लाखों की राशि से निर्माणाधीन स्कूल भवन में गुणवत्ता का अभाव


बनमा-ईटहरी के मध्य विद्यालय परसबन्नी में शिक्षा विभाग की लापरवाही से लोग हैरान

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) से ब्रजेश भारती की रिपोर्ट :-

अनुमंडल क्षेत्र के बनमा ईटहरी प्रखंड के मध्य विद्यालय परसबन्नी के प्रांगण में निर्माणाधीन लाखों की राशि से दो भवनों में गुणवत्ता की धज्जियां उड़ाते हुए कार्य किये जा रहें।

सबसे आश्चर्यजनक बात यह सामने आ रही है कि सेवानिवृत्त एचएम आनन फानन में निर्माण को कर रहे हैं और कोई देखने वाला नहीं है।

निर्माणाधीन भवन की छत से स्कूल के हवाले किये जाने से पहले ही पानी टपकने लगा है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि निर्माणाधीन भवन की गुणवत्ता का क्या हाल है। भवन को देखकर ऐसा लग रहा है कि प्राक्कलित राशि के अनुरूप नियम व कानून को ताक पर रख कर पूरी तरह से घटिया निर्माण किया गया है।

यहां जानकारी दे दें कि स्कूल के प्रांगण में सभी निर्मित व निर्माणाधीन भवनों में प्राक्कलन की जमकर अनदेखी की गई है। स्थानिय ग्रामीणों के अनुसार सभी भवनों में रूपये की लूट हुई है बारिश के समय छत से पानी तो टपकता ही है इसके अलावे दीवार से मशाला भी झड़ रहे हैं।

ग्रामीणों की मानें तो इस कार्य में विभागीय पदाधिकारी हो या अधिकारियों की मिलीभगत कुछ कम नहीं है ये लोग कभी झांकने तक नहीं पहुंचते हैं। लिहाजा अपने मनमर्जी से भवन को बनाया जा रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार मध्य विद्यालय परसबन्नी के प्रांगण में सर्व शिक्षा अभियान व भवन निर्माण विभाग के मद से पूर्व प्रधानाध्यापक ब्रह्मदेव बैठा के द्वारा कई प्रकार के भवन का निर्माण किया जा रहा है। जो सभी निर्माणाधीन अवस्था में चल रहा है। बताया जा रहा है कि वित्तीय वर्ष 9-10, 10-11 एवं 11-12 सहित अन्य वित्तीय वर्षों में करीब 55 से 60 लाख रुपये से ज्यादा की विभिन्न कार्य हो रहे हैं।

बताया जा रहा है उत्तर की दिशा में एक बहुत ही बड़ा भवन बनाया गया है। जो अभी अर्धनिर्मित ही है। इस भवन में एक साथ करीब 12 लाख रुपये की लागत से 4 एसीआर, साढ़े 9 लाख रूपये के आसपास 3 एसीआर, एवं साढ़े चार लाख रुपये के आसपास की लागत से 1 एचएम कक्ष का भवन सभी एक साथ मिलाकर बनाया गया है।

वही दूसरा दक्षिण की दिशा में अभी वर्तमान में करीब 14 लाख के आसपास की राशि की लागत से 4 एसीआर भवन का निर्माण कार्य चल रहा है। इस भवन के अंदर की सरजमीन की प्लास्टर तो नहीं अब तक किया गया है। वहीं डेन्टिंग-पेन्टिंग किया जा रहा है। इस भवन के छत से भी पानी बरसात का टपकने लगा है।

अब सवाल यह है कि एक तो सभी प्रकार के निर्माणाधीन भवनों की समय सीमा वर्षों पहले समाप्त हो गया है। इसके बाद अब घटिया भवन की निर्माण कर स्कूल को सौंपने की जल्दबाजी में तैयारी की जा रही है। फिर भी विभागीय पदाधिकारी हो या अधिकारी चाहे हो जेई कोई झांकने तक नहीं पहुंच रहे हैं कि निर्माणाधीन भवनों की गुणवत्ता कैसा है इतना ही नहीं बनाने वाले प्रधानाध्यापक ब्रह्मदेव बैठा वर्षों पहले सेवानिवृत्ति भी हो चुके हैं। वही पूर्व प्रधानाध्यापक ब्रह्मदेव बैठा ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते कहा कि प्राक्कलित राशि के अनुरूप गुणवत्ता पूर्ण सभी भवनों का निर्माण कराया जा रहा है।

वही इस बावत स्कूल के प्रधानाध्यापिका शौभा कुमारी ने बताया कि निर्माणाधीन सभी भवनों का चार्ज पूर्व प्रधानाध्यापक ब्रह्मदेव बैठा के द्वारा मुझे नहीं दिया गया है। इसलिए पता नहीं चल पा रहा है कि कौन भवन कितने की लागत से बनाई जा रही है या बनाई गई है।