पुलिस ने ट्रेन से सिमरी बख्तियारपुर आते ही धड़ दबोचा
- वर्तमान में मुन्ना यादव की पुत्र-वधू सहरसा जिला पार्षद के पद पर है निर्वाचित
सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) सहरसा पुलिस द्वारा घोषित 25 हजार रुपया के इनामी बलवाहाट ओपी क्षेत्र के गलफरिया निवासी पूर्व मुखिया करीब 14 वर्षो से फरार स्थाई वारंटी मुन्ना यादव उर्फ रंजीत यादव को बख्तियारपुर थाना पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार कर लिया। मुन्ना यादव की पुत्रवधू वर्तमान में सहरसा जिला पार्षद क्षेत्र संख्या 4 से वर्तमान पार्षद हैं। उसकी गिरफ्तारी दिनभर चर्चा का विषय बना रहा।
बुधवार को थाना परिसर में सिमरी बख्तियारपुर एसडीपीओ एजाज हाफिज मानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर बताया कि विगत 14 वर्षों से फरार चल रहे मुन्ना यादव उर्फ़ रंजीत यादव की गिरफ्तारी हेतु लगातार पुलिस छापेमारी कर रही थी। हर बार वह पुलिस को चकमा देकर फरार हो जा रहा था।
मंगलवार को गुप्त सूचना मिली कि मुन्ना यादव को खगरिया रेलवे स्टेशन पर देखा गया और वह पुरबिया एक्सप्रेस ट्रेन से सिमरी बख्तियारपुर की ओर जा रहा है। जिस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए बख्तियारपुर थानाध्यक्ष मो शुजाउद्दीन के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया जिसमें बलवाहाट ओपी अध्यक्ष कुलवंत कुमार, दरोगा ज्ञानानंद अमरेंद्र, प्रमोद कुमार प्रशिक्षु दरोगा प्रीति कुमारी को शामिल किया गया।
गठित टीम ने खगड़िया से ही मुन्ना यादव को लोकेट करते हुए पीछे लग गई और उसकी गिरफ्तारी हेतु सिमरीबख्तियारपुर रेलवे स्टेशन के इर्द-गिर्द सादे लिबास में पुलिस बल को तैनात की गई। तभी सिमरी बख्तियारपुर से दक्षिण रेलवे ढाला के समीप मुन्ना यादव उर्फ़ रंजीत यादव को उतर कर जाते देखा गया और टीम ने उसकी घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने बताया कि मुन्ना यादव पर माननीय न्यायालय श्री आरपी सिंह एडिशनल सेशन जज एसटी नम्बर 85/02 एवं एसटी नम्बर 120/02 के स्थाई वारंटी के विरुद्ध माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 31 अक्टूबर 2009 को स्थाई अधिपत्र निर्गत किया गया था। इस कांड में माननीय न्यायालय द्वारा मुन्ना यादव उर्फ़ रंजीत यादव को आजीवन कारावास की सजा दी गई थी। जो वर्ष 2009 से ही फरार था। जिसपर सहरसा पुलिस ने 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर रखा था।
वहीं मुन्ना यादव की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही बुधवार दिनभर गिरफ्तारी चर्चा का विषय बना रहा। उसके समर्थक उससे मिलने थाना आते रहे। मुन्ना यादव की गिनती राजनीति रूप से प्रभावशाली नेताओं में होती रही है। अपने राजनीतिक प्रभाव की बदौलत उन्होंने अपने पुत्रवधू नेहा कुमारी को दो-दो बार पार्षद पद से विजयी बनानें में सफल रहे। राजनीति रूप से प्रभावशाली मुन्ना यादव के पिता सिंहेश्वर यादव की हत्या कालांतर में कर दी गई थी। उसके बाद ही मुन्ना यादव बदले की भावना से अपराध जगत की ओर अग्रसर हो गया था।