मैट्रीक में फेल छात्रा ने हाईकोर्ट में लड़ टॉप 20 में लिया रिजल्ट

हाईकोर्ट ने पांच लाख का बोर्ड पर जुर्माना भी लगाया

सिमरी बख्तियारपुर(सहरसा) ब्रजेश भारती

गत कुछ वर्षो से नकारात्मक छवि के रूप में अपनी पहचान बना चुकी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति एक बार फिर सुर्खियों में है।

सिमरी बख्तियारपुर की सिटानाबाद पंचायत के गंगाप्रसाद टोला की रहने वाली प्रियंका सिंह ने हाई कोर्ट में अपने मैट्रिक रिजल्ट से असंतुष्ट होकर याचिका दायर की और लगभग तेरह सुनवाई के बाद जीत भी हासिल की।इस दौरान बोर्ड प्रियंका के दावो झुठलाता रहा,पर वह जिद पर अड़ी रही और कहती रही कि मैं फेल कर नहीं हो सकती हूं, चाहे जिससे मर्जी जांच करा लीजिये और आखिर में प्रियंका की जीत हुई है।
हुआ यूं कि प्रियंका सिंह सहरसा जिला अंतर्गत सिटानाबाद पंचायत के गंगा प्रसाद टोली के रहने वाले शिक्षक माता पिता राजीव कुमार सिंह की बेटी है ।

हमेशा से पढ़ने में तेज प्रियंका ने  2017 की मैट्रिक परीक्षा सहरसा के डीडी उच्च विद्यालय सरडीहा से दी। रौल कोड 41047 और रौल नंबर 1700124 था।प्रियंका परीक्षा के बाद रिज्ल्टट के इंतजार में रही। परीक्षा परिणाम आया तो वह सदमे में आ गई ।बोर्ड के रिजल्ट में वह फेल थी। प्रियंका मानने को तैयार नहीं थी कि वह फेल हो सकती है।अभिभानक डांटे जा रहे थे,लेकिन उसे स्वंय पर भरोसा था। संस्कृत विषय में मात्र 9 अंक मिलने के कारण वह फेल हुई थी।प्रियंका को साइंस में मिला अंक भी कम लग रहा था।अपने पिता को रजामंद करने के बाद प्रियंका ने आंसर-शीट की स्कुटनी के लिए फार्म भरा।

परंतु बोर्ड ने नो चेंज कह कर प्रियंका को फिर से फेल कह दिया।प्रियंका गहरे सदमे में चली गई परंतु फिर भी वह स्वय को अब भी फेल मानने को तैयार नहीं थी।स्क्रूटनी में नो चेंज के बाद प्रियंका के गार्जियन तो और खफा हो गये थे।लेकिन प्रियंका ने मनाया और कहा कि हाई कोर्ट में चुनौती देंगे।

बिहार बोर्ड को कॉपी दिखाने को कहेंगे।बोर्ड ऐसे कॉपी किसी को नहीं दिखाता था।प्रियंका के परिवार की माली हालत भी बहुत ठीक नहीं थी,लेकिन बेटी के कांफिडेंस को जिंदा रखने को अगस्त में पटना हाई कोर्ट की शरण में पहुंच गये।जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह की अदालत में सुनवाई शुरु हुई।

बिहार बोर्ड ने प्रियंका सिंह के दावे को यहां भी पहले झुठलाने की कोशिश की और कहा कि छात्रा कोर्ट और बोर्ड को गुमराह कर रही है और दोनों का समय बर्बाद कर रही है।पर प्रियंका अपने भरोसे पर अड़ी रही और आंसर-शीट कोर्ट में दिखाने की मांग की।

हाई कोर्ट ने कहा कि आंसर शीट देखने को बोर्ड के कहे अनुसार 40 हजार रुपये जमा करने होंगे।दावा गलत निकला तो जमा राशि जप्त हो जाएगी।फिर से प्रियंका ने अपने गार्जियन को भरोसे में लिया।पैसे की व्यवस्था इधर-उधर से की गई।पैसा जमा होने के बाद कोर्ट ने बोर्ड को प्रियंका की संस्कृत और साइंस की आंसर शीट लेकर आने को कहा।बोर्ड कोर्ट में लेकर पहुंची।फिर से बोर्ड ने कहा कि जांच में कोई गड़बड़ी नही हुई।

प्रियंका ने जज साहब से मांग कर कॉपी देखी।तब असली खेला सामने आया।बोर्ड ने प्रियंका सिंह को जो आंसर शीट दिखा रहा था, वह प्रियंका सिंह की लिखी हुई थी ही नहीं।प्रियंका ने चैलेंज किया।कोर्ट ने सामने बैठ हैंडराइटिंग का नमूना देने को कहा।कोर्ट ने भी पाया कि प्रियंका की आंसर शीट और ओरिजनल हैंडराइटिंग मैच नहीं खाती है।तय हो गया कि दूसरे की आंसर – शीट से प्रियंका को फेल कर दिया गया है ।हाई कोर्ट गरम हुआ और बोर्ड से कहा कि प्रियंका की ओरिजनल आंसर शीट लाइये।जिसके बाद प्रियंका की ओरिजनल आंसर शीट की तलाश शुरु हुई ।तलाश में बोर्ड के सबसे बड़े घोटाले का भांडा फूटा।

मालूम हुआ कि प्रियंका की आंसर शीट में बार कोडिंग गलत तरीके से हुई। प्रियंका की आंसर-शीट से दूसरी छात्रा संतुष्टि कुमारी को संस्कृत और साइंस में फेल से पास कर दिया गया,जबकि प्रियंका पास से फेल कर दी गई।वही असली आंसर-शीट के साथ बोर्ड को हाई कोर्ट में जाना पड़ा।

बताया गया कि गड़बड़ी के लिए पुलिस में रिपोर्ट लिखाई गई है।प्रियंका को नया नंबर मिला।अब वह सिर्फ फर्स्ट डिवीजन में पास ही नहीं है,बलिक टॉप-20 में स्थान बना ली।

कोर्ट ने एग्जामिनेशन बोर्ड को पांच लाख रुपये का जुर्माना भरने को कहा है।अभी मैट्रिक परीक्षा 2017 की सभी आंसर शीट सुरक्षित रखनी होगी। कोर्ट के निर्णय बाद घर में एक साथ दो दिपावली मनाया गया।