दिल्ली में हुई हत्या,शव को लाया गया पैतृक गांव

पुलिस से परिजनों ने लगाया न्याय की गुहार, रूपए के लालच में की गई हत्या, मामला बनमा-ईटहरी के पहलाम गांव की

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) ब्रजेश भारती : सहरसा जिले में पति-पत्नी के बीच दरकते अटूट रिश्ते की डोर थमने का नाम नहीं ले रहा है। सहरसा में डॉ भास्कर तो बनमा ईटहरी में सेटरिंग व्यवसायी की हत्या उसकी पत्नी ने ही प्रेमी से कर दिए जाने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि एक और सनसनीखेज मामला सामने आ गया।

मृतक पुत्र के शव को देखते माता पिता

ये मामला भी सहरसा जिले के बनमा-ईटहरी प्रखंड से ही सामने आया है इस बार हत्या का कारण प्रेम प्रसंग नहीं बल्कि रूपए का लालच बताया जा रहा है। कलयुगी पत्नी पर अपने मायके वालों के साथ मिलकर पति की हत्या का सनसनीखेज आरोप लगाते हुए पुलिस से न्याय की गुहार लगाई गई है।

 

क्या है पुरा मामला : बनमा-ईटहरी प्रखंड के पहलाम गांव निवासी 35 वर्षीय नौशाद आलम नामक युवक की शादी करीब दस बारह वर्ष पूर्व खगड़िया जिले के माड़र गांव में जैनव खातून उर्फ गुड़िया के हुई थी।

मृतक मो नौशाद आलम (फाइल फोटो)

शादी बाद यह दम्पत्ति सुखमय जीवन व्यतीत करने लगा इस बीच तीन पुत्रीयों का पिता मो नौशाद आलम बन गया। समान्य परिवार होने की वजह से काम कि तलाश में वह अन्य प्रदेशों में मेहनत मजदूरी कर जीवन यापन करने लगा।

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इसी बीच पत्नी गुड़िया के पिता परिवार सहित दिल्ली में ही रहने लगा तो यह दम्पत्ति भी दिल्ली सिफ्ट हो मेहनत मजदूरी कर जीवन यापन करने लगा। अपने मायके वालों के ही आसपास वह भी अपना ठिकाना बना रहने लगा।

मृतक की पत्नी जैनब उर्फ गुड़िया (फाइल फोटो)

करीब छः माह पहले मो नौशाद घर पहलाम आया हुआ था वह यहां कुछ ईट खरीद कर घर बनाने की बात कह पुनः दिल्ली कमाने चला गया। इस बीच 20 दिन पहले अपने भाई मो शमशाद आलम जो अलीगढ़ में रह कर अपना काम करता था को फोन कर जानकारी दिया की चार लाख रूपए कमिटी का मिलने वाला गांव इस बार घर बनाना है।

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पुरी घटना के संबंध में मृतक के भाई ने बताया कि 23 अप्रैल को भतीजी ने फोन करके गांव में दादा दादी को सूचना दिया कि अब्बा की मौत हो गई है। वहां से खबर अलीगढ़ में रह रहे बड़े भाई मो नौशाद आलम को होने पर वे छोटे भाई को देखने दिल्ली पहुंच गया।

मृतक नौशाद पत्नी व बच्चों के साथ (फाइल फोटो)

बतौर शमशाद ने बताया कि जब दिल्ली स्थित थाना भवाना के शाहबाद डेरी F-ब्लॉक के झुग्गी नंबर F-108 पहुँच कर घटना के बारे में मृतक के साला मो0 शौकत आलम से जानने की कोशिश कि आखिर मेरे भाई की अचानक मौत कैसे हुई।

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मृतक के साला ने पहले बताया कि शराब पीने से इसकी मौत हुई है फिर कहा कि इसकी मौत अस्पताल में हुई है।घटना से सम्बंधित संतोषजनक जानकारी ना तो मृतक के साला से मिला और ना ही मृतक की पत्नी जैनब खातून से मिला। जब उसने शव पर से चादर हटा कर देखा तो मेरा भाई का पूरा शरीर खून से लथपथ पड़ा हुआ था और नाक,कान और मुह से खून निकल रहा था।

खून से लथपथ मृतक के कपड़े को दिखाता परिजन

जब वह स्थानीय थाना जाने की बात कही तो वो लोग उसे अकेला पाकर डरा धमका एक एफिडेविट कागजात पर हस्ताक्षर करवा शव को एक एम्बुलेंस से गांव भेज दिया। ना तो शव के साथ उसकी पत्नी आई ना ही कोई नाते रिश्तेदार ही आए। साथ ही किसी बच्चे को भी आने दिया।

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उसका कहना है कि नौशाद मिले चाल लाख रूपए से गांव में घर बना रहने का सोच लिया था लेकिन पत्नी इस बात से राजि नहीं थी। एक साज़िश के तहत पत्नी,ससुर,साला सहित अन्य लोगों ने मेरे भाई की हत्या कर डाला। जिसका सीधा उदाहरण है कि अपने शौहर की मौत पर पत्नी शव के साथ गांव नहीं आना पसंद की।

मृतक का भाई शमशाद आलम

उधर परिजनों ने शव को सुपुर्द ए खाक करने के बाद शौक में डूबा हुआ है। अब इंसाफ की नजर पुलिस के उपर टिक गई है कि क्या पुलिस मामले की तह में जाने की जहमत उठाएगी। चुंकि मामला अन्य राज्य में घटित घटना का है।