सभी तस्कर हुआ फरार, सात गठरी में बंधा था सभी कछुए

सहरसा : नई दिल्ली- सहरसा 12554 वैशाली सुपर फास्ट एक्सप्रेस से शुक्रवार की रात तस्करी के लिए लाए गए 185 दुर्लभ प्रजाति के जिंदा कछुआ को आरपीएफ की टीम ने जांच के दौरान ट्रेन के स्लीपर कोच से बरामद किया। सभी कछुआ स्लीपर कोच एस- टू से बरामद किया गया।

हालांकि लावारिस हालत में जिंदा कछुआ सात बोरा में बंद कर सहरसा लाया जा रहा था। जिसे बरामद करने के दौरान आरपीएफ ने प्लेटफार्म पर आसपास के यात्री से भी पूछताछ की, लेकिन किसी ने कुछ नहीं बताया। ऐसा माना जा रहा है कि यह कछुआ सहरसा से भी नेपाल के रास्ते कहीं अन्यत्र ले जाने की योजना रही होगी।

तत्काल आरपीएफ इंस्पेक्टर वंदना कुमारी इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारी को दी। शनिवार को आरपीएफ की टीम ने वन विभाग के अधिकारी के सामने कछुए वाली सभी गठरी को खोलकर कछुए की गिनती की गई और सुरक्षित 185 जिंदा कछुआ सुपुर्द कर मामला वन विभाग को सौंप दिया।

जानकारी के मुताबिक 12554 नई दिल्ली सहरसा वैशाली सुपर फास्ट एक्सप्रेस शुक्रवार को तीन घंटा देरी से सहरसा जंक्शन स्थित प्लेटफार्म नंबर एक पर आई थी। पैसेंजर के उतरने के दौरान आरपीएफ इंस्पेक्टर वंदना कुमारी, एएसआई रणविजय बहादुर शर्मा, हेड कांस्टेबल रजा अहमद, फैज कांस्टेबल प्रेम किशोर प्रेम और संतोष पांडे गश्त में थे।

जब स्लीपर कोच संख्या एस टू, 154710 कोच के जांच के दौरान बर्थ के नीचे आरपीएफ ने देखा कि सात गठरी लावारिस हालत में पड़े हैं। जब सभी गठरी की जांच की गई तो सभी में देसी जिंदा कछुआ बंद था। इसके बाद आरपीएफ ने सभी गठरी को उतार कर आरपीएफ पोस्ट पर लाया। इसके बाद गिनती की गई तो 185 कछुआ मिला।

शनिवार को मामला वन विभाग को सुपुर्द कर दिया गया। आरपीएफ इंस्पेक्टर वंदना कुमारी ने बतायी कि ये पूरी तरह से कछुए की तस्करी का मामला है। चूंकि मौके पर कोई पकड़ा नहीं गया, तस्करी से जुड़े लोग फरार हो गया अन्यथा नेटवर्क का और भी खुलासा होता। जानकार बताते हैं कि विदेशों में तस्कर इस प्रकार के कछुए को ऊंची कीमत पर तस्कर बेचते हैं।

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