बच्चे के जन्म प्रमाणपत्र में फर्जीवाड़ा कर दाखिल किया था नामांकन
- विरोध में चुनाव लड़ें प्रत्याशी ने पांचवें बच्चे के जन्म प्रमाणपत्र को लेकर दी थी चुनौती
सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) नगर परिषद सिमरी बख्तियारपुर के वार्ड नम्बर 10 के वार्ड पार्षद छट्टू राम की सदस्यता राज्य निर्वाचन आयोग ने रद्द कर दिया है। इनके साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग ने डीएम सहरसा के द्वारा छट्टू राम के द्वारा गलत हलफनामा एवं तथ्य छुपाने हेतु बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 447 एवं अन्य सुसंगत धारा में नियमानुसार करवाई करने का अनुरोध किया है।
क्या है मामला : नगर परिषद क्षेत्र के सिमरी वार्ड नं 10 निवासी चंदन शर्मा ने नगर परिषद के चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी रहें छट्टू राम पर एक बच्चे के जन्म प्रमाणपत्र में फर्जी जन्म दिन होने का आरोप लगाया था। बतौर चंदन शर्मा ने आरोप लगाया कि प्रत्याशी रहे छट्टू राम के पांचवें बच्चे का जन्म का जन्म 4.4.2008 के बाद हुआ है जबकि उसने अपने पांचवें बच्चे का जन्म 29 मई 2015 बताया है जो ग़लत है।
उसके बाद चंदन शर्मा ने मामले को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग में मामला दर्ज करा दी। राज्य निर्वाचन आयोग में चले सुनवाई के बाद इस निष्कर्ष पर आया की छट्टू राम ने अपने हलफनामे में अपने पांचवें बच्चे के जन्म तिथि में गड़बड़ी किया है। इस आधार पर उसका निर्वाचन सही नहीं है। उसे तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया।
अब जबकि छट्टू राम की सदस्यता रद्द हो गई है तो नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड पार्षद दस का सीट रिक्त हो गया है। आपको बतातें चलें कि नगर परिषद सिमरी बख्तियारपुर के जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र निर्गत करने वाले पदाधिकारी व अस्पताल उपाधीक्षक ने भी छट्टू राम के द्वारा दिए गए जन्म प्रमाणपत्र को रद्द घोषित कर दिया था।
वहीं मंगलवार को दिनभर वार्ड पार्षद की सदस्यता रद्द होने का मामला छाया रहा। हर कोई इस मसले को लेकर चर्चा करते नजर आया। यहां जानकारी हो कि सरकार ने नगर पालिका चुनाव में 4.4.2008 के बाद तीसरे बच्चे के जन्म पर अभिभावक को चुनाव लडने से अयोग्य घोषित कर दिया है। ऐसे में छट्टू राम पर एक बच्चे का जन्म उपरोक्त तिथि के बाद होने की बात कही गई थी लेकिन छट्टू राम ने उपरोक्त तिथि से सभी बच्चे की जन्म होने की जानकारी देते हुए चुनाव लडा और वो चुनाव जीत भी गया।