सिमरी बख्तियारपुर में हाट-सेरात की जमीन पर हो रहा अबैध कब्जा


नगर पंचायत ने निर्माणधीन एक बिल्डिंग के काम पर लगाया रोक 


करीब दस एकड़ जमीन सरकारी जमीन सिमट कर रह गई दो एकड़


सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) ब्रजेश भारती।


दिल्ली, पटना, सिलीगुड़ी से अधिक रेट में बिक्री हो रही सिमरी बख्तियारपुर की जमीन का साईड इफेक्ट यह हो रहा है कि 117 वर्ष पूर्व के सर्वे को हथियार बना सरकारी जमीन पर अबैध कब्जा करने की होड़ मच गई है। 

इस होड़ का सहयोगी अंचल प्रशासन से लेकर प्रशासनिक अधिकारी तक बने है। ताज़ा मामले में नगर पंचायत ने एक जमीन पर हो रहे बिल्डिंग निर्माण पर रोक लगाने की नोटिस जारी कर दिया है।
सिमरी बख्तियारपुर नगर पंचायत सहित आसपास के इलाके में मकान या दुकान के लिए जमीन खरीदना दिनोंदिन मुश्किल हो रहा है चुकिं जमीन का किमत आसमान छू रहा है। सुदूर इलाकों की जमीन के भी रेट आसमान छू रहे हैं।


सिमरी बख्तियारपुर अंतर्गत डाकबंगला चौक, मुख्य बाजार, रानीबाग, रंगीनियां सहित विभिन्न इलाके में जमीन का भाव तीन से पांच गुना तक बढ़ गया है। उद्देश्य चाहे घर बनाने का हो या फिर व्यावसायिक गतिविधि का परंतु सच यह है कि सिमरी बख्तियारपुर मे जमीन खरीदना आसान नहीं है।

जिस वजह से अब लोग सरकारी भूमि पर कब्जा करने लगे है।जिसका सबसे बड़ा उदाहरण सिमरी बख्तियारपुर हाट की जमीन है।जिस पर बीते कई सालों में अनवरत प्रशासनिक भय से दूर अवैध तरीके से घर – मकान बनते जा रहे है।वही अनुमंडल प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन कान में तेल डाल कर सोया हुआ है।


नगर पंचायत ने दिया नोटिस –


सिमरी बख्तियारपुर की हाट सैरात की भूमि अवैध अतिक्रमण की वजह से नरक में तब्दील हो गई है। स्थिति यह है कि हाट की भूमि पर मनमाने तरीके से दुकाने सजती है और सब कुछ जानते हुए भी नप प्रशासन सोया है। अतिक्रमण की स्थिति ऐसी है कि लोग धीरे – धीरे सरकारी भूमि पर ऊंची – ऊंची बिल्डिंग खड़े कर रहे है।


फर्जी कागजात और अंचल कर्मियों की गलती की वजह से नप अतिक्रमण हटाने की हिम्मत नही कर पा रहा है। इधर नगर पंचायत अंतर्गत दूर्गा स्थान गली से सटे हाट-सैरात के इलाके में एक मकान के निर्माण पर नगर पंचायत ने नोटिस जारी कर मकान निर्माण पर रोक लगा दिया है।

नप के द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि नगर पंचायत के हाट सैरात की सरकारी जमीन में पक्का निर्माण कराया जा रहा है, जिसे बंद करने के लिए कई बार आपको मौखिक रूप से कहा गया एवं जमीन से संबंधित शाखा कार्यालय में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था परंतु अब तक आपके द्वारा ना तो निर्माण कार्य रोका गया और ना ही जमीन से संबंधित कोई साक्ष्य उपलब्ध कराया गया।


नप ने जारी पत्र में कहा है कि कार्यालय में पहुंचकर अपना पक्ष रखें अन्यथा आपके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जायेगी।इधर नोटिस जारी होने के बाद बख्तियारपुर पुलिस ने मकान के निर्माण पर रोक लगा दिया है। थानाध्यक्ष रणवीर कुमार ने इसकी पुष्टि की है। 


अतिक्रमण पर नही होता ठोस पहल –


नगर पंचायत सहित अन्य इलाकों में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने की होड़ के बीच प्रशासनिक स्तर पर अतिक्रमण हटाने पर कोई ठोस पहल होती नहीं है जिसकी वजह से अतिक्रमणकारियों के होंसले दिन व दिन बढ़ रहे हैं। पहले झोपड़ी फिर पक्का मकान उसके बाद उस मकान को बहू मंजिला इमारत की शक्ल दे दिया जाता है। 


कानूनी पेंच को बनाते हैं हथियार –


चुंकि सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के दो चार पंचायतों को छोड़ बाकी नगर पंचायत सहित पुरे इलाके में जमीन का सर्वे आज से 117 वर्ष पूर्व हुआ था उस सर्वे को आज भी कानूनी मान्यता प्राप्त है। यही पर अतिक्रमणकारी फर्जी कागजात का सहारा ले कानून को मात दे देता। चुंकि 1902 ई में हुए सर्वे का कागजात सरकारी कार्यालय में नहीं है। यह एक अलग बात है कि वह सब रिकार्ड आखिर गया कहां। 


रकवा से अधिक चल रहा है जमाबंदी –


दोहरी व फर्जी जमाबंदी का खेल सिमरी बख्तियारपुर अंचल में वर्षा पुराना है। जानकार की अगर मानें तो सिर्फ बख्तियारपुर मौजा की जमीन का कुल रकवा 24 सौ एकड़ के करीब है लेकिन सरकारी दस्तावेज में दर्ज जमाबंदी का रकवा दो गुणा से अधिक चल रहा है। आखिर जमीन दस्तावेज में कैसे बढ़ गई। अगर इसकी जांच हुई तो बख्तियारपुर अंचल के बड़े बड़े दिग्गज रसुकदार लोगों के पांव तले की जमीन खीसक जाएगी। 


खाता 391 हमेशा रहता है चर्चा में – 


बख्तियारपुर अंचल की खाता 391 की जमीन हमेशा चर्चा का विषय बनती है। चुंकि इस खाते की अधिकांश जमीन हाट-सैरात, आम जमीन, तालाब,पौखर, गैर मजरूआ आम व खास प्रकार की है। इस जमीन पर हमेशा भू माफियाओं की नजर बनी रहती है। जैसे ही कोई दाव पेंच नजर आता है जमीन पर कब्जा करने की जौगार टेक्नोलॉजी पर काम शुरू कर दिया जाता है। इसलिए हमेशा चर्चा बटोरती है।