बाढ के दीर्घकालिक समाधान के लिए बनाए जाएंगे चार नये बराज : विजय चौधरी
बाढ़ के स्थाई समाधान के लिए नेपाल में हाइडैम का निर्माण जरूरी
ग्राउंड जीरो से लौटकर वरिष्ठ पत्रकार अनिल वर्मा की रिपोर्ट : सुबे में बाढ़ के दीर्घकालिक समाधान के लिए चार नये बराज बनाए जायेंगे। टुटे हुए तटबंध का उंचीकर व मजबूती करन किया जाएगा। उक्त बातें सोमवार को बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने दरभंगा जिले के किरतपुर स्थित पश्चिमी कोसी तटबंध के 38.5 बिन्दु, जहां तटबंध टुटा था का जायजा लेने के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए कहीं।
वहीं स्थानीय लोगों ने मंत्री को अपनी समस्या से अवगत कराया। स्थानीय लोगों की समस्याओं को मुस्कुराते हुए सुन मंत्री ने समाधान का निर्देश मौजूद जिला प्रशासन को दिए। मंत्री ने स्थल पर विभागीय अभियंताओं से टुटे स्थाल के संबंध में जानकारी ली। मंत्री विजय कुमार चौधरी बोले कि पश्चिमी कोसी तटबंध के टूटे स्थल के कट-एंड को सुरक्षित कर लिया गया है। साथ ही तटबंध के जिन स्थलों पर ओवर-टॉपिंग हुई है, वहां तटबंधों को ऊंचा और सुदृढ़ कराने के निर्देश दिये गये हैं।
श्री चौधरी ने कहा कि इस वर्ष के केंद्रीय बजट में पहली बार बिहार की बाढ़ के समस्या के दीर्घकालिक समाधान के लिए 11,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके तहत ढेंग, तैयबपुर, अरेराज और डगमारा में बराज निर्माण की योजना बन रही है। इन चारों बराजों का निर्माण हो जाने पर बाढ़ का प्रभाव काफी कम हो जायेगा। मंत्री ने कहा कि बिहार में बाढ़ के प्रभाव को निरंतर कम करना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शीर्ष प्राथमिकता है। इसके लिए पिछले वर्षों में तटबंधों के उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण और उस पर रोड बनाने संहित कई कार्य किये गये हैं।
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि इस वर्ष पूरे नेपाल में एक साथ भारी वर्षा हुई, जिससे नेपाल से आने वाली सभी नदियों में अत्यधिक जलस्राव प्राप्त हुआ। कोसी बराज से पिछले 56 साल का सर्वाधिक जलस्राव प्राप्त हुआ। यह एक ऐतिहासिक प्राकृतिक आपदा थी, लेकिन जल संसाधन विभाग की सतर्कता एवं तत्परता के कारण तबाही को काफी हद तक रोकने में सफलता मिली। जल संसाधन विभाग द्वारा टूटे स्थल पर युद्ध स्तर पर बाढ़ संघर्षात्मक कार्य कराकर क्षतिग्रस्त तटबंध के दोनों कट-इंड को सुरक्षित कर लिया गया है। नदी के जलस्तर में कमी आने पर टूटान को बंद किया जाएगा।
श्री चौधरी ने कहा कि बिहार की बाढ़ के स्थाई समाधान के लिए नेपाल में हाइडैम का निर्माण जरूरी है। यह अंतरराष्ट्रीय मामला है। इसके लिए केंद्र सरकार के स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। इसके अलावा नदियों में बड़े पैमाने पर जमा हो रही गाद एक बड़ी समस्या है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा इस मुद्दे को समय-समय पर विभिन्न मंचों पर उठाया गया है। गाद की समस्या के समाधान के लिए राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति बने, यह हम सबकी इच्छा है। बिहार में बाढ़ के प्रभाव को कम करना सीएम की प्राथमिकता। इस मौके पर मुख्य अभियंता वरूण कुमार सहित अन्य अधिकारी व कर्मी मौजूद रहे।