6 बीधा जमीन को लेकर दो पक्षों में चल रहा विवाद

कभी भी हो सकता है खूनी संघर्ष,पुलिस बनी मुकदर्शक

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) से ब्रजेश भारती की रिपोर्ट :-

कहा गया है जर जोरू जमीन जोर का नही तो किसी और ।यही कहानी सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल क्षेत्र के बनमा-ईटहरी प्रखण्ड क्षेत्र में देखने को मिल रहा हैं।लेकिन बनमा-ईटहरी पुलिस मामले को लेकर मुकदर्शक बनी हुई। खुरेशान गांव स्थित देवकोल बहियार में 6 बीधा विवादीत जमीन का मामला इतना तुल पकड़ लिया है कि आये दोनो पक्षों की ओर से जमीन पर अपना वर्चस्व को लेकर भाड़े के हथियार बंद बदमाशों के द्वारा आ धमक सरे आम दिन दहाड़े गोलीबारी की घटना को अंजाम दे दिया जाता हैं।

शनिवार की सुबह भी उपरोक्त मामले को लेकर दोनो पक्षों जिनमें एक पक्ष शंकर यादव,बैद्यनाथ यादव एवं अन्य है तो वही दुसरे पक्ष अवधेश यादव,अनमोल यादव व अन्य है ने फिर एक बार उपरोक्त विवादीत जमीन पर वर्चस्व को लेकर दर्जनों चक्र गोलीबारी की।ऐसी बात नही है कि इस गोलीबारी की सुचना स्थानिय ओपी पुलिस को नही थी लेकिन पुलिस मामले को लेकर कांन में तेल डाल सोई रही।अपराधी खुलेआम दिन के उजियाले में गोलीबारी करते रहें।

शनिवार को हुई गोलीबारी में हलांकि कोई हताहत नही हुआ है वही एक ट्रेक्टर के टायर में गोली मार देने की सुचना मिली हैं। वही दोनो पक्षों की ओर से स्थानिय बनमा-ईटहरी ओपी में मामले को लेकर लिखित आवेदन देने की भी बात कही जा रही हैं।

वर्षो से चल रहा हैं विवाद – 

खुरेशान गांव स्थित देवकोल बहियार में जो 6 बीधा जमीन है उस पर विवाद कोई नया नही है दोनो पक्षों की ओर से इस जमीन को लेकर धारा 144 से लेकर टाईटल सुट तक मामला विभिन्न न्यायालयों में लंबित चल रहा हैं।

फसल बौने व काटने के समय बढ़ता है विवाद –

यू तो सही ही कहा गया है कि जर्रे जोरू जमीन जोर का नही तो किसी और का, पर ये बात दो समय सबसे तेज हो जाता है जब जमीन में फसल बौने का समय होता है और जब फसल काटने का। इस समय माना जाता है कि जब फसल विवादित जमीन पर बौ दिया तो फिर वह फसल उसका ही होगा। वही जब फसल तैयार हो जाता है तो काट लेने को लेकर अपना वर्चस्व दिया काट लिया जाता है। चुकि विवाद कोई एक दो दिन में निपटारा नही होता है इसलिये ये प्रक्रिया चलती रहती है।