तटबंध के अन्दर आधा दर्जन योजनाओं का खगड़िया सांसद ने किया शिलान्यास


सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) Brajesh Bharti.


कोशी दियारा क्षेत्र में अब विकास दिख रहा है जहां कभी लोग विकास की आस लगाए बैठे थे आज वही एनडीए के शासनकाल में सड़क, बिजली सहित अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो रही है। अगले कुछ वर्षों में कोशी दियारा से सीधे लोग देश की राजधानी पहुंच सकेंगे।

उक्त बातें खगड़िया सांसद चौधरी महबूब अली कैसर अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे के तीसरे दिन कोशी दियारा क्षेत्र का भ्रमण किया वहीं विभिन्न स्थानों पर आधा दर्जन पुल-पुलिया एवं सड़क का शिलान्यास किए। 


सबसे पहले सांसद अपने काफिले के साथ फेनगो हाल्ट पहुंच वहा से बाइक से साम्हरखुर्द गांव पहुंच गरीब गुरवों की समस्या से रूबरू हो कर टी टू साम्हरकला पथ में कोशी नदी की उपधारा में 39 मीटर लंबी पुल का निर्माण कार्य का शिलान्यास किया। जिसकी लागत तकरीबन 2 करोड़ 22 लाख 57 हजार रुपए है।  

उसके बाद सांसद ने टी टू 04 से कबीरपुर पथ के प्रथम किलोमीटर पर स स्थित होलिया नाला पर 58 मीटर लंबी उच्च स्तरीय पुल का शिलान्यास किया गया जिसकी लागत 3 करोड़ चार लाख रुपए है इस पुल के निर्माण से बड़ी आबादी को आवागमन में सुविधा होगी चुंकि यह सड़क खगड़िया सहरसा सीमा पर अवस्थित है। 

वही इसके बाद चिड़ैया बाजार पहुंच वहां चिड़ैया बाजार से कबीरपुर सड़क जिसकी लंबाई तकरीबन 9.54 किलोमीटर है का शिलान्यास किया गया यह सड़क पथ निर्माण विभाग के द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत चयनित किया गया है। इस सड़क की लागत 6 करोड़ 3 लाख रुपए है।  इस सड़क के निर्माण से खगड़िया जिले का सीधा सम्पर्क खगड़िया से होने में  सहायता होगी। 

इसके बाद  बरियाही – डेंगराही पथ का आधारसिला रखे जिसकी अनुमानित लागत 5 करोड़ 75 लाख है इस सड़क की लंबाई करीब आठ किलोमीटर है। 
वही डेंगराही से चिड़ैया के रास्ते में पड़ने वाले कोसी की उपधारा में 2 करोड़ 82 लाख रुपए की लागत से पुल का शिलान्यास किया गया। वही बेलाही में दो करोड़ की लागत से उच्च स्तरीय पुल एवं धाप बाजार के समीप दो करोड़ 83 लागत से फिर एक उच्च स्तरीय पुल का शिलान्यास किया गया। 

इस मौके पर सांसद के साथ समाजसेवी अबू ओसामा, महेश सिंह, प्रसून कुमार सिंह, राहुल कुमार सिंह, सलखुआ सासंद प्रतिनधि मो बशी , रवीन्द्र शर्मा, लोजपा प्रखंड अध्यक्ष अशोक शर्मा,  मो गफ्फार आलम,मुरारी सिंह, जिया-उल-हक, राहिल अंसारी, अशोक सिंह, रामबिलास भगत, पूर्व मुखिया राजेंद्र मौची, चानो चौधरी, दयानद भगत, अरुण भगत, मिथिलेश सिंह, कौशल किशोर, उमेश सिंह, रविन्द्र यादव आदि साथ रहे।