तीन वर्षों से कैंसर बिमारी से ग्रस्त था जवान भारतेंदु, 2003 में ज्वाइन की थी नौकरी

पटना के पारस हॉस्पिटल में लिया अंतिम सांस, पांच वर्षीय पुत्र ने दी मुखाग्नि

सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) ब्रजेश भारती : सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर के भटपुरा निवासी सीआरपीएफ के जवान भारतेन्दु कुमार आखिर जिंदगी का जंग कैंसर से लड़ते-लड़ते हार गया। पटना के पारस हास्पिटल में बुधवार की सांस उसने अंतिम सांस लिया।

गुरूवार को पैतृक गांव भटपुरा सीआरपीएफ की गाड़ी से मृतक जवान का शव लाया गया। शव गांव पहुंचते ही पुरा वातावरण गमहीन हो गया। शव को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। मृतक जवान वर्तमान में सीआरपीएफ कैंप मोकामा में पोस्टेड था।

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मृतक जवान के भाई आनंद साह ने बताया कि भाई के अंदर बचपन से ही देशभक्ति का जज्बा था और वह बचपन से ही सेना में जाने की बात कहता था और हमलोगों ने भी उसकी इस इच्छा की पुर्ति हेतु भरपुर सहयोग किया और उसने अपनी ललन से वर्ष 2003 में सेना ज्वाईन किया था।

चचेरा भाई एवं पंचायत के मुखिया टंडन पुरूषोत्तम ने कहा भारतेन्दु काफी मिलनसान स्वभाव का था वह जब भी छुट्टी में घर आता ग्रामीणों से घिरा रहता था और ड्यूटी के दौरान बीते समय का चर्चा करता रहता था। वह बचपन ही निडर व निर्भीक था और उसके अंदर देश के लिए कुछ कर गुजरने जज्बा था ।

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उन्होंने बताया कि 15 दिन पूर्व बिमार होने पर पारस में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। एक माह पहले ही मोकामा में पोस्टिंग हुई थी। मौत होने की जानकारी देर शाम ही पटना से मिल गया था। वहीं गांव में ही पार्थिक शरीर को उसके पांच वर्षीय बड़ा पुत्र केशव कुमार और छोटा पुत्र ॠषव कुमार ने मुग्खनि दिया इस सभी की आंखे नम थी।