रात भर कांवरियो की सेवा में जुटे रहे ग्रामीण, हर हर महादेव के नारों से गूंजामान रहा माहौल
सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) मलमास के समाप्ति के साथ ही सावन के दूसरे पक्ष के तीसरी सोमवारी पर हजारो डाकबम ऊबड़ – खाबड़ रास्ते, पगडंडी और रेलपथ के पत्थरों का सामना करते हुए बलवाहाट स्थित मटेश्वर धाम मंदिर पहुँच कर अद्भुत शिवलिंग पर जलाभिषेक किया। यह कांवरिया मुंगेर के छर्रापट्टी से बलवाहाट स्थित कांठो के मटेश्वर मंदिर पहुँचे। इस दौरान पुरे रास्ते कांवरिया पथ पर भक्तो की सेवा के लिए आमलोगों का जनसैलाब उमड़ा।
वही रविवार रात सलखुआ प्रखंड अंतर्गत पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर से भी सैकड़ो की संख्या में कांवरिया नाव से नदी पार कर मटेश्वर धाम पहुंच जलाभिषेक किया। डाक बम सेवा समिति के माध्यम से रात भर धाप बाजार में छर्रापट्टी से जल उठा मटेश्वर बाबा के दर पर जा रहे कांवरियो का सेवा – सत्कार किया गया।
वही एसडीओ अनिषा सिंह, डीएसपी इम्तियाज अहमद ने भी अहले सुबह मंदिर पहुँच सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। वही मुख्यालय डीएसपी एजाज मनी हाफिज भी मंदिर परिसर में रात भर डटे रहे। इसके अलावे बड़ी संख्या में प्रतिनियुक्त पुलिस बल कांवरियो को जल चढ़ाने में सहयोग करते देखे गए।
● गर्मी ने किया परेशान : बाबा मटेश्वर के शिवलिंग पर जलाभिषेक को आतुर भक्तो ने मलेमास समाप्ति के साथ ही दूसरे पक्ष के तीसरे सोमवारी को बाबा के द्वार पहुँच जलाभिषेक किया। हालांकि भीषण गर्मी ने बाबा के भक्तो को परेशान किया। जिस वजह से मुंगेर के छर्रा पट्टी से जल लेकर हजारों काँवरिया दोपहर के बजाय शाम को रवाना हुए। ये कांवरिया मानसी बाजार के रास्ते बिना रुके रात भर जाते दिखे।
इधर रविवार रात आमजन डाकबम और कांवरियों की सेवा करते रहे। इधर रविवार रात दर्जनों मोटरसाइकिल सवार उदण्ड युवकों ने खूब धमा चौकड़ी मचाई जिसे रोकने की प्रशासन असफल दिखा। हर बार इस पर लगाम लगाने की बात कही जाती है लेकिन वह पुरा नही होता दिखता है।
● दो बजकर छह मिनट पर खुला पट : तीसरे सोमवारी को बाबा मटेश्वर जाने वाले श्रद्धालुओं में बच्चो और युवाओं की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई। ये बच्चे और युवा डाक बम थकान से बेफिक्र सारी रात डीजे की धुन पर झूमते – गाते बाबा मटेश्वर का जयकारा करते दिखे। वही मुंगेर के छर्रापट्टी से लेकर बलवाहाट तक के रास्ते में रविवार रात कांवरिया पथ के आसपास के ग्रामीणो का सैलाब उमड़ा हुआ दिखा।
खैनी-चूना बम, शरबत बम, पानी बम, केला बम, फल बम, छुवारा बम, दूध बम, बाम बम, बीड़ी बम से लेकर कई तरह के नारे के साथ स्थानीय लोग कांवरियों की सेवा करते दिखे। कोई नींबू पानी, कोई दर्द का मरहम, तो कोई गर्म पानी पैर पर देते दिखे। ताकि कांवरियों का दर्द कुछ कम हो सके और सेवा का फल उन्हें भी प्राप्त हो सके।
फनगो से लेकर गोरगामा ढ़ाला के बीच लगभग दो दर्जन स्थानों पर डीजे की धुन के बीच सैकड़ो की संख्या मे उपस्थित ग्रामीण बमो की सेवा करते दिखे। वही गोरगामा ढ़ाला से होते हुए सिमरी बख्तियारपुर के मुबारकपुर, फेनसाहा, पुरानी बाजार, भौरा, सरडीहा आदि होते हुए रात भर बमो का जत्था मटेश्वर धाम जाते दिखा। इस दौरान भक्ति का सैलाब और विभिन्न सेवा शिविर के जुझारू कार्यकर्ता माहौल को भक्तिमय करते दिखे। इधर डाकबमो की भीड़ ज्यादा होने के कारण मंदिर का पट तीन बजे के बजाय रात दो बजे ही खोल दिया गया।
● जख्मी बमो की हुई मंदिर परिसर में सेवा : रविवार रात गर्मी से बेहाल डाकबमो की सेवा के लिए मंदिर परिसर में चिकित्सकों का भी इंतजाम दिखा। उबड़ – खाबड़ रास्तो से मंदिर पहुंचे कई काँवरियो के पैर में ज़ख्म हो जाने पर अनुमंडलीय ग्रामीण चिकित्सा सेवा संघ द्वारा निःशुल्क उपचार किया गया।
इस मौके पर डॉ अर्जुन ठाकुर, डॉ विजय कुमार, संघ के अनुमंडल अध्यक्ष सुभाष चन्द्र मिश्र उर्फ मुन्ना पाठक, पंकज कुमार यादव, संजय पोद्दार, मनोज सिंह, रामभरोस, ध्रुव, महेश्वर शर्मा, कुंदन, रौशन, संतोष अन्य ने रात्रि से ही श्रद्धालुओं की सेवा में लगे रहें।