बिचौलिए व अस्पतालों में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी करते हैं कमीशन एजेंट का कार्य
  • गत दिनों इलाज के दौरान एक निजी नर्सिंग होम में एक बुजुर्ग की हुई थी मौत

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) अनुमंडल क्षेत्र में जगह-जगह खुले अवैध नर्सिंग होम पर कार्रवाई नहीं होने से लोगों की जिंदगी का लगातार सौदा हो रहा है। अनुमंडल क्षेत्र का नगर परिषद क्षेत्र एवं प्रखंड क्षेत्र का कोई ऐसा जगह नहीं है जहां फर्जी क्लिनिक व नर्सिंग होम नहीं खुले हों। जिम्मेदार अधिकारी ऐसे अवैध नर्सिंग होम पर नकेल कसने में दिलचस्पी नहीं लेते हैं। बिना लाइसेंस के चल रहे ऐसे नर्सिंग होम में आए दिन मरीजों की मौत होती है।

बिचौलिए व सरकारी अस्पतालों में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी कमिशन एजेंट के रूप में काम करते हुए यहां मरीजों को पहुंचाते हैं। जहां बेगूसराय एवं पटना, सहरसा के डॉक्टरों द्वारा इलाज व आपरेशन का झांसा दिया जाता है। जबकि वहां न तो कोई डिग्री वाले डॉक्टर होते हैं और न ही प्रशिक्षित स्टाफ। यहां न तो रजिस्टर्ड लैब की सुविधा होती है और न ही दवा भंडारण का लाइसेंस।

यहां बतातें चले कि चार दिन पूर्व नगर परिषद क्षेत्र के मधुबन शर्मा टोला निवासी 60 वर्षीय हरिनंदन शर्मा की मौत डाक बंगला चौराहा स्थित एक निजी नर्सिंग होम में इलाज के दौरान हो गई थी। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने मृतक के परिजनों को मोटी रकम देकर एक स्टांप पेपर पर मौत की अनापत्ति लिखा मामले को रफा दफा कर दिया।

उसके बाद मंगलवार को भी अनुमंडलीय अस्पताल में दो संदिग्ध हालात में मिले निजी नर्सिंग होम के दलाल को अस्पताल उपाधीक्षक ने पकड़ कड़ी फटकार लगाते हुए चेतावनी देते हुए छोड़ दिया। यहां बतातें चले कि अनुमंडल क्षेत्र के नगर परिषद क्षेत्र में करीब एक दर्जन निजी नर्सिंग होम संचालित है। कुकुरमुत्ते की तरह उग आए ऐसे नर्सिंग होम बिना मानक के संचालित हो रहे हैं। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई नहीं होने से मरीज को मौत की कीमत चुकानी पड़ रही है।