सुबे के निजी स्कूलों में सुरक्षा मानक की नहीं है शिक्षा विभाग को जानकारी

पटना से सहयोगी संवाददाता की रिपोर्ट :-

सुबे मे संचालित निजी विद्यालयों मे CBSE द्वारा जारी सुरक्षा मानको का पालन नही किया जा रहा है ! निजी विद्यालयों के अंदर एवं बाहर सुरक्षा मानक अपनाने के संदर्भ मे बिहार सरकार के शिक्षा विभाग को भी कोई जानकारी उपलब्ध नही है ! 
गया जिला एवं बिहार सरकार के शिक्षा विभाग तथा जिला परिवहन विभाग, गया द्वारा प्राप्त दस्तावेज के अनुसार,  गया जिला मे 13 निजी विद्यालयो के बसों मे सुरक्षा मानक के सन्दर्भ मे जांच रिपोर्ट के अनुसार 12 निजी बसों के सुरक्षा मानक अपनाने मे अनियमितता पायी गई ! विद्यालयो मे फायर एन ओ सी भी नही लिया गया है ! बिहार सरकार के पास भी निजी स्कूलों के अंदर एवं बाहर सुरक्षा मानक अपनाने के संदर्भ मे कोई भी रिकॉर्ड दर्ज नही है ! 

इस सन्दर्भ मे फाउण्डर चेयरमैन सह वरिय अधिवक्ता सर्वोच्च न्यायालय सह हेल्पिंग ह्यूमन एन जी ओ के भास्कर अग्रवाल द्वारा राज्य सरकार शिक्षा विभाग को पूर्व मे नोटिस दिया जा चुका था ! लेकिन सरकार द्वारा कोई भी कार्रवाई नही किये जाने के उपरांत बच्चो के सुरक्षा का मामला होने के कारण माननीय उच्च न्यायालय, पटना मे जनहित याचिका दिया गया था।

दिनांक 7 फरवरी को इस संबंध में सुनवाई हुई ! केस नं  CWJC No. 2213/2019 माननीय न्यायमूर्ति ज्योति शरण के बेंच मे हेल्पिंग ह्यूमन एन जी ओ के तरफ से वरीय अधिवक्ता कल्याण शंकर के मौजूदगी मे सुनवाई हुई ! सुनवाई के दौरान बिहार सरकार और राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग को नोटिस करने का आदेश पारित किया गया है।
क्या है सीबीएसई का सुरक्षा मानक –

सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार स्कूल बस पीले रंग से पेंट होने चाहिए। उसके आगे एवं पीछे ‘ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा हो। 2 : बसों की सभी खिड़कियों में आड़े छड़ लगे होने चाहिए। 3 : बस में अग्निशमन यंत्र लगा हो। 4 : बस में स्कूल का नाम और फोन नंबर लिखा होना चाहिए। 5 : बस के दरवाजे में अच्छी क्वालिटी का ताला लगा हो। 6 : सीटों के बीच पर्याप्त जगह हो। बच्चों को बस में चढ़ाने व उतारने के लिए अनुभवी अटेंडेंट रहे। 7 : स्कूल बस में कोई अभिभावक या शिक्षक बच्चों के साथ रहे। 8 : स्कूल बस के चालक को कम से कम 5 साल का अनुभव हो।