सुल्तानगंज के कारीगरों द्वारा 216 फीट कांवर को दिया जा रहा अंतिम स्वरूप
- मटेश्वर धाम से 7 सितम्बर को जल भरने निकलेगी 216 फीट कांवर पदयात्रा
सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा) प्रखंड के बलवाहाट कांठों स्थित प्रसिद्ध बाबा मटेश्वरधाम मंदिर प्रांगण से भादो मास की दूसरे रविवार को प्रारंभ होने वाले 216 फीट कांवर पदयात्रा की तैयारी जोरशोर से चल रहा है। सुल्तानगंज के दर्जनों कारीगरों द्वारा कांवर को तैयार करने में दिन-रात लगे हैं। इस बार 12 ज्योतिर्लिंग के साथ – साथ अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर कांवर का आकर्षण का केंद्र होगा।
इसके अलावे मटेश्वर धाम का अद्भुत शिवलिंग, बाबा बासुकीनाथ मंदिर, भारत माता की मुर्ति सहित अन्य देवी देवताओं की कलाकृति बनाई जा रही हैं।
मंदिर कमेटी सह 216 फीट कांवर पदयात्रा कमेटी के लोगों ने बताया कि 7 सितंबर को यह पदयात्रा मंदिर प्रांगण से कांवर लेकर जल भरने के लिए निजी वाहन द्वारा मुंगेर के छर्रापट्टी के लिए निकलेगी। जल भरने के बाद 8 सितंबर को विधिवत कांवर पदयात्रा की शुरुआत होगी जो 10 सितंबर को विभिन्न मार्गों से चलकर बाबा मटेश्वर को जलार्पण के साथ सम्पन्न होगी। कांवड निर्माण में सुल्तानगंज के कारीगर राजा, शिव, विनय, महाराजा सहित दर्जनों कारीगर लगे हुए हैं।
लाखों की लागत से निर्माणधीन 216 फीट कांवड़ पदयात्रा श्रावणी मटेश्वर महोत्सव के मौके पर हर वर्ष निकाली जाती है। इस बार 27 वां श्रावणी मटेश्वर महोत्सव है। प्रबंधन कमेटी ने बताया कि इस मौके पर भक्ति संगीत का भव्य आयोजन किया गया है। देश व राज्य स्तर के नामचीन कलाकारों का समागम श्रद्धालुओं को देखने को मिलेगा।
पदयात्रा की जानकारी देते हुए कमेटी के सदस्यों ने बताया कि 7 सितम्बर को मटेश्वर मंदिर प्रांगण से 216 फीट कांवड़ पदयात्रा निजी वाहन से जलभरने के लिए मुंगेर के लिए रवाना होगी। मुंगेर घाट में रात्रि विश्राम के बाद सुबह उत्तरबाहिनी गंगा से जल भर कर पदयात्रा की विधिवत शुरुआत शुरू होगी।
गंगा घाट से खगरिया, मानसी, बदला घाट, धमहारा घाट के मां कात्यायनी मंदिर के रास्ते नौ सितंबर को सिमरी बख्तियारपुर पहुंचेगी। यहां रात्रि विश्राम के बाद पुनः सुबह बाबा मटेश्वर धाम के लिए प्रस्थान कर बाबा मटेश्वर का जलाभिषेक किया जाएगा। मंदिर प्रांगण में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।