बिहार के पत्रकारों ने एकजुट होकर रखी अपने हक और संसाधनों की मांग
- बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन का राज्य सम्मेलन संपन्न, नई कमेटी गठित
औरंगाबाद सम्मेलन से लौटकर वरिष्ठ पत्रकार अनिल वर्मा की खास रिपोर्ट : बिहार के पत्रकारों ने एकजुट होकर अपने लिए संसाधनों और अपने हक की मांग की है। यह केंद्रीय स्वर रहा बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के औरंगाबाद जिला मुख्यालय में शनिवार को आयोजित राज्य सम्मेलन का जिसमें बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की नई राज्य कार्यकारिणी का भी गठन किया गया। इस एक दिवसीय सम्मेलन में सुबे के आठ पत्रकारों को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
इस सम्मेलन को औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह, औरंगाबाद के विधायक आनंद शंकर सिंह, विधान पार्षद तथा निदेशक जाकिर हुसैन संस्थान समीर कुमार सिंह, वरिष्ठ पत्रकार चौथी दुनिया के संपादक तथा पूर्व सांसद संतोष भारतीय, बिहार के पूर्व पर्यटन मंत्री सुरेश पासवान, भारत सरकार एमएसएमई निर्देशक दैनिक जागरण के पूर्व संपादक हरेंद्र प्रताप सिंह, इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एसएन सिन्हा, बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के नए सत्र के नवनिर्वाचित अध्यक्ष तथा यूएनआई के पूर्व ब्यूरो प्रमुख महेश कुमार सिंह, यूनियन के महासचिव कमलकांत सहाय, यूएनआई रांची के ब्यूरो प्रमुख तथा भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों के सलाहकार विनय कुमार, इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमरमोहन प्रसाद, यूनियन के राष्ट्रीय सचिव शिवेंद्र नारायण सिंह, नव बिहार टाइम्स के संपादक और इस आयोजन के संयोजक तथा नवनिर्वाचित कमेटी के उपाध्यक्ष कमल किशोर ने संबोधित किया।
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार तथा टाइम्स आफ इंडिया के ब्यूरो इंचार्ज प्रेमेंद्र मिश्रा ने किया। इस मौके पर बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने एक प्रस्ताव भी पारित किया जिसे पटल पर वरिष्ठ पत्रकार कमल किशोर ने रखा। इसमें पत्रकारों के लिए सुविधाएं बढाए जाने, उनकी सुरक्षा के उपाय करने और विकास कार्यों में उनकी भागीदारी बढ़ाने को लेकर 21 प्रस्ताव पारित किए गए थे। इस दौरान एक समारिका चौथा स्तम्भ का भी विमोचन किया गया।
ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकार करते चुनौतीपूर्ण कार्य : सांसद – कार्यक्रम को संबोधित करते हुए औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह ने कहा कि पत्रकार विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकार बेहद चुनौती पूर्ण वातावरण में कार्य करते हैं। ऐसी स्थिति में उन्होंने पत्रकारों को हर संभव सुविधा दिए जाने की बात का समर्थन करते हुए कहा कि यह बेहद जरूरी है कि पत्रकार बिना आर्थिक दबाव में आए हुए स्वतंत्र रूप से एक सुरक्षित वातावरण में कार्य कर सकें।
उन्होंने पत्रकारों से भी अपील की कि वे सकारात्मक पत्रकारिता को जारी रखें। उन्होंने पत्रकारों के हितों के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए गए कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार प्रेस की आजादी के लिए बेहद संवेदनशील है और जो कुछ भी संभव हो सकेगा वह पत्रकारों के हित में किया जाएगा। उन्होंने पत्रकारों के हित में उठाए जाने वाले प्रत्येक कदम के साथ अपना समर्थन जताया।
विधायक आनंद शंकर सिंह कहिन : औरंगाबाद के विधायक आनंद शंकर सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हाल के दौर में पत्रकारों के समक्ष वास्तव में समस्याएं बढ़ी हैं और उनके कार्य क्षेत्र पर भी काफी दबाव आया है। उन्होंने कहा कि अगर हमें देश के लोकतंत्र को बचाना है तो हमें पत्रकारों का साथ देना होगा। उन्होंने पत्रकारों से भी एकजुट होकर अपनी मांग रखने की बात कही और पत्रकारों की मांगों से संबंधित हर प्रकार के सहयोग करने का आश्वासन दिया।
पूर्व सांसद सह वरिष्ठ पत्रकार संतोष भारतीय : वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व सांसद संतोष भारतीय ने कहा कि पत्रकारों के संगठन उतने प्रभावी नहीं रह गए हैं और ना वह पत्रकारों की समस्याओं को प्रभावी ढंग से उठा पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में सबसे ज्यादा जरूरी है कि पत्रकार एकजुट हो और अपनी मांगों को प्रभावशाली ढंग से रख सकें। इसलिए पत्रकारों तथा उनके संगठनों के बीच में एकता की बहुत आवश्यकता है।
विधान पार्षद समीर कुमार सिंह : विधान पार्षद समीर कुमार सिंह ने कहा कि वे तीन पीढ़ी से पत्रकारिता और राजनीति से जुड़े हैं और उन्हें पता है कि पत्रकार कितनी मुश्किल परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकार बिरादरी अपने आप में एक बेहद सशक्त बिरादरी है जिसे किसी से मांगने की जरूरत नहीं है। अगर वह एकजुट होकर अपनी आवाज़ उठाएं तो किसी की ताकत इतनी नहीं है कि वह उनकी बात को उपेक्षित कर दे। उन्होंने यह आश्वासन दिया कि वह पत्रकारों की मांगों को पूरा करने की दिशा में हर संभव प्रयास करेंगे।
कार्यक्रम संयोजक कहिन : कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सम्मेलन के संयोजक कमल किशोर ने कहा कि मौजूदा दौर में भारत का मीडिया कई संकटों का सामना कर रहा है। आज के दौर में पत्रकारिता पहले से ज्यादा जोखिम भरे तथा तनावपूर्ण माहौल का सामना कर रही है जिस पर चौतरफा दबाव कायम है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों तथा मीडिया से जुड़े गैर पत्रकारों को जो जरूरी सुविधा केंद्र और राज्य सरकारों से मिलनी चाहिए थी उसमें कोई इजाफा तो नहीं हुआ बल्कि पहले की अपेक्षा इन सुविधाओं में और भी ज्यादा कटौती हो गई है।
श्री किशोर ने श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की 21 सूत्री मांगों का जिक्र करते हुए कहा कि यह सभी ऐसी मांगे हैं जिससे न केवल पत्रकारों का भला होगा बल्कि समाज का, सरकार का भी भला होगा। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वह पत्रकारों की समस्याओं को दूर करने में अपनी प्रभावी भूमिका निभाएं।
लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किए गए राज्य के 8 वरिष्ठ पत्रकार : बिहार के 8 वरिष्ठ पत्रकारों को बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इनमें शिवेंद्र नारायण सिंह, अमर मोहन प्रसाद, विनय कुमार, अजीत प्रताप सिंह, त्रिपुरारी त्रिवेदी, अनिल कुमार वर्मा, अविनाश चंद्र मिश्र तथा प्रभाकर कुमार शामिल हैं। शिवेंद्र नारायण सिंह, अमर मोहन प्रसाद, विनय कुमार तथा अनिल कुमार वर्मा कार्यक्रम में मौजूद थे जिन्हें संसद और विधायक ने लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रदान किया।
कमेटी गठित : महेश सिंह अध्यक्ष, कमलकांत महासचिव तथा कमल किशोर बने उपाध्यक्ष – बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की नवगठित कार्यकारिणी में यूएनआई के पूर्व ब्यूरो प्रमुख महेश कुमार सिंह को अध्यक्ष चुना गया है। इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एसएन सिन्हा ने नई कार्यकारिणी के सदस्यों के नाम की घोषणा करते हुए बताया कि इसमें अध्यक्ष के अतिरिक्त महासचिव पद पर कमलकांत सहाय, उपाध्यक्ष पद पर कमल किशोर एवं विष्णु कांत मिश्रा चुने गए हैं।
रजनी शंकर एवं जितेंद्र कुमार सचिव बनाए गए हैं। इसके कोषाध्यक्ष शत्रुघ्न प्रसाद सिंह होंगे। कार्यकारी समिति के सदस्यों में शिवेंद्र नारायण सिंह, अमर मोहन प्रसाद, रवि उपाध्याय, निवेदिता झा, सरोज कुमार सिंह, अभय सिंह, धीरज, सीटू तिवारी, जरीन, लाल रत्नाकर, प्रभाकर सिन्हा, कृष्ण कुमार, सत्येंद्र कुमार सिंह एवं शशि मोहन “भारद्वाज”शामिल हैं।
ये हैं 21 सुत्री मांगें : बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के राज्य सम्मेलन में 21 सूत्री प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें बीमा, सुरक्षा, पेंशन और बुनियादी सुविधाओं का मामला शामिल था। यूनियन के उपाध्यक्ष कमल किशोर ने ये प्रस्ताव रखे जिन्हें सर्वसम्मति से पारित किया गया। इन प्रस्तावों में जो मांगें रखी गयी हैं उनमें सेवानिवृत पत्रकारों हेतु पेंशन योजना की राशि 6 हजार रु से बढ़ा कर 20 हजार रु करने, पेंशन पत्रकार सम्मान योजना के नियमों / शर्तों को पर्याप्त लचीला करने जिससे राजधानी से लेकर जिला एवं मुफस्सिल स्तर तक के पत्रकारों / संवाददाताओं को भी इस पेंशन योजना का लाभ मिल सके।
पत्रकार बीमा योजना में निहित राशि को 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपए करने, एवं राज्य सरकार का अंशदान 80 % से बढ़ा कर 90 % करने, बीमा योजना से नहीं जुड़ सके पत्रकारों तथा उनके परिवार को चिकित्सा अनुदान प्रदान करने, पत्रकारों को आवास के लिए 30 लाख रुपए तक की राशि के ऋण की व्यवस्था करने जिसके ब्याज की राशि का वहन राज्य सरकार करे, सभी प्रदेश एवं जिला स्तरीय कार्यक्रम कार्यान्वयन समितियों में कम से कम दो – दो पत्रकारों को शामिल करने, दिशा और अनुमंडल अनुश्रवण समितियों में भी हर स्तर पर दो – दो पत्रकारों को शामिल करने, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी की नियुक्तियों में 20 % पदों की भर्ती ( जो 5 से कम नहीं हो ) योग्य एवं पात्र पत्रकारों के बीच से सीधे तौर पर करने।
प्रत्येक प्रखंड में प्रखंड सूचना अधिकारी की नियुक्ति करने जो प्रखंड स्तरीय पत्रकारों के साथ सूचनाओं का आदान प्रदान कर सकें और सरकारी योजनाओं से अवगत करा सकें, प्रत्येक अनुमंडल में अपर जिला जनसंपर्क पदाधिकारी की पदस्थापना करने, राज्य के सभी निकायों / आयोग / बोर्ड में जनसंपर्क पदाधिकारी की नियुक्ति /पदस्थापना करने जिसमें पत्रकारों का भी कोटा निर्धारित हो।
राज्य सरकार विकास संबंधी एवं सकारात्मक रिपोर्टिंग करने वाले दो- दो पत्रकारों को प्रतिवर्ष राजधानी स्तर से लेकर जिला स्तर तक सम्मानित करने की व्यवस्था करें, राज्य सरकार के स्तर पर राजधानी प्रेस क्लब एवं जिलों के प्रेस क्लब की पंजीकृत समितियां को प्रेस क्लब भवन एवं उसके प्रबंधन कार्य को हस्तगत करने, राज्य स्तर पर मीडिया आयोग का गठन करने, पत्रकार कल्याण ट्रस्ट को सक्रिय करने ताकि इसका लाभ पत्रकार मित्रों को मिल सके।
सरकार की महिला सशक्तिकरण नीति के क्रम में जिला स्तर और प्रखंड स्तर पर कार्यरत महिला पत्रकारों को प्रोत्साहित करने की योजना सरकार के स्तर से बनाने, पत्रकारों की सुरक्षा से जुड़े सवालों को लेकर जिला स्तर पर पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष सेल का गठन करने जिसमें पत्रकारों का भी प्रतिनिधित्व हो, पत्रकारों पर चल रहे फर्जी मुकदमों को सम्यक जांचोपरांत वापस लेने।
इसके लिए एक विशेष जांच कमेटी भी गठित करने जिसमें पत्रकार संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हो, युवा एवं नए पत्रकारों को नियमित रूप से प्रशिक्षण देने हेतु सरकार के स्तर से पत्रकार संगठनों / यूनियन के माध्यम से विशेष स्थायी व्यवस्था की करने तथा प्रत्येक विश्वविद्यालय में पत्रकारिता की पढ़ाई शुरू करने, प्रत्येक जिले में पत्रकारिता के कोर्स का संचालन सुनिश्चित करने, जिलों में डीएम के मासिक पत्रकार सम्मेलन का आयोजन हर माह में हर हाल में सुनिश्चित करने और प्रत्येक सप्ताह में एक विभाग के साथ बैठक सुनिश्चित करने की मांग शामिल है।
बिहार के विभिन्न जिलों से शामिल हुए सैकड़ों पत्रकार प्रतिनिधि : बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के राज्य सम्मेलन में बिहार के विभिन्न जिलों से सैकड़ों पत्रकार प्रतिनिधि शामिल हुए। अतिथियों का स्वागत वरिष्ठ पत्रकार कमल किशोर के साथ-साथ रवीन्द्र कुमार सिंह रवि, श्रीराम अम्बष्ट, भूपेंद्र नारायण सिंह, सनोज पांडेय, सुजीत कुमार सिंह, अजय कुमार श्रीवास्तव, सतीश कुमार मिश्रा, संजय सिंह, मनीष कुमार श्रीवास्तव, मनीष तिवारी, अभिनेश सिंह, दीनानाथ मौआर, ओम प्रकाश सिंह विपुल, अरविंद सिंह, जितेंद्र सिंह, यशवंत सिंह, मिथिलेश कुमार दीपक, मंटू कुमार, धीरेंद्र पांडेय, मनोज कुमार सिंह आदि पत्रकारों ने किया गया से आए पत्रकार प्रतिनिधि तथा प्रभात खबर के वरिष्ठ पत्रकार कंचन सिन्हा, रोहतास के वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र मिश्रा, भभुआ के श्रीकांत पांडेय, दैनिक भास्कर के स्नेह रंजन आदि ने कहा कि यह सम्मेलन अपने उद्देश्यों की पूर्ति में सफल रहा है।
इस कार्यक्रम में विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता तथा भाजपा प्रदेश कार्य समिति के सदस्य अनिल कुमार सिंह, ऑल इंडिया हाकर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष इरफान अहमद फातमी ,जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश कार्य समिति सदस्य विश्वनाथ सिंह, भाजपा नेता आलोक सिंह, राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता सैयद शहजादा शाही आदि भी मौजूद थे।
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