10 वर्षों से थी पुलिस को तलाश, दरभंगा सीमावर्ती इलाके में ले रखा था शरण
महिषी थाना क्षेत्र के टिकोलवा गांव से पुलिस ने किया गिरफ्तार
सहरसा से भार्गव भारद्वाज की रिपोर्ट :-
सहरसा पुलिस ने अगामी लोकसभा चुनाव को लेकर फरार वारंटियों की धड़पकड़ तेज कर दिया। फरार चल रहे वारंटियों के सफाए के क्रम में शनिवार को दस वर्षों से फरार चल रहे एक शातिर बदमाश जिन पर नक्सलियों के साथ मिलकर पुलिस पर गोलीबारी करने सहित कई संगीन अपराध के मामले दर्ज हैं।
सहरसा जिले के महिषी थाना पुलिस ने टिकोलवा गांव में गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर बिनो सादा को गिरफ्तार करने में बड़ी कामयाबी हासिल की है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार टिकोलवा गांव सहरसा और दरभंगा जिले की सीमा पर अवस्थित है। जिसके कारण यह बदमाश हर बार पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो जाता था। वर्ष 2010 में टिकोलवा में नक्सली वारदात के बाद से इसने अपना घर सहरसा और दरभंगा सीमा में बना लिया था। मगर अधिकांश समय यह दरभंगा जिले की सीमा क्षेत्र में रहता था और अपने मवेशियों को महिषी थाना क्षेत्र के टिकोलवा गांव स्थित वासा में रखता था। सिर्फ मवेशियों को चारा देने वासा पर आता था। इसकी सूचना महिषी थानाध्यक्ष हरेश्वर सिंह को मिली और उन्होंने उसे घर से गिरफ्तार कर लिया।
थानाध्यक्ष ने बताया कि गिरफ्तार बदमाश पर महिषी थाना में सबसे पहले 2006 में हत्या और आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज हुआ था। जिसके बाद 2010 में टिकोलवा में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुए गोलीबारी मामले में भी इसका नाम दर्ज है। इस मामले में न्यायालय द्वारा आरोपी पर वारंट भी जारी किया गया है।
इसके अतिरिक्त 2010 में एक और आपराधिक मामले में इसकी तलाश पुलिस को थी। महिषी थाना के अतिरिक्त दरभंगा जिले के कुशेश्वर थाना में भी आरोपी पर कई मामले दर्ज होने बात बताई गई। थानाध्यक्ष ने बताया कि नक्सली वारदात के बाद उक्त आरोपित की गिरफ्तारी के लिए एक टीम गठित की गई थी। लेकिन ये फरार चल रहा था। फिलहाल पुलिस उसकी गिरफ्तारी से राहत की सांस लेते नजर आ रही है।