडे़कर की मौजूदगी में सम्मानित किया।
मोहम्मद मुदस्सिर इकबाल अपनी प्रारंभिक शिक्षा मदरसा शमशुल उलूम घोसी से हसिल किया है उनकी कामयाबी से उनके माता-पिता मोहम्मद कामिल हुसैन और मां ताजिरा खातून, उनके शिक्षक और रिश्तेदार उनके संघर्ष को सराहते हुए मुबारकबाद पेश कर रहें हैं।
उनके शिक्षक प्रोफेसर जमीलुर्रहमान खान, प्रोफेसर जमशेद खान आदि हैं। मो मोदस्सिर ने फोन पर बातचीत करते हुए कहा कि ‘मेरी कामयाबी में मेरे माता-पिता और शिक्षकों का अहम किरदार रहा है मेरी शिक्षा अभी जारी है और आगे चलती रहेगी उन्होंने आगे कहा कि मेरी हमेशा से कोशिश रही है कि मैं अपने इलाके के लिए कुछ बेहतर करूं और समाज में शिक्षा की जागरूकता के साथ साम्प्रदायिक सौहार्द को बनाये रखूं,उन्होंने कहा कि मैं एक ऐसा समाज चाहता हूं जहां तमाम इंसान बराबर हों और समाज हर तरह की बुराइयों से पाक और साफ हो।
मो मोदस्सिर के बड़े भाई कमर इक़बाल मामा मास्टर खुर्शीद आलम मास्टर हातिम चाचा हाजी इलयास हुसैन आदि ने उसके सफलता पर खुशी जाहिर किया है।