दोनों पुलों से माल वाहक वाहन की आवाजाही है बंद एक पुल ने तोड़ा दम तो दुसरा गिन रहा अंतिम सांसें

डुमरी पुल के बाद इस पुल की वजह से अनुमंडल क्षेत्र के लाखों आबादी दोहरी मार झेलने को मजबूर 

सिमरी बख्तियारपुर से ब्रजेश भारती की संपादकीय लेख :-

विगत कई वर्षों से टूटे हुए डुमरी पुल की मार झेल रहे अनुमंडल क्षेत्र वासियो को विगत कई वर्षों से दोहरी मार झेलने को मजबूर हैं।

सोनवर्षा राज की ओर से सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल को सड़क मार्ग से सीधे जोड़ने वाली मनौरी व सुगमा पुल विगत कई वर्षों से इतना जर्जर हो चुका है कि इस पर भारी वाहनों का आवागमन बंद है सिर्फ हल्के निजी वाहनों का आवागमन अभी चल रहा है।

गत माह मनौरी पुल पुरी तरह झुक जानें से आवागमन के लायक नहीं बचा है। वही सुगमा पुल भी अंतिम सांसें गिन रहा है। लेकिन अभी तक दोनों पुलों की निर्माण की दिशा में कोई ठोस पहल नजर नहीं आ रही है। हालांकि सुगमा में पुराने के समांतर एक नये पुल की दिशा में निर्माण कार्य शुरू किया गया है। लेकिन जब तीन साल में निर्माण शुरू हुआ है तो निर्मित कब होगा यह भविष्य की गर्त में हैं।

दोनों पुल की स्थिति क्या है :- 

एनएच- 107 स्थित सिमरी बख्तियारपुर- सोनवर्षाराज सड़क मार्ग पर मुरली गांव के समीप स्थित मनौरी पुल की क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण प्रशासन के द्वारा बैरिकेटिंग कर गत चार दिनों से दो पहिया वाहन को छोड़कर अन्य सभी वाहनों पर रोक लगा दिया गया है। तो दूसरा पुल बनमा ईटहरी- सोनवर्षाराज सड़क मार्ग पर सुगमा चौक के समीप स्थित सुगमा पुल पर वर्तमान में आवाजाही तो हो रही है। लेकिन यहां भी जर्जर पुल के कारण भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा हुआ है। हालांकि मनौरी पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद सुगमा पुल पर चोरी छुपे भारी वाहनों के आवाजाही धड़ल्ले से हो रही है। जो बहुत दिनों तक आवाजाही करने के लायक नहीं है। यह पुल भी कब टूट कर निचे गिर जाएगा कुछ कहा नहीं जा सकता है। अर्थात भगवान भरोसे आवाजाही फिलहाल चल रही है। वहीं आवाजाही के कारण कब यहां बड़ी दुर्घटना हो सकती है इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है।

दोनों पुल है अनुमंडल वासियो के लिए महत्वपूर्ण  :-

एनएच- 107 पर स्थित मनौरी पुल हो या बनमा ईटहरी क्षेत्र का सुगमा पुल दोनों पुल अनुमंडल क्षेत्र के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। मनौरी पुल सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है तो सुगमा पुल बनमा ईटहरी और सलखुआ प्रखंड के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। जिसमें मनौरी पुल से आवाजाही बंद होने के बाद सुगमा पुल से फिलहाल आवाजाही किया जा रहा है।

अगर सुगमा पुल पर आवाजाही बंद हुई तो क्षेत्रों में मच जाएगा हाहाकार :-

मनौरी पुल पर आवाजाही बंद होने के बाद अगर प्रशासन अब भी सजग नहीं हुआ तो सुगमा पुल पर भी आवाजाही बंद होने के बाद क्षेत्रों में हाहाकार मच जाएगा। चूंकि इस सड़क मार्ग से जहां सहरसा, मधेपुरा जाने-आने के लिए आसान रास्ता है वहीं पटना की दिशा खगड़िया, बेगूसराय सहित अन्य जिलों जाने-आने के लिए इस क्षेत्र के लोगों के लिए लाइफ लाइन कहा जाता है। जहां से कारोबारियों के लिए भी आसान व सस्ता रास्ता माना जाता है।

सुगमा पुल पर भी आवागमन बंद होने के बाद करीब 50 हजार की आबादी पर सीधा असर पड़ेगा  :-

मनौरी पुल बंद होने के बाद सुगमा पुल पर भी प्रशासन के लापरवाही के कारण अगर आवाजाही बंद हो जाता है तो इसका सीधा असर अनुमंडल क्षेत्र के तीनों प्रखंड पर पड़ेगा। खासकर बनमा ईटहरी प्रखंड में इसका पूरा असर पड़ेगा। वहीं सलखुआ प्रखंड के कुछ हिस्सों और सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड क्षेत्र के भटौनी, भटपुरा और तरियामा पंचायत सहित अन्य हिस्सों में इसका असर पड़ेगा। इसके अलावे तीनों प्रखंड के कारोबारियों पर इसका सीधा असर पड़ेगा। चूंकि तीनों प्रखंड के कारोबारियों का सामान पटना सहित अन्य हिस्सों से आता है वह आना बंद हो जाएगा।

दोनों पुल पर आवागमन बंद होने के बाद लोगों को अतिरिक्त करना पड़ेगा सफर  :-

मनौरी पुल के बाद अगर सुगमा पुल पर भी आवागमन बंद हो जाएगा तो करीब 50 हजार लोगों की आबादी को कई किलोमीटर की अतिरिक्त सफर करना पड़ जाएगा। मतलब जो सफर इस दिशा से सहरसा, मधेपुरा एवं पूर्णिया जिला के लिए आसान रास्ता है वहीं लोगों को 40 किलोमीटर की दूरी का अतिरिक्त सफर करना पड़ जाएगा। वहीं खगड़िया के लिए तो करीब 70 किलोमीटर की दूरी का अतिरिक्त सफर करना पड़ जाएगा।

सुगमा पुल निर्माण के लिए मुख्यमंत्री कर चुके हैं शिलान्यास  :- 

मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के सहरसा आगमन के दौरान वर्ष 25 अगस्त 2015 को जिला मुख्यालय से ही रिमोड के द्वारा सुगमा पुल निर्माण कार्य हेतु शिलान्यास किया गया था। जो कि बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के द्वारा पुल का निर्माण कार्य किया जाना है। लेकिन प्रशासन के अधिकारियों की लापरवाही के कारण शिलान्यास होने के करीब तीन वर्ष बीतने के बाद भी अब तक पुल का निर्माण कार्य शुरू तक नहीं हो पाया है। यहां तक कि ठेकेदार के द्वारा सुगबुगाहट तक भी नहीं किया गया है।

कहते हैं ग्रामीण :-

बनमा ईटहरी प्रखंड निवासी ग्रामीण उमेश पोद्दार, विनय कुमार वर्मा, अमोद यादव, क्रांति यादव, झारखंडी यादव, अमरेंद्र यादव, मुन्ना पोद्दार, अनंत कुमार वर्मा, देवेन्द्र शर्मा, मो कुदुस, मो दाउद, पप्पू सिंह, फूलेश्वर पासवान सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि सुगमा पुल निर्माण कार्य व मरम्मति के लिए हमलोगों के द्वारा कई बार सड़क जाम कर आन्दोलन भी किया जा चुका है। वहीं समय समय पर प्रशासन के अधिकारियों को जर्जर पुल को लेकर सूचना भी दिया जाता आ रहा है। लेकिन इतना होने के बाद भी प्रशासन के अधिकारियों के द्वारा कोई सुदी नहीं लिया जा रहा है।