पहली बार ओवरब्रिज की लागत थी 9.35 करोड़ अब हुआ 170 करोड़

सहरसा के बंगाली बाजार रेलवे ढाला पर 170 करोड़ राशि से रोड ओवरब्रिज का निर्माण होगा। रेलवे से संशोधित जीएडी ( जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग) को स्वीकृति मिलने के बाद बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने डीपीआर तैयार किया है।तैयार डीपीआर को प्रशासनिक स्वीकृति के लिए मुख्यालय स्थित विभाग को भेजा है।

बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के एसडीओ प्रतीक कुमार ने कहा कि 170 करोड़ राशि से शहर के बंगाली बाजार ढाला समपार संख्या 31 पर रोड ओवरब्रिज तैयार करने के लिए डीपीआर तैयार किया गया है। डीपीआर को प्रशासनिक स्वीकृति के लिए मुख्यालय भेजा गया है। प्रशासनिक स्वीकृति मिलते टेंडर निकालते कार्यएजेंसी का चयन करते आरओबी निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।

लंबाई एक हजार मीटर और चौड़ाई साढ़े आठ मीटर रहेगी : एसडीओ ने कहा कि आरओबी की लंबाई एक हजार मीटर और चौड़ाई साढ़े आठ मीटर रहेगी। रेल सेक्शन में समपार संख्या 31 पर आरओबी की ऊंचाई साढ़े छह मीटर रहेगी। शहर के पूरब बाजार स्थित पेट्रोल पंप समीप से बंगाली बाजार, शंकर चौक, दहलान चौक होते महावीर चौक से पहले तक आरओबी निर्माण होगा। पूरब बाजार स्थित पेट्रोल पंप समीप से उठा आरओबी महावीर चौक से पहले गिरेगा। आरओबी का एलायमेन्ट सीधा रखा गया है। शंकर चौक के पास यह मुड़कर महावीर चौक तरफ जाएगा।

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आरओबी का एप्रोच डी. बी. रोड तरफ रखना भी डीपीआर में शामिल किया गया है। आरओबी का निर्माण जल्द से जल्द हो इसके लिए बिहार राज्य पुल निर्माण निगम और रेलवे लगातार प्रयासरत है। उल्लेखनीय है कि डी. बी. रोड की तरफ एप्रोच रखने का रेलवे व निगम का मकसद यह है कि बिना किसी रुकावट के वाहन डी. बी. रोड और महावीर चौक होकर आए व जाए।

बंगाली बाजार ढाला पर आरओबी का वर्षों से है इंतजार : शहर के मुख्य जाम स्थल बंगाली बाजार रेलवे ढाला समपार संख्या 31 पर आरओबी निर्माण का वर्षों से लोगों को इंतजार है। आरओबी नहीं रहने के कारण जाम में फंसकर हर रोज होने वाली फजीहत से निजात दिलाने की मांग को लेकर कई बार आंदोलन तक हो चुका है। लेकिन कई तरह के अड़ेंगे और जटिल कागजी प्रक्रियाओं के कारण आरओबी निर्माण अटकता चला आता रहा है। एक बार फिर से डीपीआर तैयार होने के बाद जल्द आरओबी निर्माण होने की उम्मीद बंधी है।

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अगर बंगाली बाजार ढाला पर आरओबी निर्माण हो गया तो जाम की समस्या बंगाली बाजार, पूरब बाजार, डी. बी. रोड, शंकर चौक, दहलान चौक, गांधी पथ, कपड़ापट्टी और महावीर चौक-चांदनी चौक मार्ग से दूर हो जाएगी। लोगों का आवागमन सुलभ हो जाएगा। जाम में फंसकर घंटों होने वाली समय और पेट्रोल व डीजल की बर्बादी झेलनी नहीं पड़ेगी। सहरसा स्टेशन पर ट्रेनों के आगमन और इंजन संटिंग के दौरान रेल फाटक गिरने से होने वाली परेशानी दूर होगी।

तीन शिलान्यासों का बन चुका है गवाह : शहर का बंगाली बाजार समपार संख्या 31 ऐसी इकलौती जगह है जहां तीन शिलान्यास के बाद भी अब तक आरओबी निर्माण नहीं हो सका है। आरओबी निर्माण के लिए पहला शिलान्यास 22 अप्रैल 2000 को तत्कालीन रेल राज्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने किया था। उस समय निर्माण के लिए 9.35 करोड़ राशि की स्वीकृति दी गई थी। इसके पांच साल बाद 12 जून 2005 को तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद ने इसका शिलान्यास किया। उस समय लागत राशि 15 करोड़ तय की गई। तीसरी बार 22 फरवरी 2014 को तत्कालीन रेल राज्यमंत्री अधीर रंजन चौधरी ने इसका शिलान्यास किया। उस समय लागत राशि 57.54 करोड़ तय करते दो बार की रेल बजट में दस-दस लाख राशि का प्रावधान किया गया।

निर्माण में विलंब से बढ़ती जा रही लागत राशि : आरओबी निर्माण में विलंब (देरी) के कारण लागत राशि बढ़ती जा रही है। इसका अंदाजा आप पूर्व में तैयार डीपीआर की लागत राशि का अध्य्यन कर लगा सकते। अगर वर्ष 2014 में आरओबी निर्माण के लिए निर्धारित राशि को ही देखें तो 57.54 करोड़ रुपए थी। इनपुट : रंजीत, दैनिक हिन्दुस्तान।

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