ओपीडी में इलाज कराने आई महिला ने खोली पोल, प्रभारी बोले विजिटिंग कार्ड देना गलत
सिमरी बख्तियारपुर(सहरसा) बिहार सरकार स्वास्थ्य विभाग को बेहतर बनाने के लिए लाख कोशिशें कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत उन कोशिशों से आज भी दूर है।
ताजा मामला सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडलीय अस्पताल का है। जहां कार्यरत सरकारी डॉक्टर मरीजो को इलाज उपरांत इलाज और दवाई लेने के लिए अपने क्लिनिक का विजिटिंग कार्ड दे रहे है। जिसका खुलासा सोमवार को हुआ। बताया जाता है कि सोमवार को सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडलीय अस्पताल में ओपीडी में मरीजो को देख रहे डॉ बीरेंद्र कुमार ने यह कार्य किया है।
सोमवार को जब ओपीडी में एमबीबीएस डॉक्टर बीरेंद्र कुमार मरीजो का इलाज कर रहे थे तो मरीजो को इलाज उपरांत वह अपने निजी क्लिनिक का विजटिंग कार्ड दे रहे थे। इलाज कराने आये एक महिला मरीज ने बताई कि डॉक्टर साहेब ने इलाज उपरांत कुछ दवाई हॉस्पिटल में मिलने की बात कही और बांकि दवा की अनुपलब्धता बताते हुए विजिटिंग कार्ड दे दुकान से लेने को कहा। इस संबंध में जब पत्रकारों ने डॉक्टर बीरेंद्र कुमार से पूछा तो डॉक्टर ने बताया कि जो दवाई अस्पताल में उपलब्ध था वह बोले यहां से ले लेने और बांकि के लिए उसे विजिटिंग कार्ड दिया था।
यहां यह बता दे कि अनुमंडलीय अस्पताल में कार्यरत डॉ बीरेंद्र कुमार का वर्तमान में सिमरी बख्तियारपुर में स्टेट बैंक के बगल वाला रोड में लक्ष्मी केयर यूनिट नामक होस्पिटल है। इस संबंध में अनुमंडलीय अस्पताल के अस्पताल उपाधीक्षक डॉ एन के सिंहा ने बताया कि मुझे भी आज यह जानकारी प्राप्त हुई है। मरीजो को विजिटिंग कार्ड देना एकदम गलत है। इस संबंध में जांच पड़ताल की जायेगी।
चलते चलते ये भी पढ़ें : डीडीसी ने किया सदर अस्पताल का निरीक्षण, अमेरिका से पहुंचे चिकित्सक से ली जानकारी