मैट्रिक परीक्षा में बड़ा भाई ने टॉप टेन में बनाई थी जगह, एनडीए का दिया था परीक्षा
- हेलमेट रहती तो बच सकती थी जान, बाइक व स्कूटी में हुई थी टक्कर
ब्रजेश भारती : सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) शनिवार की सुबह सिमरी बख्तियारपुर के लिए काला दिन कहा जाएगा। एक साथ दो छात्रों की मौत से हर किसी का दिल दहल गया। करीब चार घंटे तक रणक्षेत्र में तब्दील रहा घटनास्थल पर कभी भी कोई बड़ी अनहोनी की आशंका सताती रही। इस बीच जितनी मुंह उतनी बातें घटना को लेकर होती रही। एसडीओ, डीएसपी, बीडीओ सहित अन्य अधिकारी घटनास्थल पर आक्रोशितों का कोप भाजन का शिकार होते रहें। पढे़ घटना की इनसाइड स्टोरी.….!
चार घंटे तक रहा सड़क जाम, परेशान दिखे परीक्षार्थी व राहगीर : शनिवार सुबह सिमरी बख्तियारपुर – सहरसा मार्ग में बगरौली ढाला के निकट हुए घटना के बाद प्रशासनिक सुस्ती की वजह से लगभग चार घंटे तक सड़क जाम रहा। इस दौरान ग्रामीण काफी आक्रोशित थे। ग्रामीण एंबुलेंस से लेकर पदाधिकारी तक को बुलाने की मांग कर रहे थे। परंतु प्रशासनिक लेट – लतीफी की वजह से जो मामला तुरंत शांत हो सकता था। वह लगभग चार घंटे बाद शांत हुआ। इस बीच परीक्षार्थी व राहगीर जाम में फंसे रहे। लोग रेलवे लाइन होकर आते जाते दिखे।
ढाई बजे पहुंची एसडीओ : शनिवार सुबह ग्यारह बजे हुई घटना की सूचना जैसे ही बख्तियारपुर थाना को मिली उसके बाद पुअनि महेश रजक के नेतृत्व में दल – बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। परंतु घटनास्थल पर ग्रामीणों के आक्रोशित होने की वजह से पुअनि द्वारा स्थिति तनावपूर्ण होने की सूचना बख्तियारपुर थानाध्यक्ष को दी गई। जिसके आधे घण्टे बाद बख्तियारपुर थानाध्यक्ष कृष्ण कुमार घटनास्थल पर पहुँचे।
थानाध्यक्ष के पहुंचने के उपरांत कई बार थानाध्यक्ष और आक्रोशित ग्रामीणों के बीच बहस हुई। इस दौरान पुलिस गाड़ी में भी तोड़फोड़ की गई। ग्रामीण उच्चस्थ पदाधिकारी को बुलाने की मांग कर रहे थे। थानाध्यक्ष ने स्थिति के खराब होने की सूचना उच्चस्थ पदाधिकारी को दी। इस दौरान खूब हंगामा होता रहा। स्थिति के सुधार के लिए पुलिस बलों की जरूरत थी। लेकिन घटनास्थल पर बख्तियारपुर थाना के अलावा दो घंटे तक कोई अन्य थाना की पुलिस नही पहुंचने की वजह से बख्तियारपुर पुलिस पूरी तरह परेशान थी।
दो घंटे बाद पहुंचे डीएसपी : घटना के लगभग दो घण्टे बाद सिमरी बख्तियारपुर डीएसपी इम्तियाज अहमद घटनास्थल पर पहुंचे। वही अन्य थानों की पुलिस भी काफी विलंब से घटनास्थल पर पहुंची। जिसके बाद मान – मनोव्वल शुरू हुआ। इस दौरान एम्बुलेंस और उच्चस्थ पदाधिकारी को बुलाने पड़ लोग अड़े रहे। 12 बजे से उच्चस्थ पदाधिकारी के बुलाने पर अड़े लोग आक्रोशित ग्रामीण लगभग ढाई बजे बीडीओ और एसडीओ के आने के बाद शांत हुए। पदाधिकारी के पहुंचने के बाद बीडीओ अमित कुमार द्वारा मृतक युवकों के परिजनों को चेक दिया गया। तब रोड जाम समाप्त हुआ।
हिरासत में लिया गए चालक ने कहा बाइक ब स्कूटी में हुई टक्कर : सिमरी बख्तियारपुर – सहरसा मार्ग में बगरौली ढाला के निकट शनिवार सुबह हुई सड़क दुर्घटना में दो सगे भाइयों की मौत का जिम्मेवार आक्रोशित ग्रामीण टेंपो चालक राजेश कुमार को बता रहे थे। ग्रामीणों का कहना है कि स्कूटी सवार दोनो भाई की टक्कर टेंपो से हुई थी। परंतु टेंपो चालक की बात पर यदि यकीन करें तो स्कूटी और आपाची बाइक में टक्कर के वजह से दोनो भाइयों की जान गई।
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सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल अस्पताल में इलाजरत टेंपो चालक सलखुआ अंतर्गत चौराही निवासी राजेश कुमार ने बताया कि शनिवार सुबह ग्यारह बजे के करीब वह सहरसा से टेंपो ले कर आ रहे थे। बगरौली ढाला के निकट ऑटो के एक यात्री को शौच लग जाने की वजह से उन्होंने गाड़ी को रोक दिया। ऑटो रोकने के पश्चात यात्री शौच के लिए चला गया। इसी दौरान बख्तियारपुर की ओर से आ रही स्कूटी और सहरसा इधर से आ रही ट्रिपल लोड अपाची में टक्कर हो गई।
टक्कर उपरांत स्कूटी पर सवार दोनो भाई और अपाची सवार युवक गिर गए। अपाची सवाल को सिर में चोट भी लगी, लेकर वह वहां से भाग गया। ऑटो ड्राइवर ने बताया कि घटना उपरांत उन्होंने आनन – फानन में दोनो भाइयों को उठाना शुरू किया। इसी दौरान अपाची सवार तीनो युवक भाग खड़े हुए। अपाची सवार के भागते ही आसपास के लोग घटनास्थल पर पहुंच गए और उन्होंने यह समझ लिया कि स्कूटी की टक्कर मेरे ऑटो से हुई है। जिसके बाद सभी ने घेर कर मेरी पिटाई शुरू कर दी।
होनहार था दोनों भाई : सड़क हादसे में मौत के शिकार हुए रौशन कुमार एवं रूपेश कुमार बड़े होनहार था। बड़ा भाई रौशन इंटरमीडिएट की परीक्षा देकर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी पूर्णिया में रहकर करता था, छोटे भाई रूपेश कुमार को मैट्रिक की परीक्षा दिलाने आया हुआ था। ग्रामीण बताते हैं कि बड़ा भाई रौशन मैट्रिक परीक्षा में सिमरी बख्तियारपुर में टॉप टेन में जगह बना 88 प्रतिशत अंक प्राप्त किया था। वह हाल में ही एनडीए की परीक्षा दिया था। वहीं छोटे भाई रूपेश भी पढने में काफी तेज था।
हेलमेट रहती तो बच सकती थी जान : घटनास्थल पर मौजूद कई लोगों ने बताया कि दोनों भाई स्कूटी से परीक्षा देने सहरसा जा रहा था, अगर हेलमेट पहने रहता तो जान बच सकती थी क्योंकि दुर्घटना के बाद शरीर मे खरोंच भी नहीं लगी, सिर में अत्यधिक चोट एवं खून निकलने की वजह से तत्काल उस दोनो की मौत घटनास्थल पर ही हो गई।
घर का बुझ गया चिराग : रायपुरा पंचायत के बालू टोल बदिया निवासी संजय सिंह को सिर्फ दो पुत्र रौशन कुमार एवं रूपेश कुमार ही था कोई ओर संतान नहीं था। दोनो की मौत से संजय सिंह के घर का चिराग बुझ गया। संजय सिंह सुपौल जिले के निर्मली में एक प्राइवेट कंपनी में सुपरवाइजर के पद पर काम करता था। वह शुक्रवार को ही महाराष्ट्र से कंपनी का समान खरीद निर्मली आया था। घटना की जानकारी पर वह घटनास्थल पहुंचा।
जनप्रतिनिधि रहे मौजूद : घटना के बाद स्थानीय कुछ नेता जिनमें जदयू प्रखंड अध्यक्ष उपेन्द्र सिंह कुशवाहा, रायपुरा मुखिया प्रतिनिधि पवन राम, पंचायत समिति सदस्य अरविंद सिंह कुशवाहा, रविन्द्र कुमार, महखड़ पैक्स अध्यक्ष रंजीत यादव, सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड प्रमुख शबनम कुमारी सहित अन्य पहुंच आक्रोशितों को समझाने बुझाने का प्रयास शुरू कर दिया। आक्रोशित चार-चार लाख रुपए का चेक घटनास्थल पर ही देने की मांग पर अड़े रहे।
क्या कहते हैं डीएसपी : वहीं डीएसपी इम्तियाज अहमद ने बताया कि दो छात्रों की मौत सड़क दुघर्टना में हुई है, ऑटो चालक राजेश कुमार को हिरासत में लेकर ऑटो को जब्त कर लिया गया है। पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज अग्रतर कार्रवाई में जुट गई है।