विभागीय पत्र की भी अनदेखी कर रही नगर प्रशासन – रितेश रंजन
- नप की मनमानी रोकने के लिए जल्द बुलाई जाएगी विपक्ष की बड़ी बैठक – पूर्व अध्यक्ष
सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) नगर परिषद द्वारा निकाली गई साफ – सफाई की निविदा पर उठा विवाद थमने का नाम नही ले रहा है। बीजेपी लगातार साफ – सफाई की निविदा में अनियमितता का आरोप लगा रही है।
बुधवार को बीजेपी नेता रितेश रंजन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर नप द्वारा निकाले गए टेंडर पर कई बिन्दुओं पर सवाल खड़ा किया। जारी प्रेस विज्ञप्ति में रितेश रंजन ने कहा है कि नगर परिषद द्वारा निकाले गए टेंडर में भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल स्टार्टअप इंडिया का जिक्र तक नही है।
ये भी पढ़ें : नगर परिषद में साफ-सफाई के लिए निकाले गए निविदा पर उठा सवाल
स्टार्टअप इंडिया जिसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप्स और नये विचारों के लिए एक मजबूत पारिस्थिति की तंत्र का निर्माण करना है जिससे देश का आर्थिक विकास हो एवं बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न हों। लेकिन स्टार्टअप के लिए नप के निविदा में कुछ भी जगह नही दी गई है। जबकि पूर्णिया नगर निगम द्वारा एनआईटी के बीड में स्टार्टअप से जुड़ी कंपनी को टर्नओवर एवं अनुभव में छूट दिया गया है।
दूसरी बात नगर निगम मधुबनी में बीड प्रोसेसिंग चार्ज काफी कम है। जबकि नगर परिषद सिमरी बख्तियारपुर में जान बूझ कर बीस हजार रखा गया है। जिससे कम – से – कम एजेंसी निविदा में भाग ले सके। इसके अलावे पूर्णिया और मधुबनी नगर निगम जैसे बड़े यूएलबी में टर्न ओवर एक करोड़ से दो करोड़ रखा गया है। जबकि यहां एक वित्तीय वर्ष में 8 करोड़ रखा गया है। जो साफ – साफ मैनेज एनआईटी की ओर इशारा करता है।
ये भी पढ़ें : नगर परिषद के सफाई कर्मी गए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
बड़ी से बड़ी नगर निकाय में भी अनुभव में दो नगर निकाय या किसी भी संस्था से साफ – सफाई का अनुभव मांगा गया है। जबकि नगर परिषद सिमरी बख्तियारपुर के एनआईटी में मात्र दो वर्ष में दस यूएलबी का अनुभव की शर्त रखी गई है।
भाजपा नेता ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि समय – समय पर साफ – सफाई को लेकर विभाग पत्र जारी करती है, जिसका उल्लेख एनआईटी में होना अनिवार्य है। लेकिन नगर आवास विभाग के अधतन पत्रांक 1353 दिनांक 28.5.2019 एवं पत्रांक 485 दिनांक 04.02.2020 के पत्र का जिक्र तक नही है।
रितेश ने कहा कि नगर परिषद सिमरी बख्तियारपुर के एनआईटी को रद्द नही करती है तो अंत मे एनआईटी को रद्द करने को लेकर माननीय उच्च न्यायालय के शरण मे जाया जाएगा। जिससे आम जनता के टैक्स के पैसे का दुरुपयोग भविष्य में ना किया जा सके।
सशक्त विपक्षी की भूमिका को लेकर बुलाई जाएगी बैठक – रौशन आरा
वही साफ-सफाई के लिए निकाले गए टेंडर में मची हाय तौबा के बीच नप के पूर्व अध्यक्ष रौशन आरा ने बताया कि नगर सरकार का गठन के चंद दिनों बाद ही मनमानी देखने को मिल रही है। ये बर्दाश्त योग्य नहीं है। जल्द सशक्त विपक्षी की भूमिका को लेकर एक बैठक बुलाई जाएगी जिसमें जनता ने जिन जिन लोगों को विपक्ष में बैठने की अनुमति मिली है वो सब मिलकर नप प्रशासन की मनमानी पर रोक लगाने के लिए एकजुट होकर मनमानी कर रोक लगाएगी।