चांद के चारों ओर बने रिंग देख लोग एक दूसरे को सूचना दे चांद देखने की बात कही

सहरसा : अभी अभी यानि रविवार की रात चंद्रमा के चारों ओर विशेष घेरा लोगों की कौतुहल का विषय बन गया। लोग एक दूसरे को फोन पर सूचना देकर चांद देखने को कह रहा था।आकाश में इस छल्ले को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं रहीं।

कुछ इस प्रकार था चांद के चारों ओर

ऐसा संयोग देखने के लिए लोग छतों पर पहुंचते रहे। सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर मुख्य बाजार, रंगिनिया, शर्मा चौक सहित विभिन्न स्थानों से लोग चांद देखने वाहर आ गए और एक दूसरे को फोन, व्हाट्सएप सहित अन्य माध्यमों से सूचना देने में लगे रहे। पौराणिक मान्यता के अनुसार देवताओं के जागने के समय ऐसा दुर्लभ संयोग बनता है।

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वही बड़े बूजूर्गो ने चांद के इस स्वरूप को यह कह बयां किया की देवी देवताओं का सभा लगने पर इस तरह का होता है। वहीं कुछ जानकारों का मानना है कि उपरी वायुमंडल में चांद की किरणों के प्रभाव के कारण ऐसा होता है।

हैलो ऑफ मून’ नई बात नहीं : मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एके सेन की मानें तो यह कोई नई बात नहीं है। सितम्बर-अक्टूबर और फरवरी-मार्च के महीने में अमूमन ऐसा देखा जाता है। इस समय चांद के चारों तरफ गोल घेरा बन जाता है, जिसे ‘हैलो ऑफ मून’ कहते हैं।

दरअसल आकाश में बादलों में आइस क्रिस्टल होते हैं जो कई बार चांद की रोशनी से टकराते हैं। इससे रोशनी प्रतिबिम्बित होती है और इस तरह का घेरा बनता हुआ दिखता है।

सामान्य खगोलीय परिघटना : मौसम विज्ञानी एके सेन के अनुसार यह एक सामान्य खगोलीय परिघटना है और इसको लेकर डरने की जरूरत नहीं है। इसे कुछ लोग मून रिंग या विंटर हैलो के अलावा निम्बस या आइसबो भी कहते हैं। कई बार यह सूर्य के भी चारों तरफ घेरा बनता है और ऐसी स्थिति में इसे सोलर हैलो कहते हैं। श्रोत- इन्टरनेट