एम्बुलेंस से इलाज के लिए सहरसा ले जाने के क्रम में हो गई मौत
सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) से ब्रजेश भारती की रिपोर्ट :-
आज इंसान की इंसानियत कैसे खत्म हो रही है इसका जीता जागता उदाहरण मंगलवार को बिहार के सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल क्षेत्र के नगर पंचायत रानीबाग के समीप देखने को मिला।
सहरसा-मानसी रेलखंड के सिमरी बख्तियारपुर रानीबाग रेलवे क्रासिंग से उत्तर मवेशी हाट कब्रिस्तान के पास ट्रेन की चपेट में आ कर एक 45 वर्षीय महिला की दोनों पांव एक हाथ कट अलग हो गया।
ट्रेन गुजरने के बाद जैसे ही इस बात की भनक आसपास के लोगों को लगी लोग दौड़ कर उस महिला को देखने चल दिया। कटी महिला पटरी के बीच तड़प रही थी तो किसी ने उसे किनारे कर दिया। सैकड़ों की भीड़ के बीच वह महिला दोनों पांव व हाथ गवाने के बाबजूद जिंदा थी वह तड़प तड़प पर पानी-पानी चिल्लाती रही लेकिन लोग फोटो व विडियो बनाने में लगे रहे। कुछ लोग उस दृश्य को देखकर सिर्फ कुछ बुदबुदाते निकल रहें थे।
करीब एक घंटे तक वह महिला सहायता के लिए लोगों से भीख मांग रही थी पर किसी ने ना तो पानी ही दिया ना ही किसी ने उसे अस्पताल पहुंचाने का ही प्रयास किया। हालांकि कुछ देर बाद कुछ स्थानिय जनप्रतिनिधियों व कुछ नये युवा एम्बूलेंस वाले को फोन करने की बात करते नजर जरूर आये।
क्या है पुरा मामला –
रानी बाग रेलवे क्रॉसिंग के समीप बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के तुलसियाही गांव की एक 45 वर्षीय महिला सुनीता देवी घर में हुए परिवारिक कलह से परेशान हो कर घर से किसी को बताये बिना निकल ट्रेन में कुद जान देने की कोशिश की।
ट्रेन आते ही महिला ने वही काम भी किया लेकिन इसे महज एक संयोग ही कहा जाय की महिला का दोनों पांव व एक हाथ कट कर गंभीर रूप से जख्मी हो गई।
करीब एक घंटे बाद जब एम्बूलेंस आया तो कभी उस महिला का पुत्र भी वहां पहुंच गया उसे इलाज के लिए सहरसा ले जाने के क्रम में अस्पताल पहुंचाने से पहले ही उसकी मौत हो गई।
हालांकि पुलिस शव को कब्जे में ले पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मामले की छानबीन की जा रही है।