सोसल साईट का इस्तेमाल पर बैंक में लाए जाते हैं दवाई


दिन हो या रात ट्राई साइकिल से जरूरतमंदों को पहुंचाते हैं मेडिसिन


पटना से सहयोगी संवाददाता की रिपोर्ट :-


कहां गया है अच्छी सोच हमेशा अच्छाई की ओर ले जाती है। कोई भी काम कठिन नहीं होता है बस उसे करने की अच्छी सोच की जरूरत पड़ती है फिर तो आगे कारवा अपने आप बनता चला जाता है।

कुछ इसी प्रकार की सोच के साथ बिहार के पटना में रहने वाले पांच दिव्यांगों ने अपनी दिव्यांगता को धता बताते हुए दवाई बैंक बना डाला। अव ये जरूरतमंदों के बीच दिन रात कभी भी अपनी ट्राई साइकिल से दवा पहुंचा रहे हैं।


दवाई बैंक के मुख्य संयोजक सामाजिक कार्यकर्ता भरत कौशिक , राकेश कुमार पटेल , रितु चौबे हैं , वही सहयोग के रूप में दिव्यांग छात्र गुड्डू कुमार तथा मनोज कुमार भी शामिल है।

यहां बताते चलें कि दवाई बैंक झुग्गी झोपड़ी , दिव्यांग एवं असहाय , गरीब , कमजोर तबके के लिए बनाया गया है , दवाई बैंक के निर्माणकर्ता  ने बताया कि जब ये लोग गरीबों के बीच शहर के स्लाम में रहने वाले लोगों के बीच जाते थे तो उन्हें दबाई के बिना तरपते एवं मरते देखकर इन सभी की आंखों आंसुओं से भर जाती थी ! इन सभी का मन रोता रहता था यह हमेशा सोचते रहते थे कुछ ऐसा काम करना है जिससे गरीबों की मृत्यु ना हो और कोई दिव्यांग भी ना हो इसलिए इनके मन में कुछ अलग करने की सोच हमेशा रहती थी इन्हें ऐसा महसूस होता था कि दवाई यदि इन गरीबों को मिले तो यह भी अपने स्वास्थ्य को अपने जीवन को ऊंची उड़ान पर ले जा सकते हैं ।

दिव्यांग जनों ने सोचा कि हम दिव्यांग है लेकिन किसी भी गरीब की मृत्यु दवाई के अभाव में होने नहीं देंगे इसलिए ठाना मेडिसिन बैंक बनाकर हॉस्पिटलों में घरों में गरीब असहाय , दिव्यांग एवं कमजोर लोगों के बीच डॉक्टर से दिखाकर शुरुआती दौर की कुछ दवाई दिया जाय ।


इन्हें दवाई देने के लिए कई लोग आ रहे हैं कई दबाई कंपनियो के द्वारा दवाई पहुंचा रही है , इनका काम सोशल साइट Facebook पर WhatsApp पर चल रहा है WhatsApp से जुड़े हुए FACEBOOK से जुड़े हुए लोग सोशल साइट से जुड़कर इन्हें दवाई लेने के लिए बुलाते हैं और यह सभी ट्राई साइकिल से दवाई लाकर मरीजों के बीच पहुंचाते हैं।

रात हो या दिन कभी भी इनके पास कॉल आते ही ये लोग दवाई लेने या फिर देने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। इन सभी का मानना है कि आज दवाई Bank शहर से शुरू होकर  गांव तक पहुंचेगी और पूरा बिहार दवाई के बिना मरने पर मजबूर नहीं होगा ! आने वाले समय में बिहार के विकास में बिहार के निर्माण में दिव्यांग भी अपनी भूमिका निभाने में पीछे नही रहेगें ।


दवाई दान करने के लिए नीचे लिखे लिंक पर सम्पर्क कर सकते हैं :-
https://www.facebook.com/bharat.kaushik.737