सहरसा पहुंचे सीएम ने स्वतंत्रता सेनानी के प्रतिमा का किया अनावरण
  • आज नीतीश कुमार के बदौलत आपके बीच हूं खड़ा : आनंद मोहन

सहरसा से वरिष्ठ पत्रकार अनिल वर्मा की रिपोर्ट : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को सहरसा जिले के बिहरा थाना क्षेत्र अंतर्गत पंचगछिया गांव पहुँच कर पूर्व सांसद आनंद मोहन के दादा स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय रामबहादुर सिंह एवं चाचा पद्मानंद सिंह उर्फ ब्रह्मचारी सिंह के प्रतिमा का अनवारण किया।

इस दौरान मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया गया था। स्वतंत्रता सेनानी के प्रतिमाओं के अनवारण उपरांत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, पूर्व सांसद आनंद मोहन, पूर्व सांसद लभली आनंद सहित अन्य नेताओं ने जनसभाओं को संबोधित किया।

जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद आनंद मोहन के छोटे पुत्र अंशुमान मोहन ने कहा कि आज जब 16 वर्षों के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मेरे पिताजी एक मंच पर है तो कुछ लोगों में बौखलाहट हो गया है। वहीं पूर्व सांसद लभली आनंद ने अपनी बातों को रखते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार की जिन्होंने समय देकर स्वतंत्रता सेनानी के मूर्ति अनावरण में समय दिया।

सभाओं को संबोधन करने से पहले पूर्व सांसद आनंद मोहन ने मंच से नीतीश कुमार और ललन सिंह के जिन्दावाद का नारा लगाया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज 16 वर्षों के बाद अगर मैं आप लोगों के बीच खड़ा हूँ तो इसमें सबसे बड़ा योगदान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का है जिन्होंने नियमों में संशोधन करके मुझे बाहर लाया है। इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करता हूँ।

उन्होंने कहा कि देश में तीन गांधी थे जिसमें पहले गांधी थे महात्मा गांधी, दूसरे गांधी खान अब्दुल गफार खान थे जिनको सीमांत गांधी कहा जाता है। और देश की आजादी में कोसी के गांधी के रूप में मेरे दादा रामबहादुर सिंह थे। उन्होंने कहा मुझे दुःख है कि इस प्रतिमा के अनावरण में देश की आजादी के बाद 77 वर्ष लग गया।

वहीं बातों बातों में उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पंचगछिया को अनुमंडल बनाने की मांग कर बैठे और बताया कि यह प्रस्ताव आपके पास है।

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वहीं सभा को संबोधित करते हुए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि एक परिवार से दो स्वतंत्रता सेनानी बिरले ही सुनने को मिलता है। देश की सत्ता में बैठे कुछ लोग देश की आजादी के इतिहास को मिटाना चाहते हैं। आज दो स्वतंत्रता सेनानी के प्रतिमा का अनावरण हुआ है जो गौरव की बात है।

वहीं अंत में सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा पूर्व सांसद आनंद मोहन के कहने पर यहाँ आया हूँ। उन्होंने कहा कि यहां आने के बाद पता चला कि 1901 में जन्म लिए स्वर्गीय राम बहादुर सिंह देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले व्यक्ति थे। 1949 ईस्वी के आसपास उनका निधन हुआ। पद्मानन्द सिंह उर्फ ब्रह्मचारी जी जो उनके पुत्र थे भी देश की आजादी में भाग लिए। यह बड़े ही गौरव की बात है।

केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अभी ललन सिंह ने बताया कि केंद्र की सत्ता में बैठे लोग देश की आजादी के इतिहास को मिटाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 1934 में जब भूकंप आया था तो भयानक आपदा जैसी हालत थी और उस समय स्वतंत्रता सेनानी राम बहादुर सिंह की धर्मपत्नी कुंती देवी ने 04 किलो सोना चांदी महात्मा गांधी के झोला में सहयोग हेतु दे दिया था।

सबसे बड़ी बात की उस समय गांधी जी के साथ रामबहादुर बाबु लोगों को नशा नही करने की खिलाफ मुहिम चला कर लोगों को जागरूक करने का प्रयास करते थे। एक परिवार से आधे दर्जन से अधिक लोग जेल की सलाखों में देश की आजादी के लिए कुर्बानी दिए यह अपने आप में बहुत बड़ी कुर्बानी थी।

बातों बातों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व सांसद आंनद मोहन से कहा जहां राजनीति करना हैं आप राजनीति करें लेकिन यह रिश्ता तो पुराना है। कल भी आपके माँ से आशीर्वाद लेते थे और आज फिर आपके घर जाकर माँ से आशीर्वाद लेगें। उन्होंने कहा कि जो कुछ बातें है उनको पटना आकर रखिये 17 वर्षों से सेवा कर रहा हूँ जो बातें होगी उस पर भी काम होगा।

मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में कई मंत्री, विधायक, सांसद एवं फ्रेंड्स ऑफ आनंद के कार्यकर्ता और जदयू के हजारों कार्यकर्ता मौजूद रहे।