प्रमाणपत्र बनाने में हो रही देरी पर आक्रोशित नजर आएं आवेदक
- सीओ बोली कर्मी की कमी व आवेदन की संख्या अधिक होने से जांच में हो रही देरी
सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) बिहार में जाति एवं आर्थिक जनगणना के बाद राज्य सरकार के द्वारा चिन्हित गरीब परिवारों को रोजगार के लिए 2 लाख रुपए दिए जाने की घोषणा के बाद अंचल कार्यालय में सुबह से ही आय प्रमाण-पत्र बनाने के लिए भीड़ उमड़ रही है। भीड़ की वजह से अंचल कार्यालय में सुबह से लेकर शाम तक आवेदकों का जमावड़ा लगा रहता है।
मंगलवार को आय प्रमाण-पत्र बनाने में हो रही विलंब को लेकर नगर परिषद के माखन टोला के दर्जनों महादलित महिलाओं ने हंगामा किया। हंगामा कर रही महिलाओं ने कहा कि आवेदन करने के बाद आज कल कर किया जा रहा है। कोई सुनने वाला नहीं है। जबकि बिचौलियों के माध्यम से बहुतों का प्रमाणपत्र बन रहा है हमलोगों को कोई सुनने वाला नहीं है।
क्या कहती है महिलाएं : आक्रोश व्यक्त कर रही महिला सीता देवी, कमल मुक्ति देवी, बेचनी देवी, दिलीप सादा, रामपरिया देवी, नंदकिशोर सादा, अकाली देवी, रघु सादा, सरस्वती देवी, संजुला देवी, सोनी देवी, शांति देवी, फेकन सादा, मीरा देवी, तेतर देवी, सुनीता देवी, बेचनी देवी, अशोक सादा, केली देवी, रभा देवी, दीपा देवी, पति रंजित सादा, नवल सादा लक्ष्मी कुमारी आदि ने बताया की रोज टाल-मटोल किया जा रहा है। जबकि आवेदन करने की तिथि 20 तक ही है।
अगर जल्दी आय प्रमाण-पत्र नही बनाता है तो फिर हमलोग केसे आवेदन ऑनलाइन कर पाएंगे। राजस्व कर्मचारी के द्वारा जानबूझकर विलंब किया जा रहा है ताकि इनका लाभ नहीं ले सके। इन महिलाओं ने कहा कि कई लोगों का आवेदन बन गया है चुंकि कुछ बिचौलियों कर्मचारी से साठ-गांठ कर प्रमाण पत्र बना रहा है। हमलोग को कोई नहीं देख रहा है।
20 फरवरी तक आवेदन देने की है अंतिम तिथि : बिहार सरकार के द्वारा जाति एवं आर्थिक जनगणना के बाद बिहार में 94 लाख गरीबों को चिन्हित किया है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने घोषणा किया है की चिन्हित गरीबों को रोजगार के लिए 2 लाख रुपए दिया जाएगा। इसमें में कई तरह का योजना शामिल है। अगर 20 फरवरी से पहले तक आय प्रमाण-पत्र पत्र नही बनता है तो फिर आवेदन जमा नही हो पाएगा।
क्या कहती है प्रभारी सीओ : इस संबंध में प्रभारी सीओ खुशबू कुमारी ने कही कि योजना की वजह से आवेदन की संख्या में अत्यधिक भीड़ बढ़ गई है। कर्मी की कमी से जांच जल्दी हो पाना संभव है। बिना जांच के कोई कर्मचारी कैसे किसी का आय निर्धारित कर सकेगा। लोग एक दो दिन में ही प्रमाण पत्र देने की मांग करते हैं। जबकि दस दिन का समय निर्धारित है। हदतक आवेदनों की जांच कर प्रमाण-पत्र बनाया जा रहा है।