कोई भी निर्णय बोर्ड व सशक्त स्थायी समिति करती है, आरोप लगाने वाले स्वयं थे उसमें : रौशन आरा
- वार्ड पार्षद व पूर्व अध्यक्ष ने प्रेस वार्ता कर अध्यक्ष उपाध्यक्ष के लगाए आरोप दी प्रतिक्रिया
सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) बीते दिनों साफ – सफाई से जुड़े टेंडर विवाद के सामने आने के बाद से सिमरी बख्तियारपुर में नप के पक्ष – विपक्ष के बीच आरोप – प्रत्यारोप का दौर जारी है। गुरुवार को जहां नप कार्यालय वेश्म में अध्यक्ष प्रतिनिधि हस्सान आलम और वार्ड पार्षद सह सशक्त स्थायी समिति के सदस्य विकास कुमार विक्की द्वारा प्रेस वार्ता कर पूर्व नगर अध्यक्ष रौशन आरा पर कई गंभीर आरोप लगाए गए।
वही शुक्रवार को पूर्व नगर अध्यक्ष रौशन आरा ने अपने आवास पर प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि गुरुवार को नगर परिषद कार्यालय स्थित ईओ के वेश्म में हुए प्रेस वार्ता में गलत तरीके से अपनी बातों को रख अध्यक्ष प्रतिनिधि और उपाध्यक्ष प्रतिनिधि द्वारा जनता को गुमराह करने का काम किया गया है।
सबसे बड़ी बात की प्रेस वार्ता के लिए नगर परिषद कार्यालय स्थित ईओ चैंबर का उपयोग करना गैर – कानूनी है। उन्होंने कहा कि उपाध्यक्ष प्रतिनिधि सह वार्ड पार्षद विकास कुमार पिछले पंचवर्षीय में नगर पंचायत के उपाध्यक्ष भी रह चुके है और उनके द्वारा यह कहना कि नगर पंचायत की कोई भी संचिका मेरे पास नही आती थी और सारी संचिका गायब है, यह हास्यास्पद है।
वह किसे बेवकूफ बना रहे है। नगर की जनता भली – भांति जानती है कि नगर पंचायत में कोई भी निर्णय सामान्य बोर्ड की बैठक या सशक्त स्थायी समिति की बैठक में होती थी और उसकी पंजी में उनके हस्ताक्षर के बिना कोई निर्णय संभव नही था। जहां तक संचिका का सवाल है इसकी जिम्मेवारी नगर प्रशासन की होती है। अगर संचिका गायब थी तो उन्होंने अपने कार्यकाल में इसकी लिखित शिकायत क्यों नही की।
उन्होंने कहा कि नगर की साफ – सफाई टेंडर में उनके द्वारा कहा गया कि वर्तमान वार्ड पार्षद मोजाहिर आलम और पूर्व जिप उपाध्यक्ष रितेश रंजन ने संयुक्त रुप से एक कंपनी बना कर टेंडर लेना चाहते है, जबकि गाइडलाइन में यह स्पष्ट है कि नगर परिषद के वार्ड पार्षद पद पर रहते हुए ऐसा कोई लाभ नही ले सकते है। उनके द्वारा लगाया गया यह आरोप सरासर गलत है।
रही बात अपने रिश्तेदारों के नाम पर वाहन का भाड़ा उठाने का तो यहां भी स्पष्ट कर दूं कि बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लेने के उपरांत ही उक्त वाहनों को भाड़ा पर रखा गया था और निर्णय पंजी में उस समय के उपाध्यक्ष विकास कुमार का हस्ताक्षर भी है। उस समय उन्होंने कोई आपत्ति नही दर्ज की। अब वह बदनाम करने के उद्देश्य से यह कृत्य कर रहे है।
रौशन आरा ने कहा कि साफ – सफाई के लिए जो टेंडर प्रक्रिया निकाली गई है वह खास कंपनी के लिए मोटी रकम का लेन – देन कर मैनेज है। यदि एनआईटी के शर्तो को वह सामान्य करते तो ज्यादा – से – ज्यादा इस प्रक्रिया में भाग लेते और सरकार के राजस्व की बचत होती पर वर्तमान अध्यक्ष और उपाध्यक्ष अपने जिद्द पर अड़े है। इससे साफ जाहिर होता है कि इनलोगो के द्वारा साफ – सफाई में घोटाले की साजिश रची जा रही है।
● हाट की जमीन पर है कब्जा : प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व नगर अध्यक्ष रौशन आरा ने कहा कि वर्तमान उपसभापति सह वार्ड पार्षद विकास कुमार के द्वारा हाट – सैरात की सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर अपना कार्यालय बनाये जाने की बात को नगर का बच्चा – बच्चा जानता है। यह बात नप कार्यपालक पदाधिकारी भी जानते है। विकास कुमार के द्वारा यह कहना कि उक्त कार्यालय हाट – सैरात के संवेदक संजय कुमार की है तो हमारी मांग है कि उसे हटाया जाए। साथ ही पिछले दस वर्षों से हाट – सैरात गुदरी आपकी कृपा और भय से एक ही संवेदक को दिया जा रहा है। यह भी जांच का विषय है।
क्या संवेदक को कार्यालय बनाने की अनुमति है। बिना जमीन के कागज के संवेदक को बिजली कनेक्शन कैसे दिया गया है वह भी जांच का विषय है। रौशन आरा ने कहा कि मेरा घर बिना नक्शा पारित हुए बनाने की बात विकास कुमार ने कही है। जो सरासर गलत है। क्योंकि मै जिस घर मे रह रहा हूँ वह घर उस समय का बना है जिस समय नगर पंचायत का कोई अस्तित्व नही था।
इस संबंध में वार्ड पार्षद विकास कुमार ने कहा कि मेरे द्वारा जो आरोप लगाया गया था वह सबूत के साथ पेश किया गया था। लेकिन पूर्व नगर अध्यक्ष ने जो आरोप लगाया वह हवा – हवाई है। बिना कोई सबूत के दुर्भावना से ग्रसित हो कर अनर्गल आरोप लगाया है।