अंतिम समय में 1630 मतों हारे गौतम कृष्णा, 2015 में जीते थे आरजेडी के गफूर
  • आरजेडी के बागी अब्दुल रज्जाक ने 22110 मत प्राप्त कर अपने मंसुबें हुए कामयाब

सहरसा : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में सहरसा जिले के महिषी विधानसभा सीट से एनडीए गठबंधन के जेडीयू उम्मीदवार गुंजेश्वर साह ने महागठबंधन की ओर से आरजेडी प्रत्याशी गौतम कृष्णा को मात दी है। दोनों प्रत्याशियों के बीच जीत का अंतर महज 1,630 रहा। गुंजेश्वर साह को 66316 वोट मिले, वहीं गौतम कृष्णा को 64686 वोट मिले। जेडीयू के खाते में 37.83 फीसदी वोट रहे तो आरजेडी के खाते में 36.9 फीसदी वोट आया।

नव-निर्वाचित विधायक गंजेश्वर साह

तीसरे नंबर पर लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के उम्मीदवार अब्दुल रज्जाक रहे। उन्हें 22,110 वोट मिले। निर्दलीय उम्मीदवार योगेंद्र मुखिया चौथे नंबर पर 4,743 वोटों से रहे। 3008 वोटरों ने नोटा का विकल्प चुना। आरजेडी से बागी बन एलजेपी प्रत्याशी बनें अब्दुल्ल रज्जाक अपने मंसूबों में कामयाब हो गए। दिनभर हुए मतगणना में गौतम कृष्ण बढ़त बनाए हुए थे लेकिन अंतिम दो तीन राउंड में बागी पलट जेडीयू के पक्ष में चला गया।

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महिषी विधानसभा क्षेत्र से अंतिम चरण में 7 नवंबर को 58.59 फीसदी मतदाताओं ने अपना प्रतिनिधि चुनने के लिए वोट किया। सहरसा जिले का महिषी विधानसभा क्षेत्र गफूर का गढ़ कहा जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि डॉक्टर अब्दुल गफूर ने एक या दो नहीं, चार बार महिषी का विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया। उनका हाल में ही निधन हो गया था। पुत्र अब्दुल रज्जाक को टिकट नहीं मिलने पर बागी होकर एलजेपी प्रत्याशी बन गए।

किसको मिला कितना मत चुनाव 2020 :
गुंजेश्वर साह – 66,316
गौतम कृष्णा – 64,686
अब्दुल रज्जाक – 22,110
योगेन्द्र मुखिया – 4743
रामाशंकर सिंह – 4338
शिवेंद्र कुमार – 3731
नोटा – 3008

महिषी विधानसभा चुनाव परिणाम : 15 उम्मीदवार रहे आमने-सामने इस सीट से 15 उम्मीदवार चुनाव मैदान में रहे। साल 2005 के चुनाव में आरजेडी ने महिषी विधानसभा सीट से सुरेंद्र यादव को चुनाव मैदान में उतारा। लेकिन यादव आरजेडी की जीत का क्रम बरकरार रखने में असफल रहे। जेडीयू के गुंजेश्वर साह, सुरेंद्र यादव को हराकर विधायक निर्वाचित हुए। साल 2010 के चुनाव में आरजेडी ने फिर से डॉक्टर गफूर पर दांव लगाया और गफूर ने महिषी विधानसभा क्षेत्र से चुनावी बाजी जीतकर यह सीट फिर से आरजेडी की झोली में डाल दी।

आरजेडी प्रत्याशी गौतम कृष्णा

डॉक्टर गफूर साल 1995 में महिषी विधानसभा सीट से पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे। तब वे जनता दल के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे थे। लालू प्रसाद यादव ने जब राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का गठन किया तब गफूर उनके साथ हो लिए। अब्दुल गफूर साल 2000 में आरजेडी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे। गफूर को जनता ने दूसरी बार भी विधानसभा भेज दिया। आरजेडी ने गौतम कृष्णा और जेडीयू ने गुंजेश्वर साह को चुनाव मैदान में उतारा है।

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पिछले विधानसभा चुनाव में आरजेडी उम्मीदवार गफूर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के चंदन कुमार साह को हराकर जीत का चौका लगाया। गफूर से पहले महिषी के चुनावी अतीत की बात करें तो साल 1977 के विधानसभा चुनाव में जनता पार्टी (जेपी) के कुमार ने कांग्रेस के लहटन चौधरी को मात दी थी।

एलजेपी प्रत्याशी अब्दुल रज्जाक

1980 में कांग्रेस के लहटन चौधरी कांग्रेस (यू) के सत्य नारायण यादव और 1985 में लोक दल के देवानंद यादव को मात देकर विधानसभा में पहुंचे। साल 1990 के विधानसभा चुनाव में जनता दल के आनंद मोहन ने कांग्रेस के लहटन चौधरी को पराजित कर दो चुनाव से चले आ रहे जीत के सिलसिले पर ब्रेक लगा दिया था।

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