सात निश्चय योजना में तकनीकी स्वीकृति के बाद भी प्रशासनिक स्वीकृति व राशि हस्तानांतरित नहीं करने का मामला

बीडीओ ने ‌सात दिनों के अन्दर मामले का निपटारे का दिया अल्टीमेटम

राशि हस्तानांतरित व प्रशासनिक स्वीकृति नहीं देने पर डीएम को लिखा जाएगा पत्र 

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) ब्रजेश भारती की रिपोर्ट :-

सहरसा जिले के विभिन्न पंचायतों में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना अपने मुल उद्देश्य में विफल होती नजर आ रही है। 
आए दिन इस योजना में जमीनी स्तर से लेकर वरीय स्तर तक गड़बड़ी की शिकायत मिलना आम बात हो गई है। गत दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सहरसा आगमन पर उनके ही मंच से जाप संरक्षण पप्पू यादव ने सरेआम इस योजना में लूट खसोट की बात रखी थी। यह दिगर बात रही थी मुख्यमंत्री इस पर कुछ भी बोलने से बचते निकल गए थे।

इसी योजना के तहत ताजा मामला सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के सिमरी पंचायत से सामने आया है। वार्ड नं चार के वार्ड सदस्या ने पूर्व में मुखिया व पंचायत सचिव पर कई गंभीर आरोप लगा प्रशासनिक स्वीकृति व खाते में राशि भेजने को लेकर 18 प्रतिशत कमीशन मांगने की बात कही थी। जिसको लेकर एक दिवसीय धरना भी दिया गया था। 
इसी के आलोक में सिमरी बख्तियारपुर बीडीओ मनोज कुमार मुखिया व पंचायत सचिव को एक पत्र प्रेषित कर सात दिनों के अन्दर वार्ड नं चार के योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति देने के साथ खाते में राशि हस्तानांतरित करने का निर्देश दिया है। 
भेजे पत्र में बीडीओ ने कहा है कि पंचायती राज विभागीय ज्ञापांक 5752 दिनांक 30 जून 2017 के दिशा-निर्देश के कंडिका 6.2 के उपकंडिक तीन के ग्राम पंचायत द्वारा विहित प्रक्रिया के अनुरूप सात दिनों के अंदर योजना की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की जायेगी। इनके अनुसार योजना के प्राक्कलन राशि के 60 प्रतिशत राशि वार्ड क्रियान्वयन के खाते में भेजा जायेगा। लेकिन आपलोगो के द्वारा टालमटोल किया जा रहा है। 

निर्देश दिया जाता है कि एक सप्ताह के अंदर वार्ड क्रियान्वयन एव प्रबंधन समिति के खाते में राशि भेजना सुनिश्चित करे, नही तो बाध्य होकर पंचायती राज अधिनियम के धारा 18 के उपधारा 5 तहत आवश्यक करवाई के लिये जिला पदाधिकारी को अग्रसारित कर दिया जायेगा। इस धारा के तहत पंचायत प्रतिनिधियों को पद से हटाने का प्रावधान किया गया है।