एक भी आशा कार्यकर्ता रात में नहीं रहती आवासीय में,दिन में प्रशिक्षण देकर चलता है काम
माड्यूल 5,6 एवं 7 का के तहत अनुमंडल सहित सौर बाजार,पतरघट व सोनवर्षा राज का प्रशिक्षण केन्द्र है
सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) ब्रजेश भारती की रिपोर्ट :-
सरकार द्वारा आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने के लिए गत दिनों से सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडलीय अस्पताल में चलाए जा रहे आवासीय प्रशिक्षण के नाम पर लूट की छूट मची है। इस प्रशिक्षण में सभी हमाम में नंगे हैं।
यह प्रशिक्षण सिर्फ खानापूर्ति कर चलाया जा रहा है। दिन में चंद घंटे क्लास चला प्रशिक्षण कागजों पर पूर्ण हो रहा है। इसमें सभी की चांदी कट रही है चाहे वह प्रशिक्षक हो या फिर व्यवस्थापक या फिर आशा कार्यकर्ता।
हमाम में सब नंगे की तर्ज पर इस सरकारी महत्वाकांक्षी प्रशिक्षण योजना को मजाक बना लाखो की सरकारी राशि का बंटरबांट किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण कार्य पूर्ण रूप से गैर आवासीय के रूप में चल रहा है। शाम के बाद सभी इस कार्यक्रम से जुड़े लोग अपने अपने घर चले जाते हैं।
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प्राप्त जानकारी अनुसार अनुमंडलीय अस्पताल में आशा कार्यकर्त्ताओ की माड्यूल 5, 6 एवं 7 के चतुर्थ चरण का आवासीय प्रशिक्षण चल रहा है। जो जिले के सिमरी बख्तियारपुर, सलखुआ, बनमा ईटहरी, सोनवर्षा, सौरबाजार एवं पतरघट का केन्द्र बनाया गया है। इस प्रशिक्षण में सर्वप्रथम सिमरी बख्तियारपुर से शुरू किया गया। जो बीते 27 जनवरी से 2 मार्च तक सिमरी बख्तियारपुर के 192 आशाओं को छह बेच बनाकर प्रशिक्षण दिया गया।
इसके बाद अभी 5 मार्च से बनमा ईटहरी प्रखंड के एक बेच के आशाओं का प्रशिक्षण चल रहा है। जिस बेच में 30 आशाओं तथा 2 आशा फेसिलेटर को प्रशिक्षण दी जा रही है। आशाओं को प्रशिक्षण देने के लिए तीन प्रशिक्षक अमर कुमार सिंह, पंकज कुमार सिंह एवं नवीन निशांत को प्रतिनियुक्त है।
वहीं अगर सूत्रों की मानें तो कुछ रसूकदार आशा घर बैठे प्रशिक्षण लेती हैं। जिनकी हाजरी केन्द्र पर आसानी से बन जाया करती है। इसके अलावा दिन में तो सभी प्रशिक्षण लेते नजर आते हैं लेकिन शाम के चार से पांच बजते ही प्रशिक्षक हो या आशा सभी केन्द्र पर से गायब हो जाते हैं।
वहीं प्रशिक्षण के बारे में स्वास्थ्य कर्मियों ने दबी जुबान से यह भी बताया कि एक बार चाय और दोपहर में खाना सिर्फ पड़ोसा जाता है इसके अलावा कुछ भी नहीं दिया जाता है। लेकिन इसका न तो आशा हो या कोई स्वास्थ्य कर्मी कोई खुलकर विरोध करना नहीं चाह रहा है। चुंकि सभी हमाम में नंगे हैं तो बोलेगा कौन।
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इधर इस प्रशिक्षण के व्यवस्थापक आशा बीसीएम सतीश कुमार शर्मा ने बताया कि लोकल होने के कारण रात में कोई नहीं रहना चाहती है तो हम क्या करें हम सब व्यवस्था कर रखें है पैरवी से परेशान हो जाते हैं।
इस बावत अनुमंडलीय अस्पताल उपाधीक्षक डा नरेन्द्र सिन्हा ने बताया कि यह आवासीय प्रशिक्षण है। पर रात में कोई रहना नहीं चाहती सही बात है। लेकिन हमारे ओर से रात में ठहरने के लिए पूरी व्यवस्था किया हुआ है। क्रमशः…..!