जिप उपाध्यक्ष की पुत्री है जोशी, डिप्टी मेयर ने मिठाई खिला दी बधाई

सहरसा/ बिहार पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा, जिसे डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्रवेश प्रतियोगी परीक्षा (डीसीईसीई) के रूप में भी जाना जाता है में सहरसा की बेटी निगम जोशी ने परचम लहराते हुए सुबे में अव्वल स्थान प्राप्त की है। निगम जोशी सहरसा जिला परिषद के उपाध्यक्ष आरजेडी नेता धीरेन्द्र यादव की पुत्री है। परीक्षा में सफलता प्राप्त करने पर डिप्टी मेयर गुड्डू हयात ने बधाई देते हुए निगम जोशी को मिठाई खिलाकर उज्जवल भविष्य की कामना की।

निगम जोशी, फाइल फोटो

वहीं सफलता प्राप्त करने पर निगम जोशी कही कि कड़ी मेहनत और लगन से मुझे ये सफलता मिली है। मेरे माता-पिता ने लगातार मेरा हौसला बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत और लगन से कोई भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने बताई कि 24 मई को परीक्षा आयोजित की गई थी और 19 जुलाई को इसका रिजल्ट आया। उन्होंने कहा कि बच्चों को सेल्फ स्टडी करनी चाहिए। वे आगे कड़ी मेहनत करके आईएएस अधिकारी बनना चाहती है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षक, माता-पिता को दिया है।

वहीं अपनी पुत्री के सफलता पिता धीरेंद्र यादव व माता रीना कुमारी ने कहा कि बचपन से ही पढ़ाई में मेधावी एवं लगनशील थी। इसकी इस सफलता से हम सब गौरवांवित महसूस कर रहे हैं। आज जोशी ने मेरा ही नहीं पूरे जिले का नाम भी रोशन की है। आशा है कि आगे भी वह अपने मुकाम को हासिल करें। वहीं इस मौके पर डिप्टी मेयर गुड्डू हयात ने कहा कि ये खुशी का पल है। इस बच्चे से दूसरे बच्चों को प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है।

निगम जोशी के सफलता पर राजद जिलाध्यक्ष मो. ताहिर हुसैन, राजद के प्रदेश महासचिव धनिकलाल मुखिया, दीपक यादव, युवा नेता मो. मोबिन, सुरेंद्र यादव, मो. शाहनवाज, बिहारी, मंसूर खान, पिंटू परासर, संतोष मेहता, चंद्रकिशोर यादव, मनोज पासवान, गरिमा गुड़िया, शेर अफगान मिर्जा, अनिल भगत, मंशु, मो पप्पू, धीरज, मनोज दास, चंद्रकिशोर चौधरी, बिद्दू सिंह, नीरज यादव, मो. अख्तर एवं सोनू कुमार सहित कई लोगों ने हर्ष व्यक्त किया।

बिहार पॉलिटेक्निक की यह एक राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा है जिसमें भाग लेने वाले छात्र-छात्राएं को विश्वविद्यालयों द्वारा प्रस्तावित विभिन्न डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदकों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है। यह परीक्षा बिहार राज्य भर के सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों में प्रवेश पाने के लिए विभिन्न इंजीनियरिंग और गैर-इंजीनियरिंग कार्यक्रमों में डिप्लोमा करने के इच्छुक छात्रों के लिए प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करती है। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर, उम्मीदवारों को बिहार के विभिन्न सरकारी सहायता प्राप्त और निजी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में प्रवेश मिलता है।