भारतीय दूतावास की सहायता से कीव आने के बाद बोगोमोलेट्स में है फंसा, दूतावास के है सम्पर्क में
ब्रजेश भारती की रिपोर्ट : रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद वहां भारत के हजारों छात्र फंसे हुए हैं जो वतन वापसी की आस लगाए बैठे हैं। इस कड़ी में सहरसा जिले के कई छात्र भी वहां फंसे हुए हैं। बच्चों के फंसे रहने की वजह से परिवारों में दहशत का माहौल है।
सबसे ज्यादा छात्र मेडिकल की पढ़ाई कर रहें हैं जो यूक्रेन में जगह – जगह फंसे है। छात्र घर वापसी को बेचैन है परंतु हवाई मार्ग बंद होने और बमबारी में बढ़ोतरी के बाद छात्र ज्यादा परेशान है। ऐसे ही एक छात्र सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर अंतर्गत सलखुआ के है जो यूक्रेन से भारत लौटने के लिए परेशान है, परंतु वर्तमान स्थिति अनुकूल ना होने की वजह से स्वदेश नही लौट पा रहे है।
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सलखुआ निवासी श्रवण कुमार के पुत्र आयुष कुमार बोगोमोलेट्स में फंसे है। आयुष 2018 में मेडिकल की पढ़ाई करने यूक्रेन गए थे। ब्रजेश की बात के साथ दूरभाष पर शुक्रवार को आयुष से बात हुई तो आयुष ने बताया कि अभी वह बोगोमोलेट्स शहर में है। गुरुवार सुबह लगभग पांच बजे वह भारतीय दूतावास की सहायता से कीव पहुंचे। कीव पहुंचने के उपरांत उन्हें दूतावास की सहायता से बोगोमोलेट्स लाया गया। बोगोमोलेट्स में वह एक होस्टल में रुके है। जहां बिहार के अन्य छात्र भी है।
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आयुष ने बताया कि रूस ने बोगोमोलेट्स में भी हमला कर दिया है। उन्हें बीच – बीच मे धमाके की आवाज सुनाई दे रही है। उन्होंने बताया कि दूतावास के वह सम्पर्क में है। दूतावास ने उन्हें बताया है कि भारत सरकार यूक्रेन से भारतीयों को निकालने के लिए कई माध्यमो पर विचार कर रही है। जल्द ही उनसे संपर्क कर उन्हें बाहर निकाला जायेगा।
आयुष ने ब्रजेश की बात को दूरभाष पर बताया कि उनके जानकारी में सहरसा जिले के कई छात्र यूक्रेन में फंसे है। वर्तमान में बोगोमोलेट्स की भी स्थिति सही नही है। इसलिए राज्य और केंद्र सरकार हमे यूक्रेन से जल्द – से – जल्द निकाले। अब देखने वाली बात होगी कि भारत सरकार फंसे छात्रों को कब तक वतन वापसी करवाती है।
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